
घर के बाहर कूडे व प्रचार सामग्री का ढेर लगाकर छोड़ा
स्थानीय लोगों की शिकायत को भी अनसुना किया जा रहा
पार्षद पतिः इस मसले में किसीं की कोई शिकायत नही मिली
अन्य बंद मकान परिसर मेें समान रखा होना पार्षद पति ने माना
क्षेत्र में उनके द्वारा छिडकाव व साफ-सफाई कराई जा रही
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। जनपद में वायरल, टाइफाइड, मलेरिया व डेंगू के लगातार केस बढ़ने के चलते सरकार-शासन-प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग बेहद संजिदा नजर आ रहा है। डेंगू को लेकर डीएम खुद मैदान में उतर कर लोगों को बीमारियो व डेंगू के प्रति जागरूक करते देखे जा रहे है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रशासन जनपद में बीमारियो व डेंगू को लेकर कितना सवेंदनशील व गम्भीर है। वहीं कुछ जनप्रतिनिधि अपनी ही सरकार व शासन-प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों की जमकर अवहेलना करते भी नजर आ रहे है।
ऐसा ही एक मामला आर्यनगर ज्वालापुर वार्ड नम्बर 23 के पार्षद व पार्षद पति का प्रकाश में आया है। जिनकी हठधर्मिता का खमियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतने का डर सताने लगने लगा है। वहीं पार्षद व पार्षद पति ने इस मामले में कोई शिकायत किसी के द्वारा ना करने की बात कही गयी है। जबकि प्रचार सामग्री व समान उनके मकान में नहीं बल्कि किसी अन्य बंद मकान की चार दीवारी में रखे होने की बात कही है।
बताते चले कि एक तरफ जहां देवभूमि सहित तीर्थ नगरी के निवासी डेंगू, वायरल और अन्य मौसमी बीमारियों से बीमार होकर कराह रहे हैं और साफ सफाई न होने के कारण सरकारी अमले द्वारा डेंगू और अन्य संक्रामक रोगों से बचने के लिए किए जा रहे प्रयासों को पलीता लगाते हुए डेंगू घर-घर डसने को तैयार बैठा है और सरकार भी अपने स्तर पर डेंगू व अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए नागरिकों को जागरूक और स्वच्छता का संदेश दे रही है। आरोप हैं कि आर्यनगर ज्वालापुर वार्ड नंबर 23 में पार्षद और पार्षद पति खुद ही बीमारियों को न्योता दे रहे हैं।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि कुछ माह पूर्व पार्षद ने अपने घर को रिनोवेट कराया था और इसी के चलते उन्होंने अपने घर में पड़ा कूड़ा करकट और भाजपा की प्रचार सामग्री घर के बाहर इकट्ठा कर रख दिया। जिस कारण वहां पड़ी गंदगी से लोगों का निकलना दुभर हो गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बारिश में कई बार इस कूड़े करकट से कीड़े मकोड़े, सांप आदि को भी निकलते हुए देखा गया है।
स्थानीय निवासी नीतू का कहना है की पार्षद को उक्त स्थान की सफाई करवाने के लिए कई मर्तबा कहा गया लेकिन उन्होंने कोई गम्भीरता नहीं दिखाई और क्षेत्र के लोगों के अनुरोध को अनसुना कर दिया। अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है की यदि जनप्रतिनिधि ही सरकारी प्रयासों को ठेंगा दिखाएंगे तो आम लोगों को कौन साफ सफाई के प्रति जागरूक करेगा।
क्षेत्र लोगों का आरोप हैं कि पार्षद व पार्षद पति की हठधार्मिता के चलते लोगों को उनके कबाड़ से फैलने वाली बीमारियों का डर सताने लगा है। जब वार्ड का पार्षद ही अपनी जिम्मेदारियों व क्षेत्र की जनता की परेशानियों के प्रति लापरवाह होगा तो उस वार्ड का क्या होगा? इस बात का अदांजा सहजता से लगाया जा सकता है।
आर्यनगर ज्वालापुर वार्ड 23 की भाजपा पार्षद रेनू अरोड़ा के पति चिराग अरोड़ा ने बताया कि यह सही हैं कि उन्होंने अपने घर में रिनोवेट कराया था। लेकिन उन्होंने जो प्रचार सामग्री व अन्य समान उनके घर के बाहर रखने की बात कही जा रही है, गलत है। उन्होंने अपने मकान से 3-4 मकान छोड़ का परिचित के बंद मकान की परिसर में समान रखा हुआ है।
उन्होने बताया कि पिछले दिनों से काफी बरसात होने पर समान को घर में नहीं रखा जा सकता है। जब प्रचार सामग्री व समान सूखेगा, तभी अपने घर में रखा जा सकता है। लेकिन इस सम्बंध में क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति ने उनसे कोई शिकायत नहीं की है। उनके द्वारा क्षेत्र में कीट नाशक दवाओं का छिडकाव कराते हुए साफ सफाई करायी जा रही है।