होम्योपैथिक उपचार की ओर बढ रहा लोगों का रूझान
सप्ताह में दो दिन मिर्गी व शुगर मरीजों का होगा उपचार
मुकेश वर्मा/ लीना बनौधा
हरिद्वार। होम्योपैथिक में जटिल बीमारियों का उपचार सम्भव होनेे की दिशा में अब लोगों का रूझान होम्योपैथिक की ओर बढ गया है। जिसका पता जिला अस्पताल परिसर में स्थित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में मरीजों की बढती संख्या से लगाया जा सकता है। होम्योपैथिक उपचार नया नहीं हैं लेकिन जनता में इसकी जानकारी का आभाव जरूर माना जा सकता है।

जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डाॅ. विकास ठाकुर ने बताया कि किसी भी प्रकार की समस्या के इलाज में होम्योपैथिक उपचार काफी असरदार साबित होता है, इसकी वजह है कि होम्योपैथी में किसी भी शारीरिक समस्या का इलाज जड़ से किया जाता है, ताकि वह शारीरिक समस्या या बीमारी फिर से न हो। होम्योपैथी इलाज में असर भले ही धीरे-धीरे होता है, लेकिन इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि डाॅक्टर ने किस तरह के नियमों का पालन करने के लिए कहा है, यदि डाॅक्टर के अनुसार यह दवाइयां नहीं ली गईं, तो इनका असर प्रभावित हो सकता है।
उन्होंने बताया कि होम्योपैथी में समय पर ली गई दवा बहुत असरदार होती है। इसके अतिरिक्त डाॅक्टर दवा लेने के तरीके के बारे में भी जानकारी देते हैं, जैसे दवा को किस तरह खाना है या जैसे कोई तरल दवा है तो उसे किसके साथ मिलाकर खाना है. इन सभी नियमों को ध्यान में रखना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक में जटिल से जटिल बीमारियों का उपचार सम्भव है। लेकिन होम्योेपैथिक उपचार के सम्बंध् में अधिक लोगों को जानकारी नहीं है। उनका प्रयास हैं कि होम्योपैथिक की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और उसका लाभ ले। कुछ बीमारी आम हो चुकी है। जिनमें एक शुगर रोग भी हैं, शुगर रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यह एक जिन्दगी भर चलने वाली बीमारी है जिसमें आपके रक्त शर्करा का स्तर नार्मल से ऊंचा हो जाता है। इस बिमारी को प्रबंधित करना कठिन लग सकता है मगर हजारो शुगर से प्रभावित लोगो ने एक अच्छी जीवन शैली, व्यायम, सही डाइट प्लान को पालन कर के इस बीमारी से जीत हासिल की है। लेेकिन रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य स्तर पर लाने के लिए कुछ दवाओं की भी आवश्यकता हो सकती है। अधिकांश शुगर रोगी अक्सर एलोपैथिक दवा का सेवन करते हैं। लेकिन होम्योपैथी में भी शुगर का उपचार सम्भव हैं जिसके चमत्कारी परिणाम आते है।
उन्होंने बताया कि एक मिर्गी रोग भी लोगों के लिए हैरान व परेशान करने वाला रोग है। लेकिन होम्योपैथिक में मिर्गी का उपयार भी सम्भव है। यह एक तरह का न्यूरोलाॅजिकल डिसआर्डर है, जिसमें मरीज के दिमाग में असामान्य तरंगें पैदा होने लगती हैं। यह कुछ वैसा ही है जैसे कि शाॅर्ट सर्किट में दो तारों के बीच गलत दिशा में तेज करंट दौड़ता है। इसमें मरीज को झटके-से महसूस होते हैं, वह जमीन पर गिर जाता है, दांत भिंच जाते हैं और वह कुछ देर के लिए बेहोश हो जाता है। 1 दिन के बच्चे से लेकर सौ साल के बुजुर्ग तक को मिर्गी हो सकती है। इस रोग का उपचार भी होम्योपैथिक में सम्भव है।
उन्होंने बताया कि सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को विशेष तौर पर शुगर और मिर्गी रोगियों के उपचार के लिए वह खुद जिला अस्पताल स्थित होम्योपैथिक चिकित्सालय में रहेगें। होम्योपैथिक चिकित्सालय मेें चिकित्सक डाॅ. दीपा वर्मा द्वारा आम दिनों में सभी प्रकार के रोगियों के उपचार के लिए लगातार अपनी सेवाएं दे रही है।
