
कांवड़ियों में भी होम्योपैथिक उपचार की ओर बढा रूझान
उपचार के लिए चिकित्सालय पहुंच रहे 100 से 150 मरीज
कांवड मेले में सेवाए देने में होम्योपैथिक चिकित्सालय भी पीछे नहीं
ओपीडी के पर्चा का झझट नहीं, दवाएं भी निशुल्क दी जा रही
लीना बनौधा
हरिद्वार। कांवड़ मेले में कांवड़ियों के भीतर होम्योपैथिक उपचार की ओर रूझान काफी देखा जा रहा है। जिला अस्पताल परिसर में स्थित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय मेें उपचार के लिए कांवड़ियों की भीड़ आम देखी जा सकती है। कांवड़ मेले में पहली बार कांवडियों को होम्योपैथिक उपचार की पहल राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक डॉ. दीपा चौधरी की सोच का नतीजा है। जिन्होंने होम्योपैथिक उपचार को कांवड़ मेले के माध्यम से विभिन्न प्रांतों से आने वाले कांवडियों के जरिये घर घर तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
कांवड़ मेले में होम्योपैथिक का कोई अलग से शिविर न लगाकर जिला अस्पताल परिसर में स्थित होम्योपैथिक चिकित्सालय से ही कांवड़ियों का उपचार के साथ-साथ होम्योपैथिक का प्रसार भी किया जा रहा है। जहां पर रोजना 100 से 150 कांवडियें उपचार के लिए पहुंच रहे है।

डॉ. दीपा चौधरी ने बताया कि कांवड़ मेले से पहले जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डॉ. विकास ठाकुर से राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार पहुंचने वाले कांवड़ियों का होम्योपैथिक के द्वारा उपचार करने तथा होम्योपैथिक का प्रचार किये जाने की अपनी विचार रखा था। जिसपर जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी द्वारा अपनी मोहर लगा दी। जिसके बाद कांवड़ियों को होने वाली अमूमन बीमारियों को ध्यान में रखते हुए होम्योपैथिक दवाओं को चिकित्सालय में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि रोजना चिकित्सालय में 100 से 150 कांवडिये उपचार के लिए पहुंच रहे है। कांवड़ियों में अधिकांश मरीज बुखार, उल्टी, दस्त, दर्द, कमजोरी, इंजरी, सूजन, मोच आदि के पहुंच रहे है। जिनको सम्बंधित की दवा दी जा रही है। राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में कांवड़ मेले में खास बात यह हैं कि यहां पर उपचार के लिए पहुंचने वाले कांवड़ियों से ओपीडी पर्चा तक नहीं बनवाया जा रहा हैं और दवाएं भी निशुल्क दी जा रही है। उनका प्रयास हैं कि हरिद्वार पहुंचने वाले कांवड़ियों को होम्योपैथिक से उपचार करते हुए उनमें होम्योपैथिक के बारे में भी जागरूक किया जाए।
बता दें कि राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में मात्र एक महिला चिकित्सक डॉ. दीपा चौधरी द्वारा भारी भरकम कांवड मेले में पूरे चिकित्सालय को सम्भालते हुए रोजना 100 से 150 मरीजों का उपचार कर रही है। चिकित्सालय में टीम के नाम पर उनके साथ वार्ड बॉय रामकुमार शर्मा और स्वच्छक सतीश कुमार है।