
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। इस बार लोगों ने दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुई हजारों मौतों के भय से हुए लॉकडाउन के कारण अब तक के इतिहास में पहली बार सिर्फ अपने-अपने घरों में ही मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा भक्तों ने कंजक पूजन के साथ की। सिर्फ घर-घर कंजक पूजन किया गया। नवरात्र में व्रत रखने वालों ने कंजक पूजन के साथ अपने व्रत भी संपन्न किए। मां दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा के साथ कंजक पूजन के साथ मां दुर्गा को प्रसन्न किया जाता हैं। भक्तों ने हलवा, पूरी, चने अन्य पकवान बना कर कंजक को भोग लगाया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं कंजक को विदा करते समय विभिन्न प्रकार के उपहार भी दिए। आठवें नवरात्र पर मंदिरों को छोड़कर घर में ही मां महागौरी की पूजा श्रद्धा के साथ हुई। मंदिरों के बंद होने के कारण घर पर ही पूजा अर्चना करके घर के बच्चों को भोजन करवाया गया। गली-मोहल्ले कन्याओं के बिना खाली पड़े रहे। पंडित राकेश ने कहा कि मां भवानी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कन्याओं का सम्मान पूजन बेहद जरूरी है। कोरोना का घातक असर इस बार कंजकों की नगण्यता से मालूम चल रहा था। श्रवण नाथ नगर निवासी रोहिनी, अंजना, सुषमा, शिवी आदि ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के भय के कारण एक भी कन्या किसी के घर जिमने नहीं आयीं, जिससे मन काफी उदास रहा। उन्होंने मां भगवती से इस बीमारी को हरिद्वार में न फैलने की मन्नत मांगी।