
प्रशासनिक आलाधिकारियों ने घटना स्थल का लिया जायजा
घटना में किसी के हताहत की कोई जानकारी नहीं
घटना पर लोगों का अलग-अलग मत, अधिकांश आकाशीय बिजली गिरना मान रहे
मुकेश वर्मा/ लीना बनौधा
हरिद्वार। तीर्थनगरी में मूसालाधार बरसात के चलते हरकी पौडी पर तड़केे दशकों पुरानी दीवार पूरी भरभरा का ढह गयी। जिसकी जानकारी लगते ही क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गयी। सूचना पर पुलिस आलाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया। गनीमत यह रही कि घटना में किसी के हताहत की कोई सूचना नहीं है। दीवार ढहने को लेकर लोगों के अलग—अलग मत है, कुछ लोग दीवार ढहने की वजह आकाशीय बिजली गिरना, तो कुछ गिरने वाली दीवार पर काफी लोड होना, तो कुछ सड़क खुदाई के चलते डाली जाने वाली लाइन के कारण खोदे गयेे गढ्ढे होने के चलते पानी की निकासी नहीं होना मान रहे है।
लेकिन इतना तय हैं कि अगर समान्य दिनों में अगर दीवार ढहती तो जनहानि होने से इंकार नहीं किया जा सकता था। बताते चले की तीर्थनगरी में तड़के करीब ढाई से तीन बजे के बीच मूसलाधार बरसात के चलते हरकी पौडी पर दशकों पुरानी 80-100 फूट लम्बी दीवार अचानक भरभरा कर ढह गयी। घटना से क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गयी। सूचना पर दिन निकलते ही गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ डीएम सी रविशंकर, एसएसपी सेथिंल अबुदेई कृष्णराज एस, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सीओ सिटी पूर्णिमा गर्ग आदि अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिन्होंने घटना स्थल का जायजा लेते हुए आसपास के लोगों से घटना के सम्बंध् में जानकारी जुटाई।
बताया जा रहा हैं कि घटना को लेकर लोग अपनी अपनी सम्भावनाए व्यक्त कर रहे है। जिनमें अधिकांश लोग घटना की वजह मूसालाधार बरसात के दौरान आकाशीय बिजली गिरना बता रहे है। लेकिन वहीं कुछ लोग दीवार ढहने की वजह दशकों पुरानी दीवार पर लोड अधिक होना और सड़कों के किनारे खोद कर डाली जाने वाली लाइनों का घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे है। वहीं गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ भी घटना को आकाशीय बिजली गिरना बता रहे है। हरकी पौडी पर ढहने वाली दीवार का मलबा ब्रहा्रकुण्ड आरती स्थल तक पहुंच गया है। प्रशासन द्वारा हरकी पौडी क्षेत्र में बिखरे मलबे को उठाने का काम शुरू कर दिया गया है। बता दें कि आम दिनों में हरकी पौडी पर हजारों लोग हमेशा मौजूद रहते है।
सोमवाती अमावस्या स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचते है, जोकि अगले दिन तक हरकी पौडी पर श्रद्धालुओं को जमावडा लगा रहता है। लेकिन कोेरोना काल के दौरान प्रशासन द्वारा हरकी पौड़ी क्षेत्र में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा है। जिसकारण हरकी पौडी क्षेत्र में किसी श्रद्धालु के मौजूद न रहने पर कोई हताहत नहीं हुआ है। लोगों का मनना हैं अगर यह घटना आम दिनों के दौरान घटित होती तो एक बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता था। घटना में किसी के हताहत न होना मां गंगा की कृपा ही मानी जा रही है।