
सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को दिये दिशा—निर्देश
लीना बनौधा
हरिद्वार। मेलाधिकारी दीपक रावत ने शनिवार को महाकुम्भ की व्यवस्थाओं की तैयारियों आदि की दृष्टि से मेला क्षेत्र एवं घाटों आदि का स्थलीय निरीक्षण किया। मेलाधिकारी ने सर्वप्रथम डामकोठी के पुनर्नवीनीकरण के कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से कार्य की धीमी गति के सम्बन्ध में जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि पानी आदि के पाइप अन्दर से खराब होने की वजह से समय लग रहा है, जिन्हें नये सिरे से बदला जा रहा है तथा पुनर्नवीनीकरण का कार्य 25 मार्च तक पूरा हो जायेगा। इसके बाद मेलाधिकारी ओम घाट पहुंचे, जहां उन्होंने पड़ों के लिये बनाये गये घेरों की पेण्टिंग करने, ओम घाट व अलकनन्दा घाट के बीच जहां पर असमतल क्षेत्र है, वहां पर स्थाई रूप से पुलिस की तैनाती करने, घाटों के नामों को नये सिरे से आकर्षक रूप में लिखने, जितने भी ब्रिज बने हैं, उनके ऊपर नाम लिखने, अलकनन्दा घाट के सामने बने मन्दिर की पेण्टिंग करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। मेलाधिकारी दीपक रावत ने अलकनन्दा घाट पर पुराने टाइल्स बदलने से निकला मलबा पड़ा होने पर नाराजगी जताई तथा उसे तुरन्त हटाने के निर्देश दिये। उन्होंने घाट पर पत्थर के बोल्डर पड़े होने पर जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि ये पीजिंग के लिये रखे हैं, इस पर मेलाधिकारी ने तुरन्त कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिये। उन्होंने बिड़ला घाट पर तुरन्त चेन लगाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जहां-जहां चेंजिंग रूम हैं, वे व्यवस्थित रूप में होने चाहिये। मेलाधिकारी ने बिड़ला घाट के सामने बने शौचालय का भी निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि इसमें 26 टायलेट, 12 यूरेनल तथा तीन दिव्यांगों के लिये टायलेट बने हैं। इसमें बिजली की आपूर्ति सौर ऊर्जा के माध्यम से होती है। मेलाधिकारी ने शौचालय के प्रांगण में दूब की घास लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। मेलाधिकारी ने कई अन्य क्षेत्रों का भी निरीक्षण करते हुए सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को दिये दिशा—निर्देश। निरीक्षण के दौरान अपर मेला अधिकारी, डाॅ0 ललित नारायण मिश्र, रामजी शरण शर्मा, उप मेलाधिकारी, अंशुल सिंह, दयानन्द सरस्वती, किशन सिंह नेगी, सेक्टर मजिस्ट्रेट, अधीक्षण अभियन्ता, तकनीकी प्रकोष्ठ, कुम्भ मेला, हरीश पांगती, विशेष कार्याधिकारी, कुंभ मेला, महेश शर्मा, विद्युत, सिंचाई, लोक निर्माण, पेयजल, जल संस्थान, यू0पी0डी0सी0सी0 सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।