जूना अखाडे के पदाधिकारियों के साथ मंथन के बाद घोषित की तिथि
लीना बनौधा
हरिद्वार। जूना अखाड़े व उसके दो सहयोगी अखाड़ों आव्हान अखाड़ा तथा अग्नि अखाड़ा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने धर्म ध्वजा की स्थापना, नगर प्रवेश, पेशवाई की तिथियों की घोषणा कर दी है। रविवार को देर शाम तीनों अखाड़ो की जूना अखाडे में जूना अखाडे के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक व अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज की अध्यक्षता में आव्हान अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्य गिरि, मंत्री श्रीमहंत राजेश गिरि, श्रीमहंत राजेन्द्र भारती, अग्नि अखाडे के ब्रहमचारी साधनानदं, जूना अखाडे के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती, सचिव श्रीमहंत मोहन भारती, श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि, गादी पति श्रीमहंत पृथ्वी गिरी, श्रीमहंत पूरण गिरि, थानापति नीलकंठ गिरि आदि ने गहन विचार-विमर्श के बाद तिथियों की घोषणा की। केन्द्र व प्रदेश सरकार की गाईड लाइन व वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए सभी कार्यक्रम निश्चित किए गए। संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने तिथियों की घोषणा करते हुए बताया कि अगामी 03 मार्च को जूना अखाड़ा परिसर में स्थित तीनों अखाड़ो जूना, आव्हान तथा अग्नि की दत्तात्रोय चरणपादुका के निकट सायं 4 बजे धर्म ध्वजा स्थापित की जायेगी। 04 मार्च को प्रातः लगभग 11बजे जूना अखाडे तथा अग्नि अखाडे की पेशवाई जुलूस नजीबावाद हरिद्वार रोड पर स्थित काॅगड़ी ग्राम में श्री प्रेमगिरि आश्रम से प्रारम्भ होगा जो निर्धारित पेशवाई मार्ग से होता हुआ जूना अखाडे की छावनी में प्रवेश करेगा। 05 मार्च को आव्हान अखाडे की पेशवाई होगी जोकि श्रीमहंत पे्रमगिरि आश्रम काॅगड़ी से पूर्व निर्धारित पेश्वाई मार्ग से होते हुए जूना अखाडे की छावनी में प्रवेश करेगी। तिथियों की घोषणा के पश्चात तीनों अखाड़ो के पदाधिकारी अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह के साथ पेश्वाई मार्ग का निरीक्षण करने काॅगड़ी ग्राम पहुचें। अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने पूरे पेश्वाई मार्ग का निरीक्षण किया। ये पेश्वाई मार्ग ग्राम काॅगड़ी से प्रारम्भ होकर चण्डी चैक दुःखहरण हनुमान मन्दिर बिरला घाट, बाल्मीकि चौक, ललतौरो पुलस दत्तात्रेय चौक होते हुए श्री आंनद भैरव घाट सेवा सदन मार्ग से जूना अखाडे की छावनी तक निर्धारित किया गया। प्रतिनिधिमण्डल ने पुराने पेशवाई मार्ग जोकि पांडेवाला ज्वालापुर से प्रारम्भ होकर श्रद्वानंद चौक गुरूकुल कनखल, शंकराचार्य चौक, तुलसी चौ, शिवमूर्ति चौक, बाल्मीकि चौक, दत्तात्रेय चौक होते हुए जूना अखाड़ा छावनी पहुचता है, पर भी विचार विमर्श किया, लेकिन पुराने पेशवाई मार्ग पर फ्रलाई ओवर बन जाने तथा हाइवे बन जाने से पेशवाई जुलूस निकालने में कुछ असुविध व मुश्किलें आ रही है। इसलिए पेशवाइ्र्र मार्ग का पफाईनल रूट तय नहीं किया गया है। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया पेशवाई मार्ग के लिए अभी दोनो विकल्प रखे गए है और शीघ्र ही कोई एक रूट मेला प्रशासन तथा अखाड़ो की आपसी सहमति से तय कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया मुगल शासन काल से ही पाण्डेवाला ज्वालापुर से अखाड़ो की पेशवाई निकाली जाती रही है। यह व्यवस्था औरगजेब के शासनकाल में प्रारम्भ हुयी थी, तब जारी शाही फरमान के अनुसार पांडेवाला में साधुओं की जमातों के रहने, खाने-पीने व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था मुस्लिम तीर्थ पिरान कलियर के इमाम व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जाती थी, लेकिन वर्तमान में यह व्यवस्था लगभग समाप्त हो गयी है। अब सारी व्यवस्थाएं अखाड़ों द्वारा निजी स्तर पर कर ली जाती है। इसके अतिरिक्त आधुनिकता के दौर में नए निर्माण, पुल सड़क रेलवे लाईन आदि के चलते यातयात की समस्या भी पेशवाई मार्ग के आडे आ रही है। इन्ही सभी बातों के चलते अभी दोनो पेशवाई मार्ग के विकल्प खुले रखे गए है तथा ऐसी व्यवस्था बनाए जाने का प्रयास किया जाएगा, जोकि भविष्य में भी चलती रहे।

