
लीना बनौधा
हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड का गेट मीटिंग का आंदोलन कार्यक्रम पूरे प्रदेश में चला उग्र प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। कर्मचारियों ने कहा कि अब पीछे हटने का सवाल नही होता कर्मचारी क्रमिक अनशन व आमरण अनशन करने से भी पीछे नहीं हटेगा।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा, महामंत्री सुनील अधिकारी, उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा, संगठन सचिव दिनेश गुसाईं और विपिन नेगी ने संयुक्त रूप से कहा कि महानिदेशालय और आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून में अभी तक पदोन्नति करने और कर्मचारियों को उद्यान विभाग के माली की तरह टेक्निकल करने की पफाइल अभी तक बनी ही नहीं है। क्योंकि संबंधित अधिकारी छुट्टी पर है बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कर्मचारी एक माह से आंदोलन पर है महानिदेशक महोदय से वार्ता होने बाद भी आज तक फाइल आगे नही बढ़ पाई है। इससे ज्यादा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि मुख्यमंत्री जी के आदेशों के बावजूद महानिदेशालय और आयूर्वेद विश्वविद्यालय, होम्योपैथी निदेशालय के कान में जु नही रेग रही है यही है अफसरशाही चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना रोगियों की सेवा की उसका इनाम यह मिल रहा है। मुख्यमंत्री जी व स्वास्थ्य मंत्री जी जो सबसे छोटे संवर्ग का काम नही हो रहा है जबकि ऊपर सभी संवर्गो की पदोन्नति कर दी गई है।
प्रवक्ता शिवनारायण सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक ध्वन, गुरुप्रसाद मंगल लाल आर्य और जिला मंत्री राकेश भँवर ने संयुक्त रूप से कहा कि शासन और सरकार को इस मामले में ध्यान देना चाहिए कि आपके आदेश 15 अगस्त 2021 को सभी की पदोन्नति हो जानी चाहिए, लेकिन आज तक भी उस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है जोकि न्यायोचित नही है। संघ इसका विरोध करता है आंदोलन जारी रहेगा, आयूर्वेद विश्वविद्यालय का सबसे बुरा हाल है कर्मचारियों की एसीपी लगाने में तीन वर्ष हो गए किन्तु आज तक एसीपी नही लगी है बच्चों की शादी के लिए जीपीएफ से अपना पैसा निकालो तो वो तब मिलता है जब शादी के बाद बच्चा भी हो जाये वेतन समय पर नही मिलता, कर्मचारियों का जीआई एस कट रहा है कि नही उसका पता नहीं सरकारी कर्मचारियों को प्राइवेट बना दिया गया है, पेंसन का ठिकाना नहीं, इसलिये जब तक डीडीओ कोड बहाल नही होता, तब तक कर्मियो का शोषण होता रहेगा।
गेट मीटिंग में गुरुप्रसाद गोदियाल, शिवनारायण सिंह, राकेश भँवर, नेलसन अरोड़ा, दिनेश गुसाईं, मुकेश, नवीन, त्रिभुवन पाल, सुरेंद्र कश्यप, विपिन नेगी, दिनेश नोटियाल, खुशाल मणि, सचिन, मनोज, हेमन्त, राहुल, शिवकुमार, अजय रानी, फूलपत्ता, नीलम, संतोष, अनिता, सुदेश, मुन्नी देवी ने जनजागरण करते हुए अपना विरोध प्रकट किया।