
कांवडियों के लिए बने 17 अस्थाई चिकित्सा केन्द होगे हाईटेकः डॉ. राजेश गुप्ता
सभी चिकित्सा केन्द्रों पर होगी एक-एक एम्बुलेंस मौजूद
गम्भीर मरीजों का तत्काल निकटतम हॉस्पिटल ले जाकर होगा उपचार
कांवड़ मेले को लेकर स्वास्थ्य विभाग दिखाई दे रहा मुस्तैद
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। स्वास्थ्य विभाग ने कांवड मेले में विभिन्न प्रांतों से हरिद्वार पहुंचने वाले करोड़ों कांवडियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अपनी कमर कस ली है। जिसको लेकर रविवार को कांवड़ मेले के लिए बनाये गये सैक्टर कट्रॉल रूम में सीएमओ डॉ. खगेन्द्र सिंह, कांवड मेला नोडल अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता, सहायक नोडल अधिकारी डॉ. तरूण मिश्रा और स्वास्थ्य शिक्षक बीके गुप्ता के निर्देशन में सैक्टर सुपरवाईजरों की एक बैठक आयोजित हुई।
बैठक में कांवड मेले में पहुंचने वाले कांवडियों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के सम्बंध् में चर्चा की गयी। कांवडियो को स्वास्थ्य से सम्बंधित परेशानियों को भी ध्यान में रखते हुए दवाओं की उपलब्ध्ता कराने पर जोर दिया गया। बैठक में आम तौर पर कांवड़ियों को दर्द, चोट, उल्टी, दस्त, आखों में जलन, पैरों में छाले, बाइक के साईलेंसर से पैर झुलसने आदि की शिकायत रहती है के उपचार से सम्बंधित दवाओं को निर्धारित स्थानों पर स्थापित अस्थाई चिकित्सा केन्द्र उपलब्ध रखने पर बल दिया गया।
सीएमओ हरिद्वार डॉ. कुमार खगेन्द्र सिंह ने बताया कि कांवड़ियों के लिए कांवड यात्रा में विभिन्न क्षेत्रों में 17 अस्थाई चिकित्सा केन्द बनाये गये है। जिनमें 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं जारी रहेगी, प्रत्येक अस्थाई चिकित्सा केन्द्र पर एक चिकित्सक, एक फार्मेसिस्ट और एक वार्डबॉय मौजूद रहेगा। जिनमें स्टॉफ की तीन शिफ्रट जारी रहेगी। अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों में अनुभवी चिकित्सको को तैनात किया गया है। जोकि पूर्व में भी कांवड मेले की ड्यूटी को सफलता पूर्वक निभा चुके है।
उन्होेंने बताया कि पिछले कांवड़ मेलों की व्यवस्थाओं का अवलोकन भी किया गया हैं, जिनमें जो खामिया थी, इसबार उनको दुरूस्थ किया गया है। ताकि कांवड़ियों को किसी प्रकार की स्वास्थ्य से सम्बंधित कोई परेशानी न होे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से छह निजी हॉस्पिटलों का भी सहयोग लिया जा रहा है। जिनमें जया मैक्सवेल हॉस्पिटल, आरोग्य हॉस्पिटल, कोर मेडिकल कॉलेज, भूमानंद हॉस्पिटल और हरिद्वार आयुर्वेदिक कॉलेज शामिल है। जहां पर आसपास के गम्भीर कांवडियों को उपचार के लिए भेजा जाएगा। इन निजी हॉस्पिटल द्वारा भी अपने स्तर से कांवड़ यात्रा में हॉस्पिटल के पास अस्थाई चिकित्सा केन्द्र स्थापित किये जाएगें।
नोडल अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि इस बार कांवड मेले में स्वास्थ्य विभाग ने अपने अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों को हाईटेेक किया गया है। ताकि कांवड़ियों को किसी प्रकार की स्वास्थ्य से सम्बंधित कोई दिक्कत न होे। सैक्टर सुपरवाईजरों को निर्देशित किया गया हैं कि अस्थाई चिकित्सा केन्द्र स्थलों को पूरी तरह से स्थली निरीक्षण कर लिया जाए, जो भी खामिया नजर आती हैं उसको अवगत कराया जाए। जिससे समय रहते उन खामियों को दुरूस्थ किया जा सकेें। साथ ही कांवडियों से सम्बंधित बीमारियों के उपचार की दवाओं की उपलब्धता समय से पूर्व कर उनको सूचित किया जाए।
उन्होंने बताया कि कांवड मेले में 17 अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों पर एक-एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की गयी है। समान्य तौर पर को कांवड़ियों के उपचार के लिए सभी दवाएं अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों पर उपलब्ध् रहेगी। यदि कोई गम्भीर मरीज चिकित्सा केन्द्र पर पहुंचता है तो उसको तत्काल एम्बुलेंस के जरिये निकटतम चिकित्सालय में उपचार के लिए ले जाया जाएगा, जहां उसको समय से उपचार मिल सकेगा।
सहायक नोडल अधिकारी डॉ. तरूण मिश्रा और स्वास्थ्य शिक्षक बीके गुप्ता ने भी कांवड से सम्बंधित तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि कांवड यात्रा में कांवडियों के स्वास्थ्य से सम्बंधित सभी व्यवस्थाओं की तैयारियां को पूरा कर लिया गया है।
बैठक में सैक्टर सुपरवाईजरों में अवनीश कुमार, अवधेश, मौ. सलीम, जगजीवन राम, अशीष शर्मा, स्वरूप पोखरियांल और राज कुमार मौजूद रहे।