
सरकार बनने पर दायित्वधारी दर्जा मिलने की थी पूरी उम्मीद
ऐसे नेता कांग्रेस पार्टी को कर रहे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार न बनने पर कुछ शहर के कांग्रेसी दिग्गज नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया। जिनको सरकार बनने पर अपने आंकाओं के बदौलत राज्य में कोई दायित्वधरी दर्जा मिलने की पूरी उम्मीद थी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना हैं कि वो बात अलग हैं यह दिग्गज नेता केवल कागजों तक सीमित हैं, जिनका जनता के बीच कोई जनाधार नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस की सरकार बनते ही जुगाड़ कर कोई न कोई दर्जा लेने में कामयाब हो ही जाते है। ऐसे नेताओं की गिनती उंगुलियों में गिनी जा सकती है। जबकि शहर के कई कांग्रेसी कार्यकर्ता वर्षो से पार्टी से जुड कर पार्टी के लिए दिन रात मेहनत करते हुए रिटायर्ड हो गये। लेकिन उनको कोई भी छोटा मोटा पद को छोड़ कर कोई अहम सम्मान तक नहीं मिल पाया।
ऐसा नहीं कि इस बात की टिस कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में नहीं हैं, लेकिन वह कांग्रेस के प्रति समर्पित व सच्चे सिपाही हैं जोकि तपती धूप व बरसात में पैदल चलकर कांग्रेस की नीतियों को लोगों तक पहुंचाने व भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुंलद करने तथा लोगों को न्याय दिलाने के लिए सघर्ष करते देखा गया है। जिनकी वजह से शहर में कांग्रेस है। लेकिन कुछ कांग्रेसी दिग्गज नेता तो केवल कांग्रेस पार्टी को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे है।
राजनीतिक जानकारों का कहना हैं कि उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार न बनने पर उनको जरूर धक्का लगा है। जिनमें अब मायूसी देखी जा रही हैं, जिन्होंने कभी कांग्रेस पार्टी के हित के लिए नहीं सोचा, बल्कि पार्टी से हमेशा अपने हित साधते रहे। ऐसे कुछ दिग्गजों नेताओं की वजह से आज शहर में कांग्रेस पार्टी की स्थिति काफी बदहाल है। ऐसे नेता किसी बडे नेता के शहर में आने पर उनको दिखाने और उनके साथ फोटो खिचवाते देखे जा सकते है। यहां बताने की आवश्यकता नहीं कि इन नेताओं का जनाधार कितना हैं अगर होता तो विधानसभा चुनाव 2022 में हरिद्वार सीट पर कांग्रेसी प्रत्याशी सतपाल ब्रहा्रचारी भारी मतों से नहीं हारते। ऐेसे कांग्रेसी नेताओं को अब सोचना व समझना होगा कि अगर पार्टी हैं तो उनका भी वजूद है। अगर कांग्रेस मजबूत होती हैं तो वह भी मजबूत होगें।