
22 अप्रैल को होगी गौ माता के संरक्षण के प्रति जागरूकता यात्रा
नौ दिवसीय श्रीराम चरित्रा मानस कथा तथा गौ संकीर्तन का आयोजन
लीना बनौधा
हरिद्वार। गाय के संरक्षण के प्रति आम लोगों को ओर जागरूक करने के साथ ही गौवंश के पालन से आर्थिक मजबूती के साथ-साथ शारीरिक मजबूती का भी आधार बनता है। गौ-संरक्षण के लिए सरकार को और अधिक जागरूक होने की जरूरत है। यह बात यहां श्रीवेदलक्षणा गोकृपा नगर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए महंत रविन्द्रानंद गिरि महाराज ने कही।
उन्होंने कहा कि अखिल वेदलक्षणा गोवंश के संरक्षण, संवद्र्वन हेतु गोऋषि स्वामी दत्तशरणानंद जी महाराज की प्रेरणा से इस वंसतीय नवरात्र के प्रारम्भ होने के मौके पर पन्द्रह दिवसीय गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आगाज से मंगलवार से प्रारम्भ हो गया है। इस महोत्सव के दौरान वेद लक्षणा गौमाता के बारे में और अधिक जानकारी आम लोगों तक पहुचाना है। उन्होंने कहा कि आज के व्यस्तता भरे जीवन में गाय के दूध्, गौ-मूत्र के अर्क से काफी लाभ हो रहा है। वैश्विक महामारी के इस दौर में केवल पंचगव्य के सेवन से रोग प्रतिरोध्क क्षमता बढ़ेगी।
श्रीवेदलक्षणा गौ गंगा कृपा महोत्सव के दौरान इस सम्बन्ध् में अगले पन्द्रह दिनों तक प्रति दिन विद्वान संतो द्वारा इस सम्बन्ध् में जानकारियां दी जायेगी। 22 अप्रैल को गौ माता के संरक्षण के प्रति जागरूकता को लेकर एक विशेष यात्रा आयोजित की जायेगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि गौ सेवा से हमें धर्म् के साथ अर्थ और जीवन की प्राप्ति होती है। मगंलवार से नौ दिवसीय श्रीराम चरित्रा मानस कथा तथा गौ संकीर्तन का आयोजन परम गोवत्सव राधा कृष्ण जी महाराज के सानिध्य में किया गया है। इस दौरान गौ माता के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी कार्य किया जायेगा।
वार्ता में मौजूद उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष राज्य मंत्री पं0 राजेन्द्र अणथ्वाल ने कहा कि आयोग देशी गाय के संरक्षण का कार्य कर रही है। सरकार निराश्रिम गायों के लिए प्रति दिन प्रति गाय 9 रूपये देकर गाय को बचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि गौ संरक्षण के लिए हर स्तर पर कार्य किये जा रहे है, पंचायत से लेकर नगर निगम तक सभी को इस सम्बन्ध् में सरकार आदेश दे चुकी है। पहली बार 2014 के बाद से गौ, गंगा, गायत्री की बात सरकार कर रही है। आने वाले समय में निश्चित ही इससे देश को लाभ होगा। वार्ता के दौरान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के परम गोवत्सव राधा कृष्ण जी महाराज, वैध भी मौजूद रहे।