उत्तराखण्ड में पहली बार हुआ सरकारी अस्पताल में प्रत्यारोपण
आर्थो सर्जन ने अकेले अपने बूते सफल प्रत्यारोपण कर किया चकित
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। उत्तराखण्ड में पहली बार राज्य के सरकारी अस्पताल में घुटने का सफल प्रत्यारोपण आपरेशन जिला अस्पताल हरिद्वार में किया गया है। जिला अस्पताल में तैनात आर्थो सर्जन ने अकेले अपने दम पर एक वृद्धा का सफल आपरेशन कर सब को चकित कर दिया है। चिकित्सकों के लिए प्रत्यारोपण करना एक नया अनुभव रहा है। चिकित्सकों के अनुसार आयुष्मान कार्ड पर यह पहला और आखिरी प्रत्यारोपण साबित हो सकता है। चिकित्सकों ने अपनी मजबूरी बताते हुए जानकारी दी कि आयुष्मान कार्ड पर होने वाले खर्चे का 50 प्रतिशत ही सरकारी अस्पतालों को उपलब्ध् कराया जा रहा हैं, जबकि प्राईवेट अस्पताल को पूरा खर्चा आयुष्मान कार्ड पर उपलब्ध् कराया जा रहा है। लेकिन समान्य मरीज का घुटने का प्रत्यारोपण आपरेशन बहुत कम खर्चे पर कराये जाने की बात कही गयी है। जिला अस्पताल के घुटने का सफल प्रत्यारोपण करने वाले आर्थो सर्जन डाॅ. शिवम पाठक ने बताया कि जिला अस्पताल में बुधवार को एक वृद्धा कमलेश पत्नी सुरेन्द्र उम्र करीब 60 वर्ष निवासी पाण्डेवाला घुघाल रोड ज्वालापुर हरिद्वार का मेला अस्पताल के ओटी में उनके घुटने का सफल प्रत्यारोपण आपरेशन किया गया, महिला के घुटने का आपरेशन करीब दो घण्टे चला। पीडित महिला अपने घुटने की परेशानी से 10 सालों से परेशान थी, जिनको चलने व उठने बैठने में काफी परेशानी हो रह थी। महिला गरीब थी और अपने उपचार के लिए नवम्बर 19 में जिला अस्पताल पहुंची थी। जहां पर महिला के घुटने का निरीक्षण करते हुए उसके टेस्ट कराये गये और महिला के पति से वार्ता कर घुटने के उपचार के लिए मात्र आपरेशन विकल्प बताया। लेकिन गरीब होने के कारण महिला का परिवार आपरेशन के लिए तैयार नहीं हो पा रहा था। जब महिला का आयुष्मान कार्ड होने की जानकारी मिली तो उनके द्वारा अस्पताल के पीएमएस डाॅ. राजेश गुप्ता से सलाह लेते हुए महिला के घुटने का प्रत्यारोपण करने का निर्णय लेते हुए परिजनों को अवगत करा दिया। महिला के घुटने का प्रत्यारोपण करने के लिए इम्प्लांट सहित अन्य समान मांगाये गये और आपरेट करने के लिए पीएमएस डाॅ. राजेश गुप्ता से मेला अस्पताल की ओटी में आपरेशन की अनुमति लेते हुए बुधवाार को मेला अस्पताल की ओटी में सफल आपरेशन कर दिया गया। आपरेशन में करीब दो घण्टे का समय लगा। उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं महिला के घुटने का सफल प्रत्यारोपण करने के बाद आज उसको अपने पैरों पर वाॅकर के साहरे थोडा चलाया गया। महिला से पांच दिनों तक किसी के मिलने की अनुमति नहीं दी गयी हैं। उसके बाद दो सप्ताह के भीतर टांके काट दिये जाएगे। चिकित्सक डाॅ. शिवम पाठक ने बताया कि उनका यह पहला घुटने का प्रत्यारोपण आपरेशन है, जिसमें वह सफल रहे है। जिला अस्पताल पीएमएस डाॅ. राजेश गुप्ता ने बताया कि उन्हें खुशी हैं कि जिला अस्पताल में उनके आर्थो सर्जन डाॅ. शिवम पाठक अकेले अपने दम पर सीमित संसाधनो से घुटने का प्रत्यारोपण आपरेशन करने में सफल रहे है। उत्तराखण्ड में पहली बार सरकारी अस्पताल में घुटने का प्रत्यारोपण का सफल आपरेशन जिला अस्पताल हरिद्वार में किया गया है। इस प्रत्यारोपण आपरेशन में 80 हजार का खर्च आया है। जबकि समान्य तौर अन्य निजी अस्पतालों में घुटने का प्रत्यरोपण आपरेशन का खर्च 4-5 लाख लिया जाता है। लेकिन मरीज के परिवार से एक भी पैसा नहीं लिया गया है। मगर इस आपरेशन से उनको एक नया अनुभव मिला है। महिला के पास आयुष्मान कार्ड था, लेकिन कार्ड से केवल 50 प्रतिशत ही उनको मिला है और 50 प्रतिशत के लिए उन के द्वारा प्रबंधन समिति के कोष लेने के लिए अनुमति ली जा रही है। लेकिन जिला अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से घुटने के प्रत्यारोण आपरेशन जिला अस्पताल में होना सम्भव नहीं होगा। क्योंकि पूरा घुटने के प्रत्यारोपण में होने वाला खर्च आयुष्मान कार्ड से नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि समान्य मरीज बिना आयुष्मान कार्ड धारक का घुटने का प्रत्यारोपण का आपरेशन किया जाएगा। आपरेशन करने वाली टीम में अस्पताल पीएमएस डाॅ. राजेश गुप्ता, डाॅ. निष्ठा गुलाटी, ओटी इंचार्ज संजय शर्मा, ओम शिव भेदी, हिमानी खन्ना, प्रमिला, श्वेता भारद्वाज, रोजरी, ओटी बाॅय सुरेश, दिनेश आदि रहे।
