
उड़ीसा का रहने वाला था युवक, हरिद्वार में दो माह से था फंसा
युवक की देखभाल कर रहा था होटल स्वामी, भाई ने किया आभार
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। पिछले दो माह से लाॅकडाउन में फंसा उड़ीसा का सोफ्रटवेयर इंजिनियर आज भाई के साथ वापस घर लौट गया। बताया जा रहा हैं कि सोफ्रटवेयर इंजिनियर लाॅकडाउन में अपनी सुधबुध खोकर सड़कों पर मारा मारा धुम रहा था। जिसकी मदद रेलवे रोड़ स्थित एक खाने का होटल चलाने वाला युवक कर रहा था। जिसकी सूचना पर पुलिस हरकत में आयी और युवक की मदद करने का प्रयास किया। लेकिन वह पुलिस के साथ जाने को तैयार नहीं हुआ, जिसकारण पुलिस ने होटल संचालक पर उसकी देखभाल का जिम्मा सौप कर उसके परिजनों की तलाश शुरू की गयी। परिजनों की तलाश में भी होटल संचालक ने अहम भूमिका निभाते हुए उसके भाई को खोज निकाला और मामले की जानकारी दी। जिसके बाद सोफ्रटवेयर इंजिनियर का भाई हरिद्वार पहुंचा, जिसने पुलिस और होटल संचालक का आभार जताते हुए अपने भाई को साथ ले गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार सम्भलपुर उड़ीसा निवासी के भवानी शंकर पात्रा उम्र करीब 32 वर्ष जोकि बैंगलोर किसी कम्पनी में सोफ्रटवेयर इंजिनियर के पद पर तैनात है, जोकि लाॅकडाउन से पूर्व अकेला उत्तराखण्ड धुमने के लिए आया था। जोकि अचानक देश के भीतर लाॅकडाउन हो जाने पर वह हरिद्वार में फंस गया। बताया जा रहा हैं कि रेलवे रोड़ स्थित किसी होटल में ठहरा था, लेकिन पैसा खत्म होने के कारण और एक सोफ्रटवेयर इंजिनियर होने के नाते उसने किसी से मदद लेना गवारा नहीं समझा। जिसने होटल से कमरा छोड दिया और रेलवे रोड़ के पास ही धुमते हुए समय लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार करते हुए समय व्यतीत करने लगा। बताया जा रहा हैं कि सड़क पर रहने के कारण उसका सारा सामन भी उठाईगिरों ने साफ कर दिया। ज्यों ज्यों लाॅकडाउन का समय सीमा बढती गयी, वैसे वैसे सोफ्रटवेयर इंजिनियर की बेचनी भी बढती गयी। जो कुछ भी उसके पास था सब पैसा खत्म हो गया। सोफ्रटवेयर इंजिनियर की स्थिति यहां तक पहुंच गयी कि वह डिप्रेशन में आकर अपनी सुधबुध खो बैठा। और पागलों की तरह सड़कों पर धुमता रहा और रात को भी उसने सड़क को ही अपना आशियाना बना डाला। बताया जा रहा हैं कि युवक की स्थिति को देखकर रेलवे रोड़ स्थित अमित भोजनालय स्वामी अनुराग को उसकी स्थिति देखी नहीं गयी और उसने अपने घर से रोजना सुबह-शाम खाना देता रहा। जिसपर सुधबुध खोये सोफ्रटवेयर इंजिनियर को अनुराग अपना मित्र लगा और उसपर विश्वास करने लगा। अनुराग ने युवक से उसके परिवार की जानकारी ली तो उसने अपने को उड़ीसा और भाई का नाम के गोवर्धन पात्रा बताया। जिसपर अनुराध् ने फेसबुक पर सर्च किया गया। जिसमें के गोवर्धन नाम के कई व्यक्ति समाने आये। जिनके फोटो युवक को दिखाया गया। जिसने एक फोटो को देखकर अपना भाई होने की तस्दीक की। जिसपर अनुराग ने उस फेसबुक पर मैसेज भेजा गया, लेकिन मैसेज नहीं पढ़ा गया। जिसके पार फेसबुक पर के गोवर्धन पात्रा की कम्पनी कोल इण्डिया लिमिटेड का नम्बर भी लिखा देखा और काॅल कर मामले की जानकारी दी गयी। इसी दौरान अनुुराग ने सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह से सम्पर्क कर मामले से अवगत कराया गया। जब पुलिस युवक को लेेने पहुंची तो उसने साथ जाने से इंकार कर दिया। और ना ही पुलिस से कोई बात की गयी। जिसपर सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने युवक की देखभाल का जिम्मा अनुराग पर छोड कर उसकी हर स्थिति की उनको जानकारी देने को कहा गया। बताया जा रहा हैं कि के गोवर्धन पात्रा का फोन काॅल अनुराग के पास आने पर उसके भाई के भवानी शंकर पात्रा से वीडियों काॅलिंग करायी गयी। जिसको देखकर दोनों ने एक दूसरे को पहचान लिया और दोनों ही भावुक हो गये। जिसपर के गोवर्धन पात्रा ने अनुराग को शीघ्र हरिद्वार पहुंचने का अश्वासन दिया। बताया जा रहा हैं जिस कम्पनी में के भंवानी शंकर पात्रा सोफ्रटवेयर इंजिनियर हैं वहां उसकी वेतन लाखों में है। वही उसको भाई के गोवर्धन पात्रा भी कोल इण्डिया लि. में असिस्टेंड मैनेजर के पद पर तैनात है। के भंवानी शंकर पात्रा के भाई की खोज हो जाने की जानकारी अनुराग ने सीओ सिटी को दी। जिसपर सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने युवक को घर भिजवाने की पूरी औपचारिकता पूर्ण करते हुए उसके भाई के आने का इंतजार किया। सोफ्रटवेयर इंजिनियर का भाई आज हरिद्वार पहुंचा, जहां पर सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने सिटी मजिस्ट्रेट से उड़ीसा तक जाने की अनुमति दिलाकर उसको हरिद्वार से रवाना किया। सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह के अनुसार पिछले दो माह से लाॅकडान में फंसे उड़ीसा के सोफ्रटवेयर इंजिनियर को उसके भाई के साथ वापस भेज दिया।