
प्रर्थना: माँ गंगा के समान ही पकिस्तान में भी मिले माँ गंगा का आशीर्वाद
श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने किया पाकिस्तानी हिन्दू जत्थे का स्वागत
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। संत बहुल्य क्षेत्र स्थित शदाणी दरबार में चल रहे वार्षिक उत्सव में शामिल होने पहुंचे पाकिस्तान के हिन्दूओं के एक जत्थे ने मां गंगा के प्रति अपनी असीम आस्था प्रकट करते हुए पाकिस्तान से सिंघु नदी का जल लाकर ब्रहा्कुण्ड में विलय किया। इतना ही नहीं उन्होंने मां गंगा से प्रर्थना की कि माँ गंगा के समान ही पकिस्तान में भी गंगा का आशीर्वाद मिले,वहां भी सद्भाव ,सतित्व ,पवित्रता आये और हिंदुत्व का झंडा लहराता रहे। बताते चले कि हर साल शदाणी दरबार में वार्षिक उत्सव में पाकिस्तान से हिन्दूओं को जत्था शामिल होता आया है। इसी क्रम में बीती रात पाकिस्तान से हिन्दूओं को 216 तीर्थ यात्रियों को जत्था हरिद्वार शदाणी दरबार पहुंचा। जहां से आज वे शोभायात्रा के रूप में सिंधु नदी का जल कलश लेकर नाचते गाते हुए हर की पैड़ी पहुचे जहा उन्हें सिधु जल कलश को श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा को सौंपा और शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर स्वामी युद्धिष्ठिर लाल महाराज के साथ सिंधु जल को गंगा में प्रवाहित कर हिंदुस्तान और पाकिस्तान की गंगाओं का मिलन कराया। इस अवसर पर पाकिस्तान से आये हिन्दू तीर्थ यात्रियों ने मा गंगा में स्नान भी किया और दरबार में चलने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेगें। पाकिस्तान से आये यात्री भी चाहते है कि दोनों देशों में अमन और शांति हो। शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर स्वामी युद्धिष्ठिर लाल महाराज का कहना है कि तीर्थ नगरी हरिद्वार में पाकिस्तान से 216 हिंदूओ का जत्था यह पहुचा है हर वर्ष यह यात्रा होती है भारत पाकिस्तान प्रोटोकाल के माध्यम से ,शदाणी दरबार इन जत्थो के आने जाने की व्यवस्था करता है सं 2010 कुम्भ से जब से शदाणी दरबार के मंदिर सप्तसरोवर में बना है तब से हर वर्ष दो सौ ,ढाई सौ का जत्था आ रहा है ,लोग फूल लेकर आते है अलर्क मनोकामनाएं लेकर आते है और मात्र गंगा का दर्शन करके अपना बड़ा भाग्य समझते है। आज यहां विशेष प्रोग्राम हरकी पैड़ी पर ब्रह्मकुंड में गंगा सभा के अध्यक्ष के साथ पाकिस्तान जत्था कर रहा है ,सिधु जल को गंगा में विसर्जित किया जा रहा है सिंधु से हिन्दू शब्द की उत्पत्ति है ,पकिस्तान में सिंधु को गंगा जी बोला जाता है, अदभुत कार्यक्रम हो रहा है। श्री गंगा सभा के अध्यक्ष पंडित प्रदीप झा का कहना है कि आज जो जत्था गाठ वर्षों की भांति इस वर्ष भी हमारे पास आया है ,इसका अभिनंदन और स्वागत करता हूँ ,यह हिंदुत्व की भावना पूरे विश्व में आज जो व्याप्त हुई है इसमें शदाणी दरबार का बहुत बड़ा योगदान रहा है ,मैं इनका आभार व्यक्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आने वाले समय मे यह और भी अधिक मात्रा में श्रद्धालु लेकर यहाँ आयेंगे और इसी प्रकार से गंगा जी से मिलकर अपने अपने क्षेत्र में गंगा जी का प्रचार प्रसार करेंगे। इस जत्थे का दिल से अभिनंदन और स्वागत करता हूँ ,श्री गंगा जी के जहा से प्रादुभ्रव हुआ है गंगोत्री से और जहा यह गंगा सागर में जाकर समाती है ,इसमें जितने सरयू, काबेरी ,प्रयागराज में तीनों नदियां इसमें मिलती है जमना जी और सरस्वती जी लेकिन वहां से जब काशी के लिए जाती है तो न जमना जी जाती है और न सरस्वती जी वहां से जाती है और काशी में गंगा जी पहुचती है ,गंगा जी के जल की एक महिमा है कि इस मां में जो आ जाता है उसमें सिमट जाता है