■महोत्सव में कई सांसद व विधायक समेत नामचीन हास्तियां होगी शामिल
■बिजली की आकर्षक जोते और फिल्मी स्टार के डूप्लीकेट होगे आकर्षण का केन्द्र
■महोत्सव में शामिल श्रद्धालु हरकी पौड़ी पर गंगा मैया के साथ खेलेंगे दूध की होली
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। अखिल भारतीय मुलतान संगठन अपना अपना 114 वॉ वार्षिक श्री मुलतान जोत महोत्सव 11 अगस्त को बड़ी धूमधाम के साथ मनाने जा रहा है। जिसकी श्री मुलतान जोत सभा द्वारा पूरी कर ली गयी है। इस महोत्सव में देश के विभिन्न प्रांतों से भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होगे। महोत्सव में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएगे। इस बार महोत्सव में नयी तकनीक का प्रयोग करते हुए बिजली की आकर्षक जोतों को भी शामिल किया गया हैं, जोकि लोगों के मन को मोह लेंगी। महोत्सव के दौरान स्थान-स्थान पर प्रसाद वितरण किया जाएगा और हवन एवं सुंदर कांड का पाठ भी होगा। महिलाएं सत्संग करते हुए हरकी पौड़ी पर गंगा में जोत प्रवाहित करेगी। इस बात की जानकारी श्री मुलतान जोत सभा के अध्यक्ष ओमप्रकाश अरोड़ा, चेयरमैन रतनदेव चावला, अखिल भारतीय संगठन के अध्यक्षक डॉ. महेन्द्र नागपाल, महामंत्री जेआर अरोड़ा और कोषाध्यक्ष सतपाल अरोड़ा ने संयुक्त रूप से रविवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकार वार्ता के दौरान दी।
उन्होंने बताया कि धार्मिक उत्सव का मुख्य उद्देश्य वरूण देवता अर्थात गंगा मैया की अराधना करना है। गंगा जी का दुग्ध अभिषेक व पूजा अर्चना करते हुए भक्तजन विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेंगे और गंगा मैया के साथ दूध की होली खेलेंगे। महोत्सव में शामिल श्रद्धालु पिचकारियों में दूध भर कर एक दूसरे से होली खेलेंगे। इस वर्ष जोत महोत्सव में मुख्य अतिथि के रुप में विरेन्द्र सचदेवा (अध्यक्ष, भाजपा दिल्ली प्रदेश), सांसद योगेन्द्र चन्दोलिया, सांसद श्रीमती कमलजीत सेहरावत, सांसद प्रवीण खण्डेलवाल, विधायक मदन कौशिक, श्याम शर्मा (पूर्व महापौर), योगेश वर्मा (निगम पार्षद), श्रीमती लता सोढ़ी (पूर्व निगम पार्षद), संजय तलवार (कलाकार बाबा), संजय मधुकर (कलाकार सन्नी), मो.जिशान, (कलाकार कोहली), अरविन्द अरोड़ा (कलाकार अमित) आदि भाग लेंगे।
श्रद्वालुओं का मार्गदर्शन करने हेतु कार्यकर्ताओं को व्यवस्था से सम्बन्धित विभिन्न कामों के आबंटन हेतु 21 सदस्यीय समिति बनाई गई है। समिति के सदस्य निम्न प्रकार हैंरू- महेन्द्र मनचंदा और सुरेन्द्र आहूजा को भण्डारा प्रमुख, पप्पू नागपाल और साहिल कथूरिया को सुरक्षा प्रमुख, जे.आर. अरोडा को शोभा यात्रा प्रमुख, सतपाल अरोड़ा को प्रशासनिक व्यवस्था प्रमुख, कौशल गावरी को ट्रैफिक व्यवस्था प्रमुख,एम.एल. ढींगरा, संयोग अरोड़ा को आवास प्रमुख, ललित ढींगरा को आरती प्रमुख, रतन देव चावला और सुमित नागपाल को प्रचार प्रमुख रमेश डंग को अतिथि स्वागत प्रमुख बनाया गया है। सभी कार्यकर्ता दिन-रात श्रद्धालुओं के उमड़े जनसमूह को नियंत्रित करने हेतु जुटे हुए हैं। संगठन ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि इस विशाल महोत्सव को देखते हुए सफाई व्यवस्था एवं सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये।
उन्होंने बताया कि श्री मुलतान जोत महोत्सव का आयोजन वर्ष 1911 में भक्त रूप चन्द द्वारा पाकिस्तान में बसे मुलतान से पैदल चल कर समाज के भाईचारे एवं शांति की कामना को लेकर हरिद्वार में गंगा मैया को ज्योति अर्पित की थी। परम्परानुसार प्रति वर्ष इसे बड़े पैमाने पर एवं भव्य रूप से मनाया जा रहा है। श्रद्धालुगणों का मानना है कि मनोकामना पूर्ण होने के कारण प्रत्येक वर्ष इस पर्व की महत्ता बढ़ने लगी है, प्रत्येक वर्ष भक्तजनों की बढ़ती संख्या इसका बहुत बड़ा प्रमाण है। पावन पवित्र हरिद्वार नगरी में हजारों की संख्या में पहले से ही श्रद्वालु पहुंच गये हैं। एक सप्ताह पूर्व से कई धार्मिक आयोजन, विशाल यज्ञ, भण्डारा, जागरण, रासलीला, 100 कुण्डों का सुन्दर कांट यज्ञ, श्री रामायण का पाठ एवं प्रवचन आदि विश्व शांति के कल्याण के लिए समारोहों का आयोजन हो रहा है। सुन्दर आतिशबाजी, गंगा मैया की धुन बजाते हुए तथा ढोल नगाड़ों के साथ एवं उद्घोषण करते श्रद्धालुगणों द्वारा ज्योति के प्रवाह का दृश्य मार्मिक बन पड़ता है।
उन्होंने बताया कि मानव की रूचि भौतिक पदार्थों में अधिक हो गयी है। जीवन को सुधारने एवं संयमित करने के लिए तप करने, भजन करने की उसकी इच्छा नहीं रही। यदि नर से नारायण बनना है, तो जीवन में मर्यादा को स्थान देना ही होगा। महापुरूषों के आचरण को अपने जीवन में उतारना होगा। मानव के समक्ष जीवन को बनाने और बिगाड़ने दोनों प्रकार के विकल्प मौजूद रहते हैं। मानव चाहे परमात्मा को प्राप्त कर ले अथवा कुसंग में पड़कर जीवन बर्बाद कर ले, मानव के लिए सभी रास्ते खुले पड़े हैं। मानव अपनी बुद्धि से अपने हृदय की संवेदनाओं से अपना मार्ग स्वयं चुनता है। इस पवित्र नगरी और इस पवित्र दिन हरिद्वार आकर यह सब बातें सोचने पर विवश होता है और यहां शांति एवं संतोष प्राप्त होता है। इस महोत्सव की भव्यता देखते ही बनेगी।