
पुलिस की अनोखी और चौकाने वाली तस्वीरे सामने आ रही
भूखे-प्यासे यात्रियों, मजदूरों, गरीबों, लावरिस पशुओं के लिए मददगार बनी
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। लाॅकडाउन के दौरान पुलिस की एक अनोखी और चौकाने वाली तस्वीरे सामने आ रही है। अभी तक पुलिस की छवि जनता में कुछ ओर थी, लेकिन देश जिस दौर से गुजर रहा है। वहां पर पुलिस की जो तस्वीरे सामने आ रही है। उसने जनता में खाकी के प्रति अपनी सोच को ही बदल कर रख दिया है। लाॅकडाउन में जहां पुलिस के कंधों पर उसको सख्ती से लागू कराने की जिम्मेदारी हैं वहीं लाॅकडाउन में फंसे भूखे-प्यासे यात्रियों, मजदूरों, गरीबों, लावरिस पशुओं सहित जरूरतमंदों के लिए मददगार के रूप में सामने आ रही है। इस विपदा की घड़ी में वास्तव में पुलिस की छवि लोगों में मसीहा के रूप में देखी जा रही है। वहीं पुलिस समाज के दुश्मन व गैर जिम्मेदार लोगों के लिए एक कड़क सिपाही के रूप में पेश भी आ रही है। कहते हैं ना कि तस्वीरे कभी झूठ नहीं बोलती, यह मैं नहीं जनपद हरिद्वार से आ रही तस्वीरे बोल रही है। यहां पर अगर केवल एक थाना पुलिस की बात करेगें तो बेईमानी होगी, इसलिए हरिद्वार जनपद की पुलिस अपने कत्र्तव्यों को बखूबी निभा रही है। बताते चले कि देश में कोरोना वायरस का प्रकोप जिस तेजी से बढ रहा हैं उसको रोकने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्पूर्ण देश में लाॅकडाउन की घोषणा की है। जिसको लागू कराने के लिए प्रधानमंत्री जी ने सभी प्रदेश की सरकारों से आग्रह किया हैं। जिसके बाद देश में विभिन्न प्रदेश की सरकारों ने अपने परिस्थितियों के हिसाब से व्यवस्थाए लागू की गयी है। उत्तराखण्ड में भी लाॅकडाउन में प्रदेश की जनता को शुरूआती दौर में लोगों की रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के लिए सुबह 7 से 10 बजे तक खरीददारी के लिए छुट दी थी। लेकिन आज से यह छुट की सीमा तीन घण्टे से बढा कर 6 घण्टे कर दिया यानि दोपहर 1 बजे तक कर दिया। लाॅकडाउन को सख्ती से लागू कराने की जिम्मेदारी पुलिस के कंधें पर है। लेकिन यहां पर पुलिस लाॅकडाउन को सख्ती से लागू कराने के साथ-साथ मानवता भरा कार्य भी कर रही है। इस विपदा की इस घड़ी में पुलिस के कार्यो ने जनता में उसकी प्रति सोच को बदल कर ही रख दिया है। ऐसा नहीं कि केवल उत्तराखण्ड पुलिस ही लाॅकडाउन में फसे लोगों की मददगार साबित होकर भूखे प्यासों को खाना व पानी मुहिया कर रही है। यहां पर मेरा मकसद पुलिस के प्रति जनता की सोच को लेकर है। जो अभी तक लोगों में पुलिस की जो छवि थी, उसको मौजूदा हालतों में पुलिस की कार्यशैली ने बदल कर ही रख दिया है। लाॅकडाउन के दौरान जनपद हरिद्वार की पुलिस अपने-अपने दायित्वों को बडी ईमानदारी के साथ निर्वाह कर रही है। जहां वह लाॅकडाउन को सख्ती से लागू करते हुए बेवजह सड़कों पर धुमने वाले या फिर वाहनों को दौड़ने वालों के साथ सख्ती दिखा रही है। वहीं लाॅकडाउन में फसे जरूरतमंदों की मदद से भी पीछे नहीं है। सर्व विदित हैं कि हरिद्वार विश्वविख्यात तीर्थनगरी हैं जहां पर लाखों श्रद्धालुओं को आगमन रहता है। और तीर्थ स्थल होने के कारण यहां पर भीखारियों व पशुओं की सख्या भी काफी है। लाॅकडाउन के दौरान उनके खाने-पीने की व्यवस्था का संकट आ पड़ा है। जिनकी व्यवस्था कुछ समाजिक संस्थाओं की मदद से पुलिस द्वारा कराया जा रहा है। लाॅकडाउन में फंसे कुछ यात्राी या फिर सिड़कुल फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर घर जाने की कोई व्यवस्था न होेेने पर वह पैदल ही अपने गतंव्यों की ओर रवाना हो रहे है। जिनके खाने व पानी की व्यवस्था पुलिस द्वारा समाजिक संस्थाओं या फिर अपने स्तर से करायी जा रही है। कोतवाली नगर पुलिस ने मदद करने के क्रम में एक कदम आगे बढी है। जिसने अपने क्षेत्र के असाहय लोगों के लिए व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किये है। अगर कोई व्यक्ति जरूरतमंद चीजांे के लिए नहीं जा सकते तो अपनी बाॅलकोनी या फिर छत पर लाल कपडा डाल देे। पुलिस उनकी जरूरमंदों चीजों की व्यवस्था में मदद करेगी। इतना ही नहीं अगर कोई गरीबों की मदद करना चाहता हैं तो सफेद कपडा डाल दें। वास्तव में इस विपदा की घड़ी में जिस तरिके से पुलिस अपने दोनों दायित्वों को बखूबी निभा रही हैं, उसको लेकर शहरभर में उनकी प्रशांसा की जा रही है।