सामान्य खांसी जुकाम पर लोगों की टेस्टिंग के लिए दौड़
ऑक्सीजन व बैड की किल्लत की भी बात समाने आ रही
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर में जनपद हरिद्वार के हालत बेहद डरावने वाले हो गये है। कोरोना संक्रमण से कई लोगों असमय मौत के आगोश में समा चुके है। कोरोना संक्रमण से लोग इस कदर खौफजादा हैं कि सामान्य खांसी व जुकाम होने पर वह अपनी आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के लिए टेस्टिंग सेंटरों की ओर दौड़ लगा रहे है। जहां पर लोग तपती धूप में भी घण्टों लम्बी लाइन में लगकर अपनी टेस्टिंग करा रहे है। वहीं कई मरीजों के परिजनों के फोन भी मीडियों कर्मियों के पास पहुंच रहे हैं जोकि ऑक्सीजन की कमी और हाॅस्पिटल में बैड उपलब्ध् न होने की शिकायत कर रहे है। लेकिन प्रशासन हरिद्वार में ऑक्सीजन और हाॅस्पिटलों में बैड की कमी न होने के दावे कर रहा है।
बता दें कि देश के भीतर एकाएक कोरोना संक्रमण की दूसरे लहर लोगों पर कायमत बनकर टूटी है। देश के भीतर का हाल अभी तक हरिद्वार की जनता टीवी चैनलों पर देख कर सिहर रही थी, लेकिन उसको क्या मालूम था कि हरिद्वार को भी इसी तरह के हालत देखने को मिल सकते है। जनपद हरिद्वार में अचानक कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने वास्तव में खौफजादा कर दिया है। जिस तरह से हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के मरीजों में बढत्तोरी देखने को मिल रही है। उसको देखकर हर कोई हैरान व परेशान हैै। लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर इस कदर खौफ देखा जा रहा हैं कि सामान्य तौर पर होने वाली खांसी व जुकाम की शिकायत पर लोग अपना आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के लिए पैथोलोजिस्ट के यहां पर अपनी टेस्टिंग कराने के लिए घण्टों लाइन में लग कर टेस्ट कराना पड़ रहा है।
शहर के हालत ऐसे हैं कि लोगों को अपने कोरोना संक्रमित मरीजों को हाॅस्पिटलों में भर्ती कराने के लिए जुझना पड़ रहा है। लेकिन कुछ को तो हाॅस्पिटल में बैड नसीब हो गये, लेकिन कुछ ऐसे भी रहे जिनको हाॅस्पिटलों में बैड मिलना मुश्किल हो रहा है। वह अपने मरीजों को हाॅस्पिटल में भर्ती कराने के लिए या तो किसी की सिफारिश लगवा रहे या फिर इधर से उधर दौड रहे है। उसके बावजूद भी उनके मरीजों को बैड नसीब नहीं हो पा रहे है।
वहीं कुछ कोरोना संक्रमण मरीजों के परिजन सरकारी हो या फिर प्राईवेट अस्पताल के चिकित्सकों व स्टाॅफ पर लापरवाही का आरोप लगा रहे है। लेकिन चिकित्सक भी क्या करें? वह भी हालतों को कंट्रोल करने के लिए दिन रात एक कर मरीजों की देखभाल करते हुए अपनी जान जोखिम में डाल कर मरीजों का इलाज करने में जुटे है। कोरोना संक्रमण के बढते मामलों ने जहां जनता को बेहद परेशान हैं वहीं सरकारी हो या फिर प्राईवेट हाॅस्पिटल के चिकित्सक और स्टाॅफ भी कम परेशान नहीं हैं वह भी अपनी ओर से मरीजों की जान बचाने की हर मुमकिन कौशिश की रहे है। ऐसे में हम सब को जहां कोरोना संक्रमण से लड रहे मरीजों और उनकी जान बचाने में जुटे चिकित्सकों दोनों का मनोबल बढाने की जरूरत है।
