
*नेत्रहीन लोगों के जीवन में रोशनी भरने के लिए नेत्रदान जरूर करेंः डॉ. मनीष दत्त
*नेत्रों की ज्योति खो चुके लोगों की ज्योति को दोबारा लाया जा सकता हैंः डॉ. एसके सोनी
*जिला महिला चिकित्सालय में नेत्र दान पखवाडे का आयोजन
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। हरिद्वार के जिला महिला चिकित्सालय में नेत्र दान पखवाडा का आयोजन जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. आरवी सिंह, की अध्यक्षता में किया गया। जिसके सम्बंध में एक गोष्ठी के माध्यम से उपचार के लिए अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों समेत उनके तीमारदारों को नेत्र दान के सम्बंध में जानकारी देते हुए जागरूक किया गया।
इस दौरान जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. आरवी सिंह ने बताया कि नेत्रहीन लोगों या फिर दुर्घटना में नेत्र खो चुके व्यक्ति के जीवन में दोबारा से रोशनी प्रदान करने के लिए लोगों को सामने आकर नेत्रदान करने का संकल्प लेना चाहिए। मृत्यु के पश्चात व्यक्ति की आंखों से दो लोगों के जीवन में दोबारा रोशनी दिलाई जा सकती है।
इस दौरान वरिष्ठ परामर्श दाता डॉ. मनीष दत्त ने लोगों से अपील की हैं कि अपनी नेत्रों की ज्योति खो चुके लोगों के जीवन में दोबारा रोशनी भरने के लिए नेत्रदान के लिए आगे आना चाहिए, ताकि अंधकार का जीवन जी रहे लोगों का भविष्य भी आम लोगों की तरह हो सके।
वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. एसके सोनी ने बताया कि नेत्रदान व्यक्ति के मृत्यु के पश्चात उसके अधिकतम 6 से 8 घंटे के भीतर अनुभवी चिकित्सक द्वारा कोर्निया को प्राप्त कर कोर्निया ग्रसित रोगियों को प्रत्यारोपित किया जा सकता है। जिससे उसके जीवन में दोबारा ज्योति को वापस लाया जा सकता है। कोई भी स्वास्थ्य नेत्र वाला व्यक्ति नेत्रदान का संकल्प ले सकता है।
इस दौरान वरिष्ठ मैट्टोमेट्रिस सुनील भारद्वाज ने कहा कि प्राप्त कोर्निया की उपलब्धता आवश्यकता से काफी कम है। इसीलिए नेत्रदान के लिए हर व्यक्ति को जागरूता की जरूरत है।
वरिष्ठ मैट्टोमेट्रिस जोगेन्द्र सिंह ने कहा कि नेत्रदान महादान हैं, नेत्र के बिना जीवन अधूरा हैं, आओ मिलकर नेत्रहीन लोगों के शून्य जीवन में दोबारा से रंग भरने का संकल्प ले और नेत्रदान स्वंय व अपने परिचितों को भी इसके लिए जागरूक करें। इस दौरान जिला महिला चिकित्सालय में भारी संख्या में मरीज व उनके तीमारदार मौजूद रहे।