
कांवड़ मेले में स्वास्थ्य विभाग को एक टीम की तरह काम करना हैः डॉ. उमा शंकर
डीजी हैल्थ और निदेशक ने किया कांवड मेले को लेकर स्थलीय निरीक्षण
दोनों अधिकारियों ने मेला अस्पताल समेत कट्रॉल रूम का किया भ्रमण
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। कांवड मेले को लेकर स्वास्थ्य विभाग बेहद गम्भीर है। कांवड मेले को लेकर शुक्रवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट और निदेशक डॉ. उमा शंकर कण्डवाल ने कावंड मेले में लगने वाले अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों के स्थलीय निरीक्षण करते हुए दोनों अधिकारियोंने राजकीय मेला चिकित्सालय का भी भ्रमण करते हुए सीएमओ डॉ. कुमार खगेन्द्र सिह और सीएमएस व कांवड नोएल अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता से मेले की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। दोनों अधिकारियों ने आईसीयू वार्ड और सामान्य वार्ड समेत एमआरआई का भी निरीक्षण करते हुए निर्देश जारी किये।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने कहा कि कांवड मेले में करीब चार करोड़ कांवडियों के आगमन का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहकर अपनी जिम्मेदारी को निभाना है। कांवड़ियों समेत अन्य लोगों के स्वास्थ्य के सम्बंध् में किसी भी प्रकार को कोई कोताही नहीं होने चाहिए। सामान्य तौर पर कांवड मेले में कांवडियो को होने वाली बिमारियों को ध्यान में रखकर हमें अपनी व्यवस्थाओं को पुख्ता करते हुए दवाओं को अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों में उपलब्ध् कराना है।

उन्होंने कहा कि अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों में तैनात चिकित्सकों, फार्मेसिस्टों व वार्डबॉय को भी निर्देशित किया जाए कि कांवड़ियों के साथ मधुर व्यवहार करते उनका उपचार किया जाए। यदि किसी कांवडियें का उपचार अस्थाई चिकित्सा केन्द्र में सम्भव नहीं है, तो उसके साथ सहानूभूति रखते हुए समझा कर उन्हें नजदीक के स्थाई चिकित्सालय में रेफर किया जाए।

स्वास्थ्य निदेशक डॉ. उमा शंकर कण्डवाल ने कहा कि कांवड मेले में स्वास्थ्य विभाग को एक टीम की तरह काम करना है। नोएल अधिकारी प्रति दिन अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों से सम्पर्क रह कर तैनात चिकित्सकों से रोजना केन्द्र में पहुंचने वाले मरीजों के सम्बंध् में रिपोर्ट ली जाए। ताकि केन्द्रों में पहुंचने वाले मरीजों के बीमारी के सम्बंध् में जानकारी हो सकें। कांवड मेले में तैनात चिकित्सक युवा हैं जिनमें काम करने का जंज्बा नजर आ रहा है। चिकित्सकों को यही जंज्बा कांवड मेले के अंत तक दिखाना होगा।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों से लेकर राजकीय मेला चिकित्सालय समेत कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। उसको देखकर यह लग रहा हैं कि कांवड मेले को सम्पन्न कराने के लिए सीएमओ डॉ. कुमार खगेन्द्र सिंह ने होनहार चिकित्सकों की टीम खड़ी की है। जिनमें चिकित्सकों के अनुभवों के आधार पर उनको कांवड मेले की जिम्मेदारी सौपी है।

कांवड मेले के नोएल अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता एक सुलझे चिकित्सक है। जिन्होंने तीन-तीन चिकित्सालय की जिम्मेदारी को सम्भालते हुए कुशलता के साथ संचालन कर चुके है। मौजूदा वक्त में भी उनके कंधें पर दो चिकित्सालयों की जिम्मेदारी है। इसी के साथ बेहद सवेंदनशील माने जाने वाले कांवड मेले के नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी भी सौपी गयी है।

वहीं स्वास्थ्य शिक्षिक बीके गुप्ता का भी उनके लम्बे अनुभव का लाभ सीएमओ की चिकित्सक टीम को मिल रहा है। कांवड मेले में स्वास्थ्य शिक्षिक की कांवड मेले के अधिकारियों को समय समय पर मार्गदर्शन मिलने से उनकी राह भी आसान होगी। उन्होंने कहा कि उनको पूर्ण विश्वास हैं कि सीएमओ अपनी टीम के साथ कुशलता के साथ भारी भरकम कांवड मेले को सकुशलता के साथ सम्पन्न करायेगें।
चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्टा, निदेशक डॉ. उमा शंकर कण्डवाल के साथ निरीक्षण के दौरान सीएमओ डॉ. खगेन्द्र सिंह, नोएल अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता, सहायक नोएड अधिकारी डॉ. तरूण मिश्रा, स्वास्थ्य शिक्षिक बीके गुप्ता, माइक्रोबाइलोजिस्ट डॉ. निशात अंजूम, डॉ. तेजिस्वेता बिष्ट, कोविड-19 नोएड अधिकारी डॉ. वैभव कोहली, डॉ. नलिंद असवाल, डॉ. करिश्मा, वरिष्ठ लिपिक अनीता शर्मा, अंशु तोमर, अशोक कालरा उर्फ चिक्कू, इब्राहिम, मयंक, सुशील, हिमानी, सलमा आदि मौजूद रहे।