
मुख्यमंत्री को सम्बांधित सौपा चार सूत्री मांगों का ज्ञापन
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी संघर्ष समिति के तत्वाधान में नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित चार सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन नगर मजिट्रेट को सौपा गया। जिसमें राज्य की राजधानी गैरसैण घोषित करने, चिन्हिकरण से वंचित राज्य आन्दोलनकारियों को चिन्हित करने, सभी चिन्हित राज्य आन्दोलनकारियों को एक समान पांच हजार रूपये प्रति माह पेशन देने और राज्य आन्दोलनकारियों के बच्चों को 10 प्रतिशत आरक्षण दने की मांग की गयी है। इस अवसर पर केन्द्रीय अध्यक्ष सतीश जोशी ने कहा कि भाजपा सरकार राज्य आन्दोलनकारियों की उपेक्षा कर रही है। जब से भाजपा की सरकार प्रदेश में बनी हैं तभी से राज्य आन्दोलकारियों की किसी भी मांग को नहीं माना गया है। सरकार की उपेक्षापूर्ण व्यवहार को लेकर एक बडा आन्दोलन भाजपा सरकार के खिलाफ राजधानी में चलाया जाएगा। इस अवसर पर नेत्री सरिता पुरोहित ने कहा हैं कि प्रदेश सरकार पहाडों के विकास के बडे बडे दावे करती है। मगर वह केवल हवाई साबित हो रहे है। भाजपा के शासनकाल में महिलाए सुरक्षित नहीं है। प्रदेश की जनता पूरी त्रास्त हैै। जिस तरिके से भ्रष्टाचार अपने चरम पर हैं वह किसी से छुपा नहीं है। मोदी की डबल इंजन की सरकार प्रदेश में नाकाम साबित हुई है। धरने को सम्बोधित करते हुए नेत्री मधु नौटियाल ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में राज्य आन्दोलनकारियों को जो सुविधाए मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल पा रही है। राज्य आन्दोजलनकारियों की विभिन्न मांगे आज भी सरकार की घोषणा का इंतजार कर रही है। लेकिन सरकार उनकी मांगों को गम्भीरता से नहीं ले रही है। जिसको लेकर राज्य आन्दोलनकारियों में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है। नेत्री मीरा रतूडी ने कहा कि भाजपा के शासन काल में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों में केवल शिक्षकों पर ही कार्यवाही की जा रही है। जो अधिकारी इस भ्रष्टाचार के जिम्मेदार हैं उनको बचाया जा रहा है। चन्द्र सिंह गढावाली स्वरोजगार योजना का लाभ अपात्र लोगों ने उठाया, जिनके खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। ध्रना प्रदर्शन करने वालों में कमल बडोला, शांति मनोरी, विपुल गौदियाल, आशीष कुमार, पुष्पा देवी, जगत सिंह रावत, तेज सिंह रावत, विमला देवी, भूपेन्द्र प्रसाद भट्ट, हरीश मैठाणी, आनन्द मणी नौडियाल, विष्णु दत्त सेमवाल आदि मौजूद थे।