शहर भर में 20 फोगिंग मशीनों से हो रहा छिड़काव
डेंगू के प्रति लोगों को किया जा रहा जागरूक
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत शहर में सफाई व्यवस्था को दुरूस्थ करने के साथ-साथ शहर भर में फोगिंग मशीनों से छिड़काव कराया जा रहा है। ताकि डेंगू व मलेरिया के मच्छर को समाप्त किया जा सकेें। जिसके लिए नगर निगम द्वारा बीस फोगिंग मशीनों से छिड़काव कराया जा रहा है। जिसमें में दस बड़ी और दस छोटी फोगिंग मशीनों का इस्तेमाल किया रहा है।

इस बात की जानकरी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से शहर भर में मलेरियां व डेंगू के प्रति नगर निगम पूरी तरह सचेत हैं और निगम की कई टीमे अलग-अलग क्षेत्र में भ्रमण करते हुए जागरूकता अभियान के तहत लोगों को मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए अभियान छेड़ा हुआ है। कनखल और हरिद्वार में अब तक दस डेंगू के मरीज मिल चुके है। जोकि अब वह पूरी स्वास्थ्य है और अस्पतालों से घर पहुंच चुके है। जिनमें 8 मरीज डेंगू के कनखल और दो मरीज डेंगू के नई बस्ती ऋषिकुल में मिले थे। नगर निगम की स्वास्थ्य टीम ने जब मरीजों के घरों का निरीक्षण किया तो उनके घर में डेंगू के लार्वा पाये गये थे। जिसके सम्बंध में परिजनों को डेंगू को पनपने न देने के सम्बंध में जानकारी दी गयी थी।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि नगर निगम के 60 वार्डो में अब तक मलेरिया व डेंगू से अधिक प्रभावित होने वाले सम्भावित 25 वार्डो में कई बार फोगिंग मशीन से छिड़काव कराते हुए नगर स्वास्थ्य की टीमें सर्वे कर चुकी है। मलेरियां व डेंगू से बचाव के लिए लोगों से अपील की गयी हैं कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर भरे हुए साफ पानी में पनपता हैं जैसे कूलर, पानी की टंकी, पंक्षीयों के पीने के लिए रखे गये बर्तन, फिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायर हो सकता है।
उन्होंने बताया कि डेंगू से बचने के लिए पानी से भरे बर्तनों व टंकियों आदि को ढक कर रखे, कूलर को खाली करके सूखा कर रखे। डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता हैं, इसलिए बदन को ढकने वाले कपड़े पहनेे। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं हैं, यदि किसी तरह की कोई शंका हैं तो बिना देरी के चिकित्सक के पास पहुंचकर उनके परामर्श से दवा लें या फिर लक्षण दिखाई देते हैं तो सरकारी हॉस्पिटल में पहुंचकर उपचार करायेें।
