
यूपी के सत्रह जिलों के कार्यकत्र्ताओ की विशेष संगोष्ठी
लीना बनौधा
हरिद्वार। शांतिकुंज स्थापना के स्वर्ण जयंती के अवसर पर गायत्री तीर्थ में उत्तर प्रदेश के कार्यकत्र्ताओं की विशेष संगोष्ठी आयोजित हुई। संगोष्ठी का शुभारंभ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डाॅ. चिन्मय पण्डया, शिवप्रसाद मिश्र, केन्द्रीय जोन समन्वयक डाॅ. ओपी शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।
इस संगोष्ठी में अलीगढ़, बुलन्दशहर, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्रपफरनगर सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश के सत्रह जिलों के गायत्राी परिवार के जोन, उपजोन तथा जिला समन्वयक सहित वरिष्ठ कार्यकत्र्ता भाई-बहिन शामिल रहे। प्रतिभागियों के भेंट परामर्श के अवसर पर शांतिकुंज की शैलदीदी ने कहा कि शुभ संकल्प लेकर किसी श्रेष्ठ कार्य के लिए आगे बढ़ते हैं, तो उसे पूरा कराने में गुरुसत्ता का आशीष, संरक्षण रहता है और जब ईश्वरीय योजनाओं के लिए कार्य करते हैं, तो भगवान का आशीर्वाद भी बरसता है।
इस अवसर पर प्रतिकुलपति डाॅ चिन्मय पण्डया ने कहा कि यह वर्ष शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती और हरिद्वार में महाकुंभ का वर्ष है। ऐसे समय में हम सभी का पुनीत कत्र्तव्य लोगों की श्रद्धा भावना को पोषित करना है। उन्होंने कहा कि लोगों में वैचारिक क्षमता के लिए श्रेष्ठ साहित्यों का अध्ययन तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिए ईश्वरीय सत्ता का नियमित उपासना करनी चाहिए। पूज्य गुरुदेव युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने आत्मोन्नति के लिए बहुत ही सरल सूत्र बताये हैं, उसे व्यवहारिक जीवन में उतारना चाहिए।
राष्ट्रीय जोनल समन्वयक डाॅ. ओपी शर्मा ने कहा कि यह समय सौभाग्य के उदय होने का है। संगोष्ठी में केपी दुबे, श्याम बिहारी दुबे आदि ने भी शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती वर्ष की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी के समापन अवसर पर उत्तर जोन के केन्द्रीय प्रभारी नरेन्द्र ठाकुर ने सभी का आभार प्रकट किया।