
आंगनबाड़ी वर्कर को दी नौकरी से निकलवाने की धमकी
लाभार्थी को झांसे मे लेकर धोखाधड़ी से खाते से उइ़ाई नगदी
फर्जी महिला चिकित्सक टू कॉलर में निकला बिहार का ठग
ठग के पास हरिद्वार के आंगनबाड़ी वर्करों के लाभार्थियों की पूरी लिस्ट
लाभार्थियो की लिस्ट लिक होने पर सम्बंधित विभाग पर उठे सवाल
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। सीएमओ कार्यालय में तैनात महिला चिकित्सक के नाम पर आगनबांडी वर्कर को धमकाने तथा एक लाभार्थी के खाते से हजारों की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। घटना का खुलासा होने पर आगनबाड़ी की सूझबूझ से अन्य आंगनबाड़ी वार्कर सर्तक हो गयी। जिसके चलते अन्य लाभार्थी ठगी का शिकार होने से बच गयी।
ठग के पास हरिद्वार के आंगनबाड़ी वर्करों के लाभार्थियों की पूरी लिस्ट मौजूद होने पर सम्बंधित विभाग की कार्यशैली पर उठने लगे सवाल। सीएमओ के अनुसार जिस महिला चिकित्सक का नाम लेकर ठगी की गयी उस नाम की कोई महिला चिकित्सक उनके कार्यालय में तैनात ही नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्रहा्रपुरी कोतवाली नगर की आंगनबाड़ी वर्कर मीनाक्षी पांवर के पास गुरूवार की सुबह अज्ञात नम्बर से कॉल आया। कॉलर महिला थी जिसने अपना परिचय सीएमओ हरिद्वार कार्यालय में तैनात डॉ. काजल नाम से परिचय देते हुए लाभार्थियों को मिलने वाली सुविधाए न मिलने की शिकायत की बात कही। जब आंगनबाड़ी वार्कर ने शिकायत को निराधार बताया तो अपने आप को डॉ. काजल बताने वाली कॉलर आंगनबाड़ी वर्कर को धमकाते हुए नौकरी से निकलवाने की धमकी दी। जिसके बाद महिला कॉलर ने एक के बाद एक लाभार्थियों के नाम व उनकी पूरी डिटेल को बताना शुरू कर दिया।
जिसपर आंगनबाड़ी वार्कर सस्पेंस में पड़ गयी कि कॉलर के पास उसके लाभार्थियों की जानकारी है तो वास्तव में अधिकारी होगी। जिसपर आंगनबाड़ी वर्कर ने समान्य तौर पर बोल दिया कि आप किसी भी लाभार्थी से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ले सकती है। जिसपर डॉ. काजल बताने वाली कॉलर ने कॉफ्रेंस पर एक लाभार्थी को कॉल लगा दी। जिसपर समान्य तौर पर आंगनबाड़ी वर्कर ने लाभाथी को बोल दिया कि मेडम को बता दो कि उनको आंगनबाड़ी से मिलने वाली राशन व स्वास्थ्य से सम्बंधित सुविधाओं की जानकारी दे दो।
इसी बीच महिला कॉलर ने आंगनबाड़ी वर्कर के साउंड में कुछ टेक्नीकल प्रोब्लम क्रेडिट कर दी। जिसपर दोनों के बातचीत उसको सुनाई नहीं दी। जिसके बाद लाभार्थी का कॉल आंगनबाड़ी वर्कर को आया कि उसके खाते से 7,416 रूपये निकल गये। जिसके बाद अहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है। जिसपर आंगनबाड़ी वर्कर ने ग्रुप मेें ठगी की जानकारी देते हुए मैसेज सेंट कर दिया। इसी दौरान पता चला कि ठगो ने लालजीवाला प्रथम आंगनबाड़ी वर्कर रीता चक्रवती को कॉल कर अपने झांसे में लेने का प्रयास किया, लेकिन तब तक वह ग्रुप में मैसेज पढ चुकी थी, इसलिए वह ठगी का शिकार होने से बच गयी। जब कॉलर का नम्बर टू-कॉलर पर सर्च किया तो नम्बर दीपक यादव बिहार के नाम का निकला।
सीएमओ हरिद्वार डॉ. कुमार खगेन्द्र सिंह ने बताया कि डॉ. काजल नाम की कोई भी चिकित्सक उनके कार्यालय में तैनात नहीं हुई है। साइबर ठगी के सम्बंध में प्रशासन द्वारा लोगों को जागरूक करने का काम लगातार किया जा रहा है। उसके बावजूद लोग मामले को गम्भीरता से नहीं ले रहे, जिसका फायदा साइबर क्राइम करने वाले ठग उठा रहे है। जबकि लोगों को कभी भी अपना पर्सनल जानकारी किसी को भी शेयर नहीं करनी चाहिए।