
ट्रैजरी ऑफिसर बनकर फण्ड रिलीज के नाम पर 10, 50 लाख खाते से उड़ाये
एसटीएफ टीम ने फरार ठग को एक साल बाद इटावा यूपी से दबोचा
क्रेडिट्स, डेबिट कार्ड्स, बैंक पासबुक, चेक बुक और मोबाइल फोन बरामद
ठगी के मास्टर मांइड को एसटीएफ टीम पूर्व में गिरफ्तार कर भेज चुकी जेल
मुकेश वर्मा
देहरादून। रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी से फर्जी ट्रैजरी ऑफिसर बनकर फण्ड रिलीज कराने के नाम पर ऑनलाइन 10.50 लाख की ठगी मामले में फरार चल रहे दूसरे आरोपी को उत्तराखण्ड एसटीएफ टीम ने यूपी से गिरफ्तार कर लिया। जिसके पास से टीम ने क्रेडिट्स, डेबिट कार्ड्स, बैंक पासबुक, चेक बुक और मोबाइल फोन बरामद किया है। जबकि ठगी के मास्टर माइंड को एसटीएफ पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। यूपी से दबोचे गये ठग को टीम ने सम्बंधित धाराओं में दर्ज मुकदमें में निरूद्ध करते हुए मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि विगत वर्ष माह अक्टूबर में रिटायर्ड स्वास्थ अधिकारी द्वारा कोतवाली हल्द्वानी जनपद नैनीताल में साइबर ठगी का का मामला दर्ज कराया गया था। रिटायर्ड स्वास्थ अधिकारी ने शिकायत में कहा था कि साईबर ठगों ने खुद को ट्रेजरी अधिकारी बताकर रिटारयरमेंट से मिलने वाले फण्ड आदि दिलाने के नाम पर उसको गुमराह कर जानकारी ले मोबाइल पर लिंक भेजकर धोखाधडी से 10,50,400 रूपये की धनराशि खाते से निकाल ली। पुलिस ने पीडित रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस मुख्यालय के आदेश पर थाना कोतवाली हल्द्वानी से साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन कुमाऊँ परिक्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राइम ललित मोहन जोशी को जांच सुपुर्द की गयी गयी।
उन्होंने बताया कि प्रभारी निरीक्षक ललित मोहन जोशी द्वारा विवेचना के दौरान रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी से हुई ठगी मामले में ठगी के मुख्यारोपी अभिषेक शॉ पुत्र अरुण शॉ निवासी कोलकता को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन ठगी मामले में शामिल मुख्यारोपी का एक साथी विशाल सिंह पुत्र रनवीर सिंह निवासी ग्राम अजबपुर असवा थाना बढ़पुरा जिला इटावा उत्तर प्रदेश फरार था। जिसकी एसटीएफ टीम सरगर्मी से तलाश में जुटी थी। इसी दौरान एसटीएफ टीम ने फरार दूसरे आरोपी विशाल सिंह को सूचना के आधार पर जनपद इटावा उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया, जोकि पेशे से ट्रक चालक है।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी विशाल सिंह ने अपने साथी अभिषेक शॉ के साथ मिलकर फर्जी ट्रेजरी अधिकारी बनकर सरकारी नौकरी से रिटायर्ड कर्मियों से उनके फण्ड, ग्रेचुइटी आदि की रकम को उनके बैंक खातो में स्थानान्तरित करने के नाम पर लिंक भेजकर उनके खातो से लाखों रुपये की धोखाधडी की गई है। एसटीएफ टीम ने धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में प्राप्त कर किया गया है। आरोपियों द्वारा फर्जी सिम, सोशल मीडिया प्रोफाईल तथा फर्जी खातों का प्रयोग कर ठगी की जाती है। साइबर ठगों द्वारा देश में अन्य लोगों के साथ भी साइबर ठगी के शिकार बनाये जाने की आशंका जताई जा रही है। जिसकी जानकारी जुटाने के लिए एसटीएफ टीम अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क साधने का प्रयास कर रही है। एसटीएफ टीम ने ठग को दर्ज मुकदमें में निरूद्ध करते हुए मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।