
अपने ही विभाग में सुविधा लेने के लिए बेलने पड़ रहे पापड़
संघ ने गोल्डन कार्ड की सुविधाओं के दावो पर खडे किये सवाल
डीजी हैल्थ से व्यवहारिक दिक्कतों को दूर करने की मांग
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड देहरादून ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को पत्र लिखकर अपनी दुविधा को साझा की है। पत्र में कहा गया हैं कि गोल्डन कार्ड में कर्मचारियों द्वारा वेतन से अंशदान करने के बाद भी उनको गोल्डन कार्ड से कोई सुविधा उनके ही विभाग में नहीं मिल पा रही है। कर्मचारियों को अपने राजकीय चिकित्सालयों में एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट, प्लास्टर इत्यादि की सुविधा लेने के लिए हाॅस्पिटल में भर्ती कराने के लिए मजबूर होने की व्यवहारिक दिक्कत सामने आ रही है। कर्मचारी संघ ने गोल्डन कार्ड से मिलने वाली सुविधाओं के दावाओं पर ही सवाल खड़े करते हुए अपनी आपत्ति दर्ज करायी है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा, प्रदेश महामंत्री सुनील अधिकारी, प्रदेश उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा, गुरु प्रसाद गोदियाल ने संयुक्त रूप से कहा कि कर्मचारियों की ड्यूटी चिकित्सालयों में शिफ्टवार लगती है। ऐसे में अगर परिवार के आश्रितों को बीमार होने की दशा में उनके टेस्ट आदि कराने में भर्ती किया गया तो उस कार्य में समय लगेगा। उनको अपना या फिर परिवार के सदस्यों को हाॅस्पिटल में अल्ट्रासाउंड या फिर एमआरआई समेत अन्य सुविधा लेने के लिए उनको हाॅस्पिटल में भर्ती होना या करना पडेगा तो उन्हें अपने कार्य से छुट्टी लेनी पड़ेगी। इस प्रक्रिया से होकर गुजरने के लिए कर्मचारी या फिर को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
इसलिए कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड का कोई मतलब ही नहीं रह गया हैं जब उनको इतने झमेले से होकर गुजना पड़े तो उनको गोल्डन कार्ड के लिए अंशदान देने का क्या मतलब बनता है और बाहरी चिकित्सालयों में तो इससे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। पत्र के माध्यम से महानिदेशक इस दिशा में गोल्डन कार्ड की सुविधा मिलने की प्रक्रिया में शिथिलता प्रदान करने की मांग की गयी है। जिससे स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सालयों व कार्यालयों के कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड में अंशदान देने से लाभ मिल सके। संघ ने सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य उत्तराखंड एवं चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड को भी प्रति प्रेषित की गयी है।
नेताओं ने चेताया हैं कि अगर इस संबंध में ठोस कार्यवाही नहीं की गयी तो संघ को अग्रिम रणनीति बनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। कर्मचारियों की पदोन्नति एवं पौष्टिक आहार भत्ता की फाइल शासन में लंबित है, इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता की जाएगी और गोल्डन कार्ड की व्ययवस्थाओं में जो समास्याएं कर्मचारियों के सामने आ रही हैं उनको साझा कर उसमें सुधार करने के लिए अनुरोध किया जाएगा।