
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। मुख्य चिकित्सा अध्किारी हरिद्वार की अध्यक्षता में कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सभागार में उम्मीद कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें एम्स, दिल्ली से आई विशेषज्ञों की टीम के द्वारा उम्मीद कार्यक्रम की विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान दी गयी। जिसमें एम्स, दिल्ली से आई डा0 नीरजा गुप्ता, बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि अनुवांशिक विकारों के लिये स्क्रीनिग और परामर्श मातृ एंव बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में अनुवांशिक विकारों की रोकथाम को शामिल करना व समग्र नवजात शिशु स्क्रीनिंग कार्यक्रम के बारे में जानकरी दी गई कुछ विकार है जो जन्म के समय स्पष्ट नही होते है लेकिन बाद में लक्षणों की शुरूआत हो सकती है। अच्छी खबर यह है कि इनमें से कई विकारों को जन्म के बाद कुछ दिनों के भीतर पहचाना जा सकता है और अगर समय पर ईलाज किया जाता है तो ऐसे बच्चों को समय रहते ठीक किया जा सकता हैं। डा0 पल्लवी मिश्रा, बाल रोग ने बताया कि जन्मजात हाइपोथायराडिज्म थायरोक्सिन की कमी के कारण होता है जो आपके बच्चें की मानसिक मन्दता और खराब शारीरिक विकास का कारण बनता है थायरोक्सिन टेबलेट सस्ती और आसानी से उपलब्ध् है जिसे देने से इस बिमारी के गलत प्रभाव से बचाया जा सकता है। ब्योटिनिदेस की कमी से दौरे और मस्तिष्क क्षति होती है लेकिन एक सस्ती टेबलेट के द्वारा आसानी से ईलाज किया जा सकता है और मस्तिष्क की क्षति को रोका जा सकता है। उम्मीद कार्यक्रम के अन्तर्गत थैलिसीमिया के बारे मे विस्तार में जानकरी प्रदान की गई। जिसके अन्तर्गत जिले में एक वर्ष में 5000 गर्भवती महिलाओ और 5000 बच्चों की जांच का लक्ष्य रखा गया। उम्मीद कार्यक्रम जनपद में चैन राय महिला चिकित्सालय व संयुक्त चिकित्सालय रूडकी में जल्द ही शुरू किया जा रहा है। उक्त कार्यशाला में निम्नलिखित प्रतिभागियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया। डा0 संजय कंसल, डा0 शिखा जंगपागी, डा. संदीप निगम, डा0 अजय कुमार, डा0 मधुलिका, डा0 अर्चना वर्मा, मोनिका राणा, आर0बी0एस0के0मैनेजर, फैमिली प्लालिग काउन्सलर के द्वारा प्रतिभाग किया गया।