
भू माफिया को संरक्षण देने सहित कई मुद्दों पर थे कांग्रेसी नाराज
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। नगर विकास मंत्री मंदन कौशिक के आवास की गली के बाहर धरना-प्रदर्शन दे रहे कांग्रेसियों और पुलिस के बीच झड़प हो गयी। जिसके बाद पुलिस ने करीब दो दर्जन कांग्रेसियों को गिरफ्रतार कर पुलिस लाईन भेज दिया। प्रदर्शन को लेकर पुलिस का कहना हैं कि कांग्रेसी बिना अनुमति के सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे। जबकि कांग्रेसियों की दलील थी कि उन्होंने एक दिन पूर्व नगर मजिस्ट्रेट को पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया था। लेकिन पुलिस ने मंत्री के दबाव में कार्यवाही की। बताते चले की एक दिन पूर्व युवा कांग्रेस ने भू माफियाओं को संरक्षण एवं सरकारी भूमि और गेस्ट हाउस को कब्जाने, शराब कारोबारियों को संरक्षण देने, अन्य दलों के पदाधिकारियों, नेताओं और निर्वाचित सदस्यों को ब्लैकमेल कर पार्टी में मिलाने के लिए मजबूर करते हुए उनपर फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी देने और सरकारी धन का विकास के नाम पर अव्यस्थित उपयोग कर उसको दुरूपयोग करने तथा शहर के विकास कार्यो के लिए कोई ठोस कदम न उठाने जैसे आदि मुद्दों को लेकर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के आवास स्थान खन्ना नगर गली के बाहर सड़क पर धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। कांग्रेेसियों द्वारा सोमवार की सुबह मंत्री आवास गली के सामने सड़क किनारे टैण्ट लगाकर धरना-प्रदर्शन शुरू करने की कवायद शुरू की ही गयी थी कि सीओ सिटी अभय सिंह के नेतृत्व में भारी संख्या में कोतवाली नगर और कोतवाली ज्वालापुर सहित सीपीयू मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा हैं कि जहां पर सीओ सिटी अभय सिंह ने प्रदर्शनकारियों को मौजूदा धरना स्थल पर सड़क संकरी होने के चलते यातायात व्यवस्था बाधित होने की जानकारी देते हुए उनको अपना धरना स्थल बदलने के लिए कहा गया। लेकिन कांग्रेसी अपना धरना स्थल बदलने के लिए तैयार नहीं हुए। और कांग्रेसियों द्वारा शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। सीओ सिटी लगातार प्रदर्शनकारियों से स्थान परिवर्तन को लेकर अनुरोध् करते रहे। लेकिन जब कांग्रेसियों द्वारा सीओ सिटी के अनुरोध् को दरकिनार करते हुए मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने में ही लगे रहे। जिसपर कांग्रेेसियों के अडियल रवैय को देखते हुए सीओ सिटी अभय सिंह के आदेश पर धरना-प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों को गिरफ्रतार करते हुए वाहनों में भर लिया और उनको पुलिस लाईन रोशनाबाद भेजा गया। सीओ सिटी अभय सिंह के अनुसार कांग्रेसियों ने धरना-प्रदर्शन के लिए जो स्थान चुना गया। वह वास्तव में धरना-प्रदर्शन का स्थल नहीं हैं क्योंकि सड़क सकंरी है जिससे यातायात व्यवस्था बाधित हो रही थी और लोगों को परेशानी उठानी पड रही थी। वैसे भी प्रदर्शनकारियों के पास धरना-प्रदर्शन करने की कोई अनुमति नहीं थी। जिसकारण उनको गिरफ्रतार किया गया है। वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अनिल चौधरी के अनुसार कांग्रेस ने एक दिन पूर्व ही लिखित में नगर मजिस्ट्रेट को अपने धरना-प्रदर्शन और स्थल की जानकारी दी थी। जिसकी रिसिविग भी उनके पास है। पुलिस प्रशासन गलत जानकारी दे रहा है। पुलिस प्रशासन शहरी विकास मंत्री के दबाव में कांग्रेसियों की आवाज को दबाना चाहती है। लेकिन ऐसा हरगिज नहीं होने देगें। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने की आजादी है। गिरफ्रतार प्रदर्शनकारियों में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अनिल चौधरी, मेयर पति पूर्व सभासद अशोक शर्मा, वरिष्ठ महिला कांग्रेस नेत्री विमला पाण्डे, राजीव चौधरी, राम विशाल देव, हरद्वारी लाल, हिमांशु बहुगुणा, रवि बहादुर, सुमित भुल्लर, नितिन तेश्वर, अशोक उपाध्याय, महेश प्रताप राणा, नावेज अंसारी, शहनवाज, नकुंल महेश्वरी, विसम अंसारी, सुमित भाटिया, दीपक टण्डन और विशाल खेरवाल शामिल थे।