
*वर्ष 2025 का आखिरी चन्द्र ग्रहण, 3 घंटे 28 मिनट का होगा ग्रहण काल
*चन्द्र ग्रहण काल रात्रि 9.57 से होगा शुरू, देर रात 1.26 पर होगा समाप्त
*ग्रहण से 09 घंटे पूर्व लग जाता हैं सूतक सूतक काल में शुभ कार्य करना हैं वर्जित
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। तीर्थनगरी हरिद्वार में चन्द्र ग्रहण को देखते हुए आज मां गंगा की संध्या आरती दोपहर 12.30 मिनट पर की गई। गंगा आरती के बाद हरकी पौडी के सभी मन्दिर, मां मंशा देवी, मां चंडी देवी, दक्षेश्वर महादेव मन्दिर समेत समेत शहर भर के मन्दिरों के कपाट बंद कर दिये गये। सुतक काल शुरू होने के बाद शुभ कार्य वर्जित माना जाता है, अब कल प्रातः ही मन्दिरों के कपाट खोले जाएगे। मन्दिरों के साफ सफाई के बाद पूजा पाठ प्रारम्भ किया जाएगा। वहीं तड़के हरकी पौडी पर गंगा आरती के साथ ही वहां के मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे।
तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित के अनुसार चन्द्र ग्रहण आज रात 9 बजकर 57 मिनट पर लगेगा। जिसका सुतक काल ग्रहण काल से 9 घंटे पहले लग जाता है, चंद्रग्रहण का सूतक काल शुरू होने से पूर्व ही देश भर के सभी मंदिरों में इसका असर देखा जा रहा है। हरिद्वार में हरकी पौड़ी पर शाम होने वाली गंगा आरती दोपहर 12.30 बजे हुई। धर्मनगरी हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर 1916 से नियमित सुबह-शाम गंगा आरती की जाती है, लेकिन वर्ष में जब-जब चंद्र, सूर्य ग्रहण पड़ते हैं, तब-तब गंगा आरती को असमय भी करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि आज चंद्र ग्रहण के कारण भी सायं कालीन गंगा आरती दोपहर साढ़े बारह बजे ही कर दी गई। सुतक काल शुरू होने के बाद कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता हैं। गंगा आरती के बाद सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। अब कल प्रातः की गंगा आरती के साथ ही मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे। हरिद्वार के मां मनसा देवी, मां चंडी देवी, दक्ष प्रजापति मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं। चंद्रग्रहण की समाप्ति के बाद सभी मंदिरों की साफ सफाई की जाएगी। जिसके बाद ही पूजा पाठ शुरू होगा। हरकी पौड़ी पर हुई इस विशेष गंगा आरती में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की। सूतक काल में केवल मंत्रों का जाप किया जा सकता है।