मुकेश वर्मा
हरिद्वार। पहाड़ी महासभा पिछले 12 वर्षों से मकर संक्रांति (उत्तरायणी) महोत्सव निरन्तर मनाया जा रहा है। इस बार महोत्सव शिक्षा मंदिर तरुण हिमालय प्रागण शिवलोक में धूमधाम से श्रीमहंत रघुवीरदास जी के सानिध्य में और उत्तराखंड आंदोलन के पितामह एवं पूर्व केबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट की अध्यक्षता में मनाया गया। जिसका सफल संचालन टिबड़ी पार्षद श्रीमती निशा नोडियाल एवं महामंत्री इंदर सिंह रावत, हेमराज थपलियाल ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर श्रीमहंत रघुवीर दास एवं पूर्व केबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट एवं पहाड़ी महासभा के पदाधिकारियों और सदस्यों ने किया पहाड़ी महासभा के पदाधिकारियों ने श्रीमहन्त रघुवीर दास एवं पूर्व केबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट का शाल ओढ़ाकर स्वागत किया और सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रारम्भ हुआ। पहाड़ी महासभा के सांस्कृतिक कार्यक्रम में गढ़वाली, कुमाऊनी, पंजाबी गीतों पर स्कूल के बच्चों द्वारा नृत्य किया गया जिसमें गुलाबी शरारा, ढाई हाथ धमेली और अन्य गीतों की धूम रही। सभी बच्चों को प्रतीक चिन्ह देकर पहाड़ी महासभा के पदाधिकारियों द्वारा सम्मनित किया गया और पहाड़ी वेशभूषा एवं पहाड़ी नथ, गुलोबन्द के लिए तीन महिलाओं को भी प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
पहाड़ी महासभा के पदाधिकारियों में एसपी चमोली, विवेक उनियाल, इंदर सिंह रावत, विजय गवाड़ी, तरुण व्यास, दीपक पांडेय, योगेंद नेगी, धीरज बिष्ट, राजन, संजय नैथानी, शैलेन्द्र बहुखंडी, दीपक नौटियाल, त्रिलोक भट्ट, राकेश नोडियाल, निशा नोडियाल, जसवंत सिंह बिष्ट, अजय घनशेला, अरुण मिश्रा, दीपक मिश्रा, दिनेश चंद सकलानी, दिनेश लखेडा, महावीर सिंह, कमल मिश्रा, कुलभूषण, मलकीत सिंह रौथाण, हरीश भदुला, सरिता पुरोहित, मीरा रतूड़ी, निर्मला चमोली, दीपाली लखेडा, नीलम, संतोष,आराध्या, कुमकुम, नैना, पीहू, चंदा, अवनी, पूजा, पिंकी, महिमा, गुंजन, अंजली, आरवी, कविता, पारुल निशु, यसवी, लाडो आकृति, कनक, छवि, रोहतान, वैभव, पुष्पा, हेमराज थपलियाल,डा संतोष कुमार चमोला,नंदन रावत, आशीष,सोमप्रकाश, मनीष, मुकेश वर्मा समेत पहाड़ी महासभा के समस्त पदाधिकारी, सदस्य, शिवलोक कॉलोनी, टिबड़ी वाटर वर्क्स की सम्मनितगण इत्यादि शामिल रहे।
इसके बाद सुदर्शन आश्रम के श्रीमहंत रघुवीर दास महाराज के सानिध्य में पहाड़ी महासभा के पदाधिकारियों और उनके सदस्यों ने माँ धारी देवी एवं नागराजा की डोली के दर्शन कर माँ को माला और फूल अर्पण कर उनका स्वागत सत्कार किया। माँ हम सब पर अपना आशीर्वाद बनाये रखें।
