
♦बच्चे को निःसंतान दम्पति को करीब पांच लाख रूपये में था बेचा
♦कलियर से चोरी किये गये बच्चे को तीन पारियों में किया गया डिलीवर
♦शातिर दो महिलाओं ने पीडित दम्पति को गुमराह कर किया था बच्चा चोरी
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। कलियर से चोरी किये गये तीन माह के बच्चे को कलियर पुलिस और सीआईयू की संयुक्त टीम ने मेरठ से बरामद करते हुए बच्चा खरीददार समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। निःसंतान दम्पति को बच्चा मेरठ के हॉस्पिटल में कार्यरत पैसेन्ट कोर्डिनेटर के माध्यम से करीब पांच लाख में बेचा गया था। कलियर से बच्चा चोरी कर तीन परियों में बच्चे की डिलवरी करते हुए निःसंतान दम्पति तक पहुंचाया गया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बताया कि ज्योतिबा फूबे नगर निवासी दम्पति 10 अक्टूबर की देर रात अपने तीन माह के बच्चे को लेकर कलियर पहुंचे थे। जोकि रात बिताने के लिए पास ही दुकान के बाहर ठहर गये। इसी दौरान उनके पास दो अंजान महिलाएं पहुंची और दम्पति को बताया कि कुछ लोग उनके साथ छेडछाड कर रहे है। दम्पति ने महिलाओं के साथ सहानुभूति दिखाते हुए उनको अपने पास बैठा लिया।
उन्होंने बताया कि शातिर महिलाओं ने दम्पति से बातचीत करते हुए घुलना मिलना शुरू कर दिया, कुछ समय बात एक महिला ने चाय पीने की ख्वाहिश जताई। जिसपर बच्चे के पिता ने महिला को सुरक्षित महसूस कराने के लिए उसके साथ चाय की दुकान पर चला गया, जब वापस लौटा तो बच्चा और दूसरी महिला गायब मिले, जबकि उसकी पत्नी नींद की गोद में आगोश में थी। इसी दौरान मौका पाकर महिला भी फरार हो गयी। जिसकी सूचना पीडित दम्पति द्वारा कलियर पुलिस को दी गयी।
उन्होंने बताया कि कलियर से बच्चा चोरी की घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने घटना से आलाधिकारियों को अवगत कराया गया। मामले की गम्भीरता को देखते हुए उनके द्वारा बच्चे की शीघ्र बरामदगी के निर्देश दिये। नवजात की बरामदगी और बच्चा चोर गिरोह को दबोचने के लिए पुलिस टीम गठित की गई। टीम में सीआईयू रूड़की को भी शामिल किया गया। घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों समेत मुखबिर तंत्र की मदद ली गई।
एसएसपी ने बताया कि पुलिस टीम को बच्चा चोरी के मामले में अहम सुराग हाथ लगे, जिसके सहारे पुलिस टीम मेरठ पहुंची और एक संदिग्ध आस मोहम्मद लंगडा को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान आस मोहम्मद लंगडा की निशानदेही से चोरी करने वाली दोनों महिलाओं समेत बच्चा खरीदार निःसंतान सम्पति को गिरफ्तार करते हुए बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि बच्चा खरीददार विशाल गुप्ता की शादी के दस साल होने के बाद भी उनके कोई बच्चा नहीं हुआ था।
कप्तान ने बताया कि विशाल गुप्ता अपनी पत्नी का मेरठ के एक निजी हॉस्पिटल में इलाज करा रहा था। जहां पर उनकी मुलाकात वहां कार्यरत पैसेन्ट कोर्डिनेटर का काम कर रही महिला से हुई। जिसने निःसंतान दम्पति को बच्चा दिलाने का भरोसा दिलाया था। जिसके बाद बच्चा चोरी करने की योजना शुरू हुुई। योजना के मुताबिक कलियर से बच्चा चोरी करने वाली दो महिलाओं में एक महिला आस मोहम्मद लंगडा की पत्नी थी। जब महिलाएं बच्चा चोरी कर लेने में सफल हुई तो आस मोहम्मद लंगडा बुक की गई स्विफ्ट डिजायर कार से उनको लेकर मेरठ पहुंच गया।
श्री डोबाल ने बताया कि आस मोहम्मद लंगडा ने बच्चे को तीन लाख रूपये में कंचन नाम की महिला को बेचा। कंचन ने बच्चे को तीन लाख नब्बे हजार में हॉस्पिटल में काम करने वाली महिला स्नेहा शर्मा को बेच दिया। स्नेहा शर्मा ने बच्चे को चार लाख नब्बे हजार में निःसंतान दम्पति को बेच दिया। पुलिस ने चोरी हुए नवजात को पीडित दम्पति को सुपूर्द कर दिया। जिसने बच्चे की सकुशल बरामदगी पर हरिद्वार पुलिस का आभार जताया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने दबोचे गये आरोपियों आस मोहम्मद लंगड़ा पुत्र शुकरूद्दीन निवासी कंचवाला पुल अहमद नगर मेरठ, यूपी, मुमताज उपरोक्त, आसमां निवासी श्याम नगर मेरठ यूपी, कंचन तिवारी निवासी मेरठ यूपी, स्नेहा शर्मा निवासी शास्त्री नगर मेरठ यूपी (सभी महिलाओं के नाम काल्पनिक हैं) और विशाल गुप्ता उर्फ अच्ची निवासी ककंरखेडा मेरठ यूपी के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।