
हर-हर महादेव जयकारों से वातावरण हुआ भक्तिमय
पूर्व मुंख्यमंत्री ने पेशवाई का स्वागत कर लिया संतों का अशीवार्द
दक्षनगरी की जनता व मेला प्रशासन ने किया पेशवाई का स्वागत
लीना बनौधा
हरिद्वार। कुम्भ मेला 2021 में सन्यासी अखाड़ो की ओर से दिव्य और भव्य पेशवाई निकाले जाने का सिलसिला जारी है। सोमवार को महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से पारम्परिक तरीके से कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए भव्य पेशवाई निकाली गयी। भारी संख्या में नागा साधुओं के हर-हर महादेव एवं गंगा मैया की जय के जयकारों के साथ पेशवाई दक्षेश्वर महादेव मन्दिर कनखल से प्रारम्भ होकर कनखल के विभिन्न मार्गो से होती हुई अखाड़े की छावनी में प्रवेश किया।
इस दौरान सुरक्षा के खास इंताजामात किये गये थे। पेशवाई में कई भव्य झाॅकियों के अलावा कई मशहूर बैण्ड बाजों की टोली लोगों को आकर्षित कर रहे थे। मेला प्रशासन और मेला पुलिस की ओर से पेशवाई का भव्य स्वागत किया गया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी कनखल पहुंचकर पेशवाई का स्वागत किया। सन्यासी अखाड़ो की ओर से कुम्भ मेला 2021 में पेशवाई निकाले जाने के क्रम में सोमवार को कनखल स्थित महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से पेशवाई निकाली गयी।
दक्षेश्वर महादेव मन्दिर प्रांगण में आयोजित पूजन में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज, श्रीपंचायती निरंनजी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज के साथ-साथ महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज सहित बड़ी संख्या में संतगणों के अलावा अन्य श्रद्वालु शामिल हुए। दक्ष मन्दिर प्रांगण में पूजा अर्चना के बाद पेशवाई निकली, जोकि दक्ष मन्दिर से श्रीयंत्रा मन्दिर के रास्ते पायलट बाबा आश्रम से होती हुई लक्सर हरिद्वार मार्ग पर पहुची, जहां से पेशवाई जगजीतपुर होते हुए सतीकुण्ड से देश रक्षक तिराहे से होकर दादुबाग से चौक बाजार, पहाड़ी बाजार होते हुए बंगाली मोड़ के निकट अखाड़े की छावनी में पहुची।
पेशवाई में सबसे आगे अखाड़े के आचार्य महाण्डलेश्वर स्वामी विशोकानंद जी महाराज का रथ चल रहा था, उनके पीछे तकरीबन 40 से अध्कि महामण्डलेश्वरो, महंतो, संतो का रथ पेशवाई का आकर्षण बढ़ा रहा था। पेशवाई के मार्ग में जगह जगह स्थानीय लोगो के अलावा व्यापारियों, सामाजिक संगठनों, धर्मिक संगठनों के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान कई स्थानों पर लोगों ने संतो से आर्शीवाद प्राप्त किए।
पेशवाई में प्रमुख रूप में वरिश्ठ महामण्डलेश्वर कमलानंद गिरि, महामण्डलेश्वर दामोदरानंद सरस्वती, महामण्डलेश्वर आत्मानंद पुरी, महामण्डलेश्वर पंचानंद भारती, महामण्डलेष्वर दिव्यानंद गिरि, महामण्डलेश्वर प्रखर जी महाराज, महामण्डलेश्वर ज्ञानेश्वरपुरी, महामण्डलेश्वर सुरेशानंद गिरि, महामण्डलेश्वर महेश्वरानंद गिरी, महामण्डलेश्वर गिरध्र गिरी, महामण्डलेश्वर रामेश्वरानंद गिरि, महामण्डलेश्वर प्रेमानंद पुरी महाराज, महामण्डलेश्वर अभयानंद महाराज, महामण्डलेश्वर श्याम चेतन, महामण्डलेश्वर विद्यानंद गिरि सहित तकरीब 40 से अधिक महामण्डलेश्वर, श्रीमहंत, महंत और संतगण शामिल थे। पेशवाई में शामिल संतो का स्वागत करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी पहुचे।