
कोरोना नोडल अधिकारी का ईद का पर्व मरीजों के बीच मनाने का निर्णय
पीएमएस का भाई गम्भीर होने पर भी निभा रहे चिकित्सक का फर्ज
लीना बनोधा
हरिद्वार। संसाधनों की कमी के बावजूद सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक और स्टाफ कोविड मरीजों की देखभाल में जी जान से जुटे हैं हरिद्वार जनपद में कॉविड के इलाज के लिए सबसे पहला अस्पताल मेला चिकित्सालय तभी से लगातार कोरोना मरीजों के इलाज में लगा है।
ज्ञात रहे यहां का अधिकतम स्टाफ कोरौना से संक्रमित हो चुका है और ठीक होते ही पुनः अपने कार्य में लग जाता है। पीएमएस डॉ राजेश गुप्ता भी कोरोना संक्रमित हो गए थे वह भी ठीक होते ही ड्यूटी पर आ गए, उनके भाई जो गंभीर रूप से बीमार हैं उसके बावजूद राजेश गुप्ता अस्पतालों की निगरानी कर रहे हैं।
दूसरा उदाहरण मेला चिकित्सालय नोडल ऑफिसर डॉ निशांत अंजुम का है जो इस बार भी ईद मनाने अपने घर भी नहीं जा रही है उन्होंने फैसला किया है कि वह अपनी ईद अस्पताल में भर्ती करीब 45 मरीजों के साथ ही मनाएंगी। यहां की सहायक नर्सिंग अधीक्षिका का पूनम पयाल भी कोरोना संक्रमित हो चुकी हैं उनकी जगह सुनीता आर्य और प्रमिला कपिल ड्यूटी निभा रहे हैं जबकि वह भी संक्रमित हो चुके हैं इसी प्रकार यहां के लैब के कर्मचारी भी संक्रमित हो चुके हैं और ठीक होते ही उन्होंने अपनी जिम्मेदारी फिर से निभानी शुरू कर दीं है।
लैब टेकनीशियन नितिन शर्मा, उमेश सैनी, आरती, अंकिता, कुंती, आदि भी सभी को कोविड़ हो चुका है और वह वापस आते ही अपने कार्यो में लग गए हैं। सभी ने मरीजों की सेवा का बीड़ा उठाया है डॉ चंदन मिश्रा, डॉ संदीप टंडन, डॉ शशीकांत, डॉ हितेन जंगपांगी आदि तो एच एम जी अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमितो के साथ साथ मेला अस्पताल में भर्ती मरीजो को देख रहे हैं।
ड्यूटी पर तैनात डॉ वैभव, डॉ प्रदीप, डॉ अनमोल, डॉ करिश्मा, डॉ अक्षय, डॉ ऋत्विक रजत, डॉ शिवांगी, डॉ निशा भारद्वाज आदि दिन रात मरीजो की सेवा में लगे हुए है। मेला चिकित्सालय की पथलॉजिस्ट डॉ तेजस्विता बिष्ठ भी कोविड़ से ठीक होकर अपनी सेवाएं कोविड़ मरीजो के लिए फिर से प्रदान कर रही है।
चिकित्सालय का पैरामेडिकल स्टाफ कविता मल, शवेता भारद्वाज, पूजा, संगीता, प्रियंका नेगी, हिमानी, दीपिका, ज्योति, आशा, अनिता, बबिता, संजय शर्मा, अशोक कालरा (चीकू), राहुल यादव, नेहा, हिमांशू , राजू चोटेला, महेश ढींगरा, मूलचंद, विजय, सुरेश, मुकेश, अर्जुन आदि ने यहां भर्ती मरीजो की देखभाल का बीड़ा उठाया हुआ है। सभी के सभी सुबह से लेकर देर रात तक मरीजो की सेवा में लगे रहते है ।