■जल जीवन मिशन को लेकर विधासभा में दो सालों से कर रह प्रश्न पूछने का प्रयास
■प्रश्न को नहीं किया जा रहा शामिल, हरिद्वार में पेय जल को लेकर जनता में मचा हाहाकार
■आरोपः महत्वकांक्षी योजना आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए की जा रही बदरबांट
■कोरिडोर को लेकर सही जानकारी न मिलने पर व्यापारियों में भय का माहौलः डॉ. पालीवाल
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। कांग्रेस विधायक इंजिनियर रवि बहादुर ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वकाक्षी योजना जल जीवन मिशन हरिद्वार में दम तोड़ रही है। अगर जनपद हरिद्वार की बात करें तो जनता में पेय जल और विद्युत आर्पित को लेकर जनता में त्राहिमाम मची हुई है। विधानसभा सत्र में उनके द्वारा पिछले दो सालों से जल जीवन मिशन में अपना सवाल पूछने का प्रयास किया जा रहा हैं, लेकिन उसके प्रश्न को शामिल ही नहीं किया जा रहा है। ऊर्जा प्रदेश आज खुद ही अपने प्रदेश के लोगों को विद्य़ुत की आपूर्ति ठीक से नहीं उपलब्ध करा पा रही है। वहीं लगातार विद्युत के बिलों में वृद्धि कर जनता की कमर को तोड़ा जा रहा है। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा नहीं उतर पा रही है। ज्वालापुर कांग्रेस विधायक इंजिनियर रवि बहादुर रविवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन योजना के तहत प्रदेशों को 50 प्रतिशत दिया जाता था और 50 प्रतिशत प्रदेशों को खुद खर्च उठाना पड़ता है। लेकिन उत्तराखण्ड प्रदेश के लिए जल जीवन मिशन का खर्च 90 प्रतिशत केन्द्र उठा रही हैं, उत्तराखण्ड को केवल 10 प्रतिशत की खर्च वहन करना पड़ रहा है। लेकिन उसके बावजूद जनपद हरिद्वार की जनता में पेय जल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजना को वर्ष 22 में पूरा कर लेने का दावा किया गया था, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार समय पर योजना को पूरा नहीं कर सकी। जिसके बाद महत्वकांक्षी योजना की समय सीमा वर्ष 23 बढा दी गयी, लेकिन उसके बावजूद भी नतीजा शून्य है। जल जीवन मिशन योजन के तहत हर घर तक जल पहुंचाने का दावा किया गया था, जोकि सरकार का केवल दावा ही रह गया।
इंजिनियर रवि बहादुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए जनता की गाढ़ी कमाई की बदरबांट की जा रही है। जल जीवन मिशन योजन के तहत जिन लोगों को ठेके दिये गये है। वह सभी ठेकेदार बाहरी है, जिनमें यूपी और गुजरात के ठेकदार शामिल है, लेकिन एक नारसन के अपने चेहते ठेकेदार को 42 करोड़ का ठेका दिया गया है। इसके अलावा भाजपा सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर किसी भी ठेकेदार को जल जीवन मिशन में ठेका नहीं दिया गया है। जनपद में अब पेय जल की स्थिति हाथ से निकलने पर जनता हेडपम्प की मांग कर रही है। जिसपर प्रदेश सरकार ने जनपद हरिद्वार के लिए हेडपम्प के लिए 85 लाख रूपये निर्धारित किये है। जबकि एक हेडपम्प की लगात 1 लाख 60 हजार रूपये है। ऐसे में जनपद में केवल 50-55 हेडपम्प ही जनपद में लग सकेगे, जोकि नाकाफी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रामीण अचंल में जो जल पीने के लिए जन जीवन मिशन के जरिये जनता को उपलब्ध कराया जा रहा हैं, वह पीने योग्य तक नहीं है, जल में पूरी दूषिता नजर आ रही है। जल जीवन मिशन के नाम पर 650 करोड़ जनपद हरिद्वार की योजना के लिए था। लेकिन पैसा कहा गया, उसका पता नहीं। पैसों को ठिकाने लगाने के लिए पुरानी पानी की टंकियों जोकि ठीक हालत में थी उनको जबरन तोड़ कर पैसा ठिकाने लगाने के लिए नई टंकिया बनवाते हुए भ्रष्टाचार को बढावा देने का काम किया जा रहा है। जल जीवन मिशन के ठेकेदार ग्रामीणों से कनेंक्शन के नाम पर 1-1 हजार रूपये वसूल रहे हैं जिनकी रसीद भी ग्रामीणों दी जा रही हैं, लेकिन उसके बावजूद भी नलों में पानी नहीं है। जबकि जल जीवन मिशन के तहत निःशुल्क कनेंक्शन देने के दावे भाजपा सरकार द्वारा किये गये थे। ठेकेदार पुराने कनेंक्शनों को नये कनेंक्शन दर्शा कर भ्रष्टाचार को बढावा देने का काम भी कर रहे है।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ. संजय पालीवाल ने कहा कि जल जीवन मिशन पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सरकार कराये। जिस तरीके से जनपद हरिद्वार में पेय जल और विद्युत आपूर्ति का संकट बना हुआ है उससे जनता में त्राहिमाम मची हुई है। उत्तराखण्ड ऊर्जा प्रदेश होने के बावजूद भी प्रदेश की जनता विद्युति कटौती से परेशान है। साथ ही विद्युत के बिलों में लगातार की जा रही बढोत्तरी से प्रदेश की जनता पर ओर बोझ डालने का काम प्रदेश की सरकार कर रही है। प्रदेश की जानता डबल इंजन की प्रदेश की सरकार से परेेशान हो चुकी हैं, जिसको समय आने पर सही जबाब देेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों में प्रशासन ने कोरिडोर को लेकर एक भय का माहौल बना रखा है। कोरिडोर को लेकर जिला प्रशासन के साथ कई बैठके करने के बाद भी व्यापारियों को सही जानकारी नहीं दी जा रही है। जिला प्रशासन को व्यापारियों व स्थानीय नागारिकों को कोरिडोर को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
पत्रकार वार्ता के दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक शर्मा, विभाष मिश्रा, अनिल भाष्कर, जतिन हांडा, हिमांशु बहुगुणा, रकित वालिया, हरिद्वारी लाल आदि मौजूद रहे।