
जिले के पुराने खिलाडियों का भी नहीं लिया जा रहा कोई सहयोग
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। विजय हजारे, रणजीत ट्राॅफी कैम्प उत्तराखण्ड 2018-19 और हरियाणा अंडर-17 खेलने वाले पूर्व खिलाडी रोहन सहगल ने क्रिकेट एसोशिएशन आफ हरिद्वार पर सवाल खडे करते हुए कहा कि प्रदेश ने बीसीसीआई के इस क्रिकेट सीजन अंडर-14, अंडर-16, अंडर-19, अंडर-23, सावेद मुस्ताक अली, विजय हजारे और रणजीत ट्राॅफी जैसे 7 टूनामेंट में भाग लिया। लेकिन दुर्भाग्य हैं कि क्रिकेट एसोशिएशन आफ हरिद्वार के पास टूनामेंट में खेलने के लिए 7 खिलाडी ऐसे नहीं थे, जिन्होंने प्रदेश की टीमों में अपनी जगह बनायी हो। क्या हरिद्वार में प्रतिभावाओं का अकाल पड गया हैं या फिर सीएएच हरिद्वार में क्रिकेड प्रतिभावाओं को तलाशने में नाकाम रही। रोहन शनिवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। उन्होंने सीएएच से पूछा हैं कि मान्यता मिले करीब एक साल हो जाएगा, लेकिन क्रिकेट प्रतिभावाओं को तलाशने के लिए क्या ठोस कदम उठाये? या फिर उन्होंने खेल के स्तर को बेहतर बनाने के लिए कुछ नया किया हो?। हरिद्वार में अभी तक कोई तुरूफ विकेट नहीं बनवा पाये। शहर के बीचों बीच भल्ला काॅलेज स्टेडियम होने के बावजूद भी उसको लाभ भी नहीं ले पाये। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिभावन खिलाडियों को पक्षपात का शिकार होना पड रहा है। उन्होंने आरोप लगाया हैं कि अगले वर्ष के लिए हो रहे सलेक्शन और रजिस्ट्रेशन कराने के लिए घंटों इंतजार करने और उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। उनका कसूर बस इतना हैं कि होनहार खिलाडी अन्य एसोशिएशन का हिस्सा है। शहर के होनहार खिलाडियों के साथ भेदभाव करते हुए निजी एसोशिएशन के ही खिलाडियों में प्रतिभा को तलाशा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएएच जिले के पुराने खिलाडियों का कोई सहयोग नहीं ले रहा है। रणजी ट्राॅफी में प्रदेश का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है, 9 मैचों से 7 मैच हारकर उत्तराखण्ड एलिड ग्रुप सी में सबसे पीछे रही व अब इस ग्रुप से निकलकर अगले सत्रा में फिर सबसे पिचला गु्रप प्लेट ग्रुप में खेलेगी। जबकि प्रदेश में प्रतिभावान खिलाडियों की कमी नहीं है। उसके बावजूद भी होनहार खिलाडियों का चयन न होना कही न कही चयन टीम प्रबंधन पर सवाल खड़े कर रहा है। प्रेसवार्ता के दौरान अन्य पूर्व खिलाडी भी मौजूद थे।