
हत्या में इस्तेमाल पाठल, चैक बुक, खून से सने कपडे व नगदी बरामद
वृद्धा की हत्या में शामिल दो ओर हत्यारोपी फरार, पुलिस तलाश में जुटी
लूट के इरादे से की थी वृद्धा की हत्या, दो किरायेदार भी वारदात में शामिल
खुलासा करने वाली टीम को डीजीपी, आईजी, एसएसपी व परिजनों की ओर से इनाम की घोषणा
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। कनखल पुलिस ने बैरागी कैम्प में रिटायर्ड सिंचाई विभाग कर्मी की गला रेत कर हत्या का खुलासा करते हुए चार हत्यारोपियांे को गिरफ्तार किया है। जबकि हत्या की वारदात में शामिल दो आरोपी अभी भी फरार है। हत्यारोपियों की निशानदेही से पुलिस ने खून से सन्ने कपड़े, पाठल, चैक बुक व नगदी बरामद की है। हत्यारोपियों में मृतक के दो किरायेदार भी शामिल है। हत्यारोपियों ने लूट के इरादे से हत्या की वारदात को अंजाम दिया। खुलाासा करने वाली पुलिस टीम को डीजीपी ने 25 हजार, गढवाल आईजी ने 10 हजार, एसएसपी ने 05 हजार और मृतक परिजनों की ओर से 51 हजार का इनाम देने की घोषणा की गई है। हत्या का खुलासा एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने रोशनाबाद स्थित पुलिस कार्यालय सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान किया।

उन्होंने बताया कि कनखल पुलिस को 11 सितम्बर की देर शाम को बैरागी कैम्प स्थित सेवाश्रम में एक वृद्ध की गला रेत कर हत्या करने की सूचना मिली। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बाथरूम से खून से सना शव बरामद किया। मृतक की पहचान सिंचाई विभाग के रिटायर्ड कर्मी अशोक चड्ढा के तौर पर हुई। अशोक चड्ढा ने विभाग से रिटायर्ड होने पर बैरागी कैम्प में सेवाश्रम का निर्माण कराया था। जिसमें वह यात्रियों व कामगारों को कमरा किराये पर देते थे। पुलिस ने घटना के सम्बंध में आसपास के लोगों से जानकारी लेने का प्रयास किया। लेकिन कोई ठोस जानकारी घटना के सम्बंध में नहीं मिली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपूर्द कर हत्यारोपियों की तलाश शुरू कर दी। शुरूआती जांच में हत्या का शक पुलिस को सेवाश्रम के केयर टेकर नरेन्द्र पर गया।
उन्होंने बताया कि लेकिन पुलिस ने गहनता से जांच की तो हत्या के पीछे केयर टेकर नहीं बल्कि सेवाश्रम के दो किराएदार और उनके साथी प्रकाश में आये। जांच के दौरान पता चला कि जिन किरायेदारों को अशोक चड्ढा ने सेवाश्रम से कुछ दिन पूर्व पहचान पत्र व किराया न देने पर निकाल दिया था। सेवाश्रम से निकाले गए किराएदार भानू और संदीप अक्सर अशोक चड्ढा के कमरे में झाड़ू-पोछा किया करते थे। इसलिए दोनों को सेवाश्रम की सब जानकारी थी कि कमरों की चांबी कहा रखी होती हैं और बिस्तर के नीचे रखे कागजात व बच्चों के अच्छे रोजगार में लगे होने के चलते उनके कमरे में मोटी रकम होने की पूरी जानकारी थी।
एसएसपी ने बताया कि सेवाश्रम से निकाले गये दोनों किरायेदारों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए योजना बना डाली। पुलिस टीम को हत्या के अहम सुराग हाथ लगने पर पुलिस हत्यारोपियों की तलाश में जुट गयी। इसी दौरान सूचना पर पुलिस ने चार हत्यारोपियों को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान हत्यारोपियों ने अपना नाम भानु प्रताप पुत्र कटार सिंह निवासी हस्तिनापुर मेरठ उ0प्र0 हाल निवासी मायाविहार जगजीतपुर कनखल, अभिजीत उर्फ सुक पुत्र मनमोहन सिंह निवासी आर्यनगर ज्वालापुर हरिद्वार, संदीप कुमार पुत्र जवाहर सिंह निवासी पण्डितपुरी रायसी लक्सर और मनीष गिरी पुत्र जनेश्वर निवासी बैराज कालोनी मायापुर कोतवाली हरिद्वार बताते हुए लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए अशोक चड्ढा की हत्या करना स्वीकार किया है। जबकि हत्या में शामिल दो अन्य साथियों के फरार होने की जानकारी दी। जिनकी पुलिस टीम सरगर्मी से तलाश में जुटी है।
उन्होंने बताया कि पुलिस टीम ने दबोचे गये हत्यारोपियों की निशानदेही से श्रीयंत्र पुल के पास से हत्या में इस्तेमाल पाठल, खून से सने कपडे, मृतक की बैंक की चैक बुक और लूटे गयी रकम से 07 हजार की नगदी बरामद की है। पुलिस ने हत्यारोपियों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। जिनको मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। पुलिस टीम फरार दो हत्यारोपियों की तलाश में जुटी है। वृद्धा की हत्या का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को डीजीपी ने 25 हजार, गढवाल आईजी ने 10 हजार, एसएसपी ने 05 हजार और मृतक परिजनों की ओर से 51 हजार का इनाम खुलासा करने वाली पुलिस टीम को देने की घोषणा की गई है।
प्रेसवार्ता के दौरान एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, एसपी देहात स्वप्न किशोर, कनखल थानाध्यक्ष नितेश शर्मा, उपनिरीक्षक देवेन्द्र सिंह तोमर, उपनिरीक्षक कमल कांत रतूडी, उपनिरीक्षक उपेन्द्र सिंह, उपनिरीक्षक सोनल रावत आदि मौजूद रहे।