
मुख्यमंत्री को समारोह में जाने का समय हैं, मगर नहीं हैं तो पीडितों के लिए
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अम्बरीष कुमार ने कहा कि भगवानपुर थाना क्षेत्रान्तर्गत 7 फरवरी की रात को बलुपुर, बिंदुखडक, भाल स्वगाज आदि गांवों में जहरीली शराब पीने से 100 से अधिक लोगों की जान चली गयीं। जिससे उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरा देश स्तब्ध है। लेकिन राज्य की भाजपा सरकार इतनी बडी घटना के बाद भी सवेंदनहीन बनी हैं। मुख्यमंत्राी सहित मंत्रियों को विवाह व जन्मदिन समारोह में जाने के लिए समय तो है। मगर इतनी बड़ी संख्या में मारे गये लोगों के परिजनों से मिलकर उनको सवेेंदना देने के लिए समय नहीं है। इसी बात से लगता हैं कि प्रदेश में भाजपा सरकार गरीबों कर हितैषी नहीं बल्कि धनासेठों की हितैषी है। कांग्रेसी नेता अम्बरीष कुमार मंगलवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकारों से रू-ब-रू हो रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश की सरकारें केवल चंद अधिकारियों के निलंबन कर पूरी घटना पर लीपापोती करते हुए अपने मुंह की कालिख को उतारने पर लगी है। इतनी बढ़ी सख्या में जहरीली शराब पीकर मरने वालों के प्रति देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी मृतकों के परिजनों को सत्वंना देने के लिए दो शब्द भी नहीं कहे। जबकि वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जी ने वायदा किया था वे डबल इंजन की सरकार बना दो, किसानों के कर्जे माफ किये जाएगें। साथ ही गन्ने का भुगतान गन्ना आपूर्ति के 15 दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। लेकि मोदी के वायदे केवल कोरे वायदे साबित होे रहे है। आज भी किसानों की बहुत बड़ी धनराशि बकाया है, किसान बेहाल हैं मोदी जी ने उत्तराखण्ड के किसानों के साथ धोखा किया है। साथ ही भारत की सुरक्षा व्यवस्था से प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार ने राफेल विमान खरीद समझौते के माध्यम से खिलवाड किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र ने न केवल जनता बल्कि मा. सर्वोच्च न्यायालय और भारत की संसद को भी गुमराह किया है, न खाउगा न खाने दूंगा कहने वाले प्रधानमंत्री मोदी जी का कार्यालय इस डील से एंटिकरप्शन क्लाॅज हटाकर प्रधानमंत्री के चहेतों को भ्रष्टाचार की छूट देने को जिम्मेदार है। कनून व्यवस्था पूरी तहर ठप्प है, जीएसटी के नाम पर व्यापारियों का शोषण और अधिकारियों की जूट ने कांग्रेस पार्टी को विवश कर दिया हैं कि देवभूमि की परम्परा को छोड़कर 14 फरवरी को रूद्रपुर में आने पर प्रधानमंत्री के विरोध का निर्णय लिया है। प्रेसवार्ता के दौरान संजय अग्रवाल, मुरली मनोहर, धर्मपाल ठेकेदार, प्रदीप चौधरी आदि कांग्रेसी नेता मौजूद थे।