
मेरे उपर लगाये गये सभी आरोप मनगढत व बेबुनियाद
क्षेत्र के लोग संत के खौफ के साये में जीने को हैं मजबूर
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। संत और भाजपा नेता के बीच चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। संत के बाद आज भाजपा नेता विदित शर्मा ने जीडीपुरम काॅलोनिवासियों के साथ प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि स्वामी दिव्यानंद सरस्वती संत नहीं बल्कि एक फर्जी संत हैं जिन्होंने काॅलोनी के लोगों को जीना मुश्किल कर दिया है। संत का खौफ क्षेत्र के लोगों में साफ देखा जा सकता है। ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं हैं जिसका संत दिव्यानंद सरस्वती ने उत्पीड़न व मारपीट न की हो। संत द्वारा उनके उपर लगाये जा रहे आरोप बेबुनियाद व मनगढत है। उनका कसूर बस इनता हैं कि वह संत के सताये हुए लोगों की मदद कर रहे है। जिसकारण संत के टारगेट पर वह आ गये है। जिला भाजयुमो उपाध्यक्ष विदित शर्मा ने कहा कि संत स्वामी दिव्यानंद सरस्वती द्वारा रेखा राठी पत्नी अनिल राठी के साथ हुए विवाद और उनके बेटे सहित दम्पति के साथ मारपीट व कपड़े फाड़ने की घटना ने क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। जबकि उनकी माता क्षेत्र की पार्षद हैं और खुद भी वह भाजपा का एक जिम्मेदार सिपाही है। इसलिए उनका दायित्व क्षेत्र की जानता को न्याय दिलाना है। यदि वह अन्याय के खिलाफ खड़ा होकर न्याय का साथ दे रहे है। तो क्या गलत कर रहे है। संत द्वारा उनके उपर लगाये जा रहे सभी आरोप निराधार व मनगढत है। इसलिए वह अपने स्वाभिमान को बरकरार रखने के लिए अपने अपमान को लेकर संत के खिलाफ न्यायालय की शरण में जाएगे। वार्ता के दौरान पीडित महिला रेखा राठी ने कहा कि संत का संत की तरह अचारण करना चाहिए लेकिन दिव्यानंद ना तो संत और ना ही उनका आचरण संत के समान है। जिस तरह से संत का चोला ओढे दिव्यानंद ने क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। उससे हर कोई व्यक्ति गुस्सें व दहशत में हैं जिस तरह से संत दिव्यानंद ने उनके दुकान पर बैठे बेटे और उनके साथ मारपीट की गयी, वह संत के अचारण के विपरीत है। ऐसे संत को जेल में होना चाहिए। वार्ता के दौरान संत से पीडित एक ओर बिल्डर विजय अदलखा ने कहा कि वर्ष 2003 में उन्होंने एक आपटमेंट का निर्माण किया था। जिसमें उन्होंने एक फ्रलेट लिया था। जिसके बाद संत ने जो हाल वहां रहने वाले अन्य लोगों का किया, वह बर्दाश्त लायक नहीं था। जिसके खिलाफ उन्होंने प्रशासन-शासन सहित देश के प्रधानमंत्री तक को पत्र भेज कर शिकायत की थी। यह कहना कि संत निर्दोष हैं गलत होगा। स्वामी दिव्यानंद ने वास्तव में संत के चोले को भी बदनाम किया है। प्रेस वार्ता के दौरान हेमलता जोशी, अंजू वाध्वा, रामेश गोयल, सुन्दर शर्मा, पूरण पाण्डे, प्रदीप त्यागी, अनिल राठी आदि मौजूद थे।