
शहर के कई क्षेत्रों से आटा दुकानों से हुआ गायब
प्रशासन के कालाबाजारी न होने देने के दावे हो रहे बेअसर
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। लाॅकडाउन के दौरान रोजमर्रा चीजों के दाम निर्धारित से अधिक वसूले जाने के आरोप लगाये जा रहे है। लोगों के शिकायत करने पर व्यापारियों द्वारा दलील दी जा रही हैं कि महंगा आ रहा हैं तो महंगा बिक रहा है। मौजूदा समय में किराना का समान हो या फिर सब्जियां को अधिक दाम लेकर बेचा जा रहा है। जबकि प्रशासन के दावे हैं कि किसी भी कीमत पर शहर में रोजमर्रा की चीजों की कमी व कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी। अब सवाल उठता हैं कि उपभोक्ता उसको मिलने वाली रोजमर्रा चीजों की कालाबाजारी की शिकायत प्रशासन से करें? या फिर अपने परिवार के लिए जरूरमंद चीजों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ति करे। इसलिए शहर में हो रही रोजमर्रा समानों की कालाबाजारी की शिकायत प्रशासन से नहीं कर पा रहा है। यह केवल एक क्षेत्र की शिकायत नहीं बल्कि पंचपुरी के कई क्षेत्रों से मिल रही है। बताया जा रहा हैं कि बाजार से आटा गायब है। जिसको लेकर जनता में प्रशासन की कार्यशैली को लेकर रोष व्याप्त है। बताते चले कि कोेरोना वायरस सक्रंमण को रोकने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 21 दिनों का देशभर में लाॅकडाउन की घोषणा की है। जिसके मद्देनजर उत्तराखण्ड सरकार ने शुरूआती दौर में रोजमर्रा चीजों, मेडिकल स्टोरों व चिकित्सकों सहित पेटोल पम्प को लाॅकडाउन से अलग रखा था। मगर कुछ लोगों द्वारा लाॅकडाउन को हल्के में लेकर सड़कों पर बेवजह धुमते देखे गये। जिसको गम्भीरता से लेते प्रदेश सरकार द्वारा रोजमर्रा की चीजों की दुकानों के खुलने की समय सीमा सुबह 7 बजे से 10 बजे तक तीन घण्टे के लिए निर्धारित कर दी। लाॅकडाउन के दौरान लोगों को रोजमर्रा की चीजों को खरीदने के लिए मुंह मांगे दाम चुकाने पड़ रहे है। यह केवल एक क्षेत्र की शिकायत नहीं हैं बल्कि रोजमर्रा की चीजों की कालाबाजारी की शिकायत कई क्षेत्रों से मिल रही है। बताया जा रहा हैं कि चंद व्यापारियों द्वारा ऐसे वक्त में जब पूरा देश गम्भीर बीमारी से जुझ रहा हैं, वह लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए रोजमर्रा चीजों की कालाबाजारी करते हुए मोटा मुनाफा कमाने का काम कर रहे है। जबकि प्रशासन द्वारा ऐसे कालाबाजारियों के खिलाफ शिकायत मिलने पर कार्यवाही के दावेे किये जा रहे है। मगर सवाल उठता हैं कि लाॅकडाउन के दौरान तीन घण्टे छुट में लोग अपने परिवार के लिए जरूरतमंद चीजों को खरीदे या फिर कालाबाजारी की शिकायत प्रशासन से करें। प्रशासन के सामने भी यह समस्या आ रही हैं कि लोग कालाबाजारी की शिकायत नहीं कर रहे है। आरोप हैं कि एक काॅलोनी के पार्षद पति की किराने की दुकान से भी कालाबाजारी की जा रही है। एक व्यक्ति से एक लिटर दूध् के पैकेट का 70 रूपये वसूला गया। जब उसने शिकायत की तो कहा गया कि मंहगा मिल रहा हैं तो महंगा ही बिकेगा। ऐसे कालाबाजारी की कई क्षेत्रों से शिकायत मिल रही है। ऐसे ही भाजपा की एक नेत्री ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि सीतापुर, जमालपुर में भी रोजमर्रा चीजों की कालाबाजारी की जा रही है।