
प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम के साथ की एसटीएफ ने छापेमारी
500 डिब्बे दवाईयाँ, 500 कैप्सूल, 3 कट्टे रॉ-मैटेरियल, 2 मशीनें बरामद
दो भाई चार माह से चला रहे थे हर्बल दवा की नकली फैक्ट्री
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। एसटीएफ ने प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग टीम के साथ मिलकर सितारगंज में एक मकान पर छापा मारकर नकली हर्बल दवाईयां बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश करते हुए दो सगे भाईयों को दबोचा हैं। संयुक्त टीम ने मकान से 500 डिब्बे पैक्ड दवाईयाँ, 500 कैप्सूल, 3 कट्टे में रॉ-मैटेरियल और 2 मशीनें बरामद की है।
नकली दवाओं को ऑनलाइन ताकत बढाने और बीमारियों का उपचार के नाम पर एक ही दवाओं को बेचा जा रहा था। संयुक्त टीम द्वारा बरामद की गयी दवाओं पर किसी प्रकार का कोई ब्रांड का रैपर व टैग नहीं लगा था। बरामद की गयी दवाओं को फोरेसिंक जाँच के लिए भेजा जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने पर ही दवाओं की सच्चाई सामने आ सकेगी। टीम ने मकान व दवाओं को सीज कर दिया है।

एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ को सितारगंज में अवैध दवाई फैक्ट्री संचालित होने की सूचना मिली थी। जिस पर कुमायूँ टीम को उनके द्वारा निर्देशित किया गया था। बुधवार की शाम को सीओ एसटीएफ सुमित पाण्डे द्वारा गठित टीम ने सितारगंज के थारु गौरीखेड़ा क्षेत्र में स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को साथ लेकर एक मकान में छापेमारी की गयी। संयुक्त टीम को मकान से हर्बल दवाओं के नाम पर भारी मात्रा में चूर्ण, कैप्सूल, पाउडर सहित 500 डिब्बे पैक्ड दवाईयाँ, 500 कैप्सूल, 3 कट्टे में रॉ-मैटेरियल और दो मशीने बरामद की है। हर्बल दवा की नकली फैक्ट्री दो भाई चला रहे थे।

उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना नाम सलमान और फैजान पुत्रगण मो0 हनीफ निवासीगण ग्राम उदयपुर थाना अमरिया जिला पीलीभीत उ0प्र0 बताया है, जोकि सगे भाई निकले। टीम ने बरामद की गयी दवाओं में किसी ब्रांड के रैपर, टैग नहीं लगा था। इन दवाओं की ताकत बढ़ाने और बीमारियों के उपचार के लिए ऑनलाइन बिक्री की जा रही थी।
उन्होंने बताया कि संयुक्त टीम को मकान से मुर्गा लिखे हुए चूर्ण के कट्टे मिले हैं, इसी चूर्ण को प्लास्टिक के कैप्सूलों में भरा गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन दवाओं के सैंपल लिये गये हैँ। हर्बल दवाओं को ताकत बढाने और बीमारियों के नाम पर ऑनलाइन बेचा जा रहा था। इस नकली दवाओं को बनाने वाले दोनों लोगों ने इस मकान को किराये पर लिया गया था। नकली दवाओं की फैक्ट्री चलाने वाले दोनों भाई चार माह से बिना लाइसेंस के फैक्ट्री चला रहे थे। और मकान में दवाओं को बनाकर ऑनलाइन व्यापार कर रहे थे।
एसटीएफ कप्तान ने बताया कि आरोपियों द्वारा विभिन्न बीमारियों के इलाज में पार्सल से दवा भेजकर मोटी रकम वसूली जा रही थी, एक डिब्बे के 1575 रुपये वसूले जा रहे थे। आरोपियों द्वारा सभी प्रकार की बीमारियों में एक ही प्रकार की दवा भेजी जा रही थी। संयुक्त टीम ने बरामद की गयी दवाओं को फोरेसिंक जाँच के लिए भेजा जा रहा है। जिसकी रिपोर्ट आने पर दवाओं की वास्तविकता का पता चल सकेगा। टीम ने फिलहाल बरामद की गयी दवाईयों और मकान को सील कर दिया गया है।