दो को साक्ष्य के अभाव में किया दोषमुक्त, वर्ष 2013 की घटना
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। किशोरी व युवक की हत्या व शवों को छुपाने के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरुद्ध भट्ट ने दो आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 20 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि दो अन्य आरोपियों को साक्ष्य अभाव में दोषमुक्त कर दिया है।
शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चौहान ने बताया कि 9 नवंबर 2013 को युसूफ निवासी गुर्जर बस्ती थाना पथरी हरिद्वार में पथरी थाने पर एक गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जिसमें उसने कहा था कि वह तीन माह से ग्राम दोगी वाला के समीप रह रहा है। रोजाना की तरह 7 नवंबर 2013 की रात्रि को 9 बजे वह अपने परिवार वालों के साथ घर में सोया था। उसकी 15 वर्षी बेटी अलग चारपाई पर सो रही थी। जब सुबह 4 बजे जब उसकी नींद खुली तो बेटी बिस्तर से गायब थी। उसको काफी तलाश किया नहीं मिलने पर थाने पर गुमशुदगी दर्ज करायी गयी थी।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद तीन आरोपियों लियाकत, जफर एवं साजिद के खिलाफ गुमशुदगी का मुकदमा नाबालिक लड़की का अपहरण कर लेने संबंधी धाराओं में तरमीम किया था। उसके बाद पुलिस ने आरोपी लियाकत, जपफर, अब्दुल गनी एवं वजीर को गिरफ्रतार कर जेल भिजवाया था। आरोपी लियाकत व जफर ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने अब्दुल गनी व वजीर को किशोरी व साजिद की हत्या करने तथा साजिद के पास रखे 4,50,000 रुपये रख लेने को कहा था।
पुलिस ने आरोपी वजीर व अब्दुल गनी की निशान देही पर किशोरी एवं साजिद के कंकाल गुलरघाटी ऋषिकेश से बरामद किए थे। जांच के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलापफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। न्यायालय में वादी पक्ष की ओर से 18 गवाह तथा बचाव पक्ष की ओर से तीन गवाह पेश किए गए।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने वजीर व अब्दुल गनी को किशोरी तथा साजिद पुत्र रियासत की हत्या कर शव छुपाने आदि का वजीर पुत्र फकीरा निवासी लक्कड़ घाट ऋषिकेश तथा अब्दुल गनी पुत्र घुम्मन निवासी लक्कड़ घाट ऋषिकेश को दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास और 20 हजार केे जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि लियाकत व जफर को साक्ष्य अभाव में दोषमुक्त कर दिया।
