
आम नागरिक प्राइवेट हाॅस्पिटलों को जाने को मजबूर
कोरोना के साथ—साथ डेंगू भी लोगों के सामने मुंह फाडे खड़ा
लीना बनौधा
हरिद्वार। श्री गुरू गोरक्षनाथ व्यापार मण्डल वरिष्ठ व्यापारी नेता डाॅ. नीरज सिंघल के नेतृत्व में खस्ता हाल हो चुके स्वास्थ्य विभाग और सत्ता के नशे में चूर प्रदेश सरकार को जगाने के लिए व्यापारियों ने मजबूर होकर डमरू बजाकर इनके खिलापफ प्रदर्शन करते हुए जगाने का प्रयास किया। गोरक्षनाथ व्यापार मण्डल के पूर्व अध्यक्ष संजय त्रिवाल ने कहा कि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को अब ग्रहण लग चुका है। जिला अस्पताल अब सिर्फ रेफर सेंटर बन कर रहे गया है। जब प्रदेश के मुखिया खुद स्वास्थ्य विभाग देख रहे हो तो इससे ज्यादा शर्म की बात क्या हो सकती है। हरिद्वार जिले की जनता को अभिशाप है कि छोटी से भी छोटी बीमारियों के लिए भी आम नागरिक प्राइवेट हाॅस्पिटलों को जाने को मजबूर हैं। तथा मोटे मोटे बिलों का भुगतान घर के बर्तन तक बेच कर हो रहा है। व्यापारी नेता राहुल शर्मा ने कहा कि सिर्फ घोषणा करने से समस्याओं का समाधान नहीं होता, आये दिन अल्ट्रासाउंड की मशीन खराब रहती है। मरीजों को प्राइवेट लैब में अधिक पैसे देकर जाँच करानी पड़ रही है। अभी हाल में ही व्यापार मण्डल के संरक्षक व्यापारी साथी की डेंगू से निधन हुआ है। इससे व्यापरियों में काफी आक्रोश है। सड़के गढ्डे बन चुकी है, जनप्रतिनिधि मूक दर्शक बनकर बैठे हैं। कोरोना के साथ गम्भीर बीमारी डेंगू के रूप में खड़ी है। इसका उपचार शायद कभी जिला अस्पताल में सम्भव हो सकें। डाॅ. नीरज सिंघल ने कहा कि शहर में हो रहे गढ्डों से आम जनता त्रास्त हो चुकी है। डेंगू से तभी लड़ना सम्भव है जब हम पानी भरे इन गढ्डों से निजात मिल सके। कोई ऐसे राजनीतिक दलों का नेता बताओं जिसने अभी तक जिला अस्पताल में आकर किसी गरीब लाचार मरीज की मदद के लिए हाथ बढ़ाया हो। शनिवार-रविवार लाॅकडाउन का अब तक क्या फायदा देखने को मिला। व्यापारी नेताओं और निजी संस्थाओं को जिन्होंने अपने खर्चे पर पूरे क्षेत्रों को सैनिटाइज कर के इतिहास रचा उनको आभार है। इसमे प्रदेश सरकार का योगदान सिर्फ शून्य रहा। अब टूट चुका व्यापारी वर्ग बेहाल हैं, सरकार के पास बड़े बड़े मठाधीशों के लिये तो करोड़ों रुपए है,पर महीनों से एक एक पैसे के लिए मोहताज हो चुके मध्यम वर्गीय परिवार व व्यापारियों के लिए खाली खजाने है। इस अवसर पर राजेन्द्र जैन, सागर सक्सेना, विकास त्रिवाल, अमन त्रिवाल, गोपाल दास, गगन, सचिन त्रिवाल, गुगलानी, सूरज कुमार, दिनेश कुकरेजा, मुकेश कुमार, महिंदर कुमार, विशाल महेश्वरी, राजेश अग्रवाल, ट्टषभ गोयल, छविकान्त, नितिन, अमन कुमार, सुनील कुमार, सतीश, बाबू चौहान आदि शामिल थे।