■शासन व उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग जिला अस्पताल के प्रति नहीं गम्भीर
■पिछले एक साल से जनरल सर्जन की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल
■पीएमएस जनरल सर्जन की नियुक्ति के लिए लिख चुके डीजी हैल्थ को कई पत्र
■फिजिशियन भी 31 जुलाई 23 को हो रहे रिटायरमेंट, खलेगी फिजिशियन की भी कमी
■बरसात के मौसम में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, डायरियां आदि का होता हैं खतरा
■चिकित्सक की कमी से अगर मरीज की जाती हैं जान तो कौन होगा जिम्मेदार?
■स्वास्थ्य के मामले में हरिद्वार की जनता से किया जा रहा सौतेला व्यवहार
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। जिला अस्पताल हरिद्वार को लेकर उत्तराखण्ड स्वास्थ्य मंत्री व महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड सवेंदनशील नहीं है। जबकि तीर्थनगरी हरिद्वार में लक्खी मेलों समेत समय-समय पर स्नान पर्वो का आयोजन होता रहा है। इन पर्वो में देश-विदेश से लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को आगमन लगा रहता है। जिसको देखते हुए जिला अस्पताल की व्यवस्थाए और सभी रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती रखना स्वास्थ्य मंत्री व महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड की जिम्मेदारी है। लेकिन उक्त दोनों ही अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गम्भीर नहीं है। तीर्थनगरी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा जिनके पास है, वहीं लोगों के स्वास्थ्य से लापरवाही बरत रहे है।
जिसका प्रमाण जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है। पिछले एक साल से जिला अस्पताल में जरनल सर्जन नहीं है। जिसकी नियुक्ति का जिम्मा शासन व उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग का है। लेकिन आज तक जनरल सर्जन की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। जिला अस्पताल हरिद्वार के पीएमएस की माने तो उनके द्वारा 6-7 बार महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड को जनरल सर्जन की नियुक्ति के बारे में लिखा जा चुका है। इतना ही नहीं 31 जुलाई 23 को तैनात फिजिशियन भी रिटार्ड होने जा रहे है। फिजिशियन की व्यवस्था भी समय रहते करने के लिए 4 बार पत्र लिखे जा चुके है। लेकिन कोई सकारात्मक जबाब महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड की ओर से अभी तक नहीं मिल पाया है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि शासन व उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग तीर्थनगरी हरिद्वार के प्रति कितना गम्भीर व सवेंदनशील है।
बताते चले कि जिला अस्पताल हरिद्वार ना केवल जनपद बल्कि देवभूमि उत्तराखण्ड पहुंचने वाले श्रद्धालुओं व पर्टयकों के लिए अहम है। लेकिन जिला अस्पताल हरिद्वार में अक्सर किसी ना किसी विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी बनी रहती है। अगर मौजूदा वक्त की अगर बात करें तो जिला अस्पताल में जनरल सर्जन कमी है, जोकि पिछले एक साल से बनी हुई है। बताया जा रहा हैं कि मई 2022 में जनरल सर्जन डॉ. उदय शंकर बलूनी जिला अस्पताल को छोड़ कर जा चुके है। जिनके बाद से आज तक जनरल सर्जन की नियुक्ति नहीं की जा सकी है और जनरल सर्जन की कमी बनी हुई है। जबकि अस्पताल के लिए जनरल सर्जन की अवश्यकता महत्वपूर्ण होती है। ऐसा नहीं कि जिला अस्पताल में जनरल सर्जन की कमी की जानकारी शासन व उत्तराखण्ड स्वास्थ्य महकमे को नहीं है। बताया जा रहा हैं कि पूर्व में स्वास्थ्य सचिव द्वारा जिला अस्पताल हरिद्वार का दौरा करने के दौरान उनको भी जिला अस्पताल में जनरल सर्जन की कमी के सम्बंध में अवगत कराया गया था। जिन्होंने जनरल सर्जन की जल्द नियुक्ति का भरोसा दिलाया था, लेकिन स्वास्थ्य सचिव के भरोसे ने भी अब दम तोड़ दिया है।
जिला अस्पताल पीएमएस डॉ. सीपी त्रिपाठी ने बताया कि जिला अस्पताल की ओर से 6-7 बार महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड को जनरल सर्जन की नियुक्ति के सम्बंध में लिखा जा चुका है। इतना ही नहीं 31 जुलाई 23 को हमारे यहां से वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संदीप टण्डन भी रिटायरमेंट होने जा रहे है। इस सम्बंध में भी 4 बार पत्र लिख कर जिला अस्पताल में समय रहते फिजिशियन की नियुक्ति के लिखा जा चुका है। लेकिन अभी तक इस सम्बंध में डीजी हैल्थ की ओर से कोई सकारात्मक जबाब नहीं मिल पाया है।
बता दें कि जिला अस्पताल से वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संदीप टण्डन के रिटायमेंट के बाद फिजिशियन की कमी भी खलेगी। डीजी हैल्थ की ओर से जनरल सर्जन व रिटारमेंट होने जा रहे फिजिशियन की नियुक्ति के सम्बंध में चुप्पी हैरान करने वाली है। जिला अस्पताल से अभी तक जनरल सर्जन की कमी के चलते स्थानीय लोगों समेत पर्यटकों व श्रद्धालुओं को उपचार के लिए हॉयर सेंटर किया जाता था, लेकिन फिजिशियन की होने जा रही कमी के चलते लोगों को दो-चार होना पड़ेगा।
बताते चले कि बरसात का मौसल है। जिसमें डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, डायरियां आदि बीमारी आम बात है। जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के चलते अगर किसी मरीज की जान जाती हैं तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? यह एक बड़ा सवाल शहर के हर शख्स के जहन में धुम रहा है। हरिद्वार की जनता व देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों के साथ व्यवस्थ के सम्बंध में सरकार द्वारा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
