
हरिद्वार मेयर ने समर्थन देकर वापस लिया, मेयर के दोगलेपन की निंदा
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। उत्तराखण्ड जनरल-ओबीसी इम्प्लाईज एसोसिएशन ने आज पन्द्रहवें दिन एआरटीओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर हुई सभा की अध्यक्षता स्वास्थ्य विभाग की श्रीमती संगीता शर्मा एवं मंच संचालन राज्यकर विभाग के मिनेश भट्ट द्वारा किया गया। आन्दोलनरत कर्मचारियों ने एआरटीओ द्वारा जारी बयान की निंदा की, जिसमें एआरटीओ द्वारा कहा गया कि आज सोमवार से वाहनों के पंजीकरण किये जायेगें। कर्मचारियों के धरने के कारण एआरटीओ कार्यालय में कोई पंजीकरण कार्य नहीं हुआ। धरना स्थल पर ऊर्जा विभाग के कर्मचारी एवं इन्जीनियर्स ने भारी संख्या में उपस्थित होकर हड़ताल को अपना पूर्ण समर्थन दिया। कल से प्रदेश के समस्त विभागों के सरकारी वाहन चालकों द्वारा भी हड़ताल में उतरते हुए सरकारी वाहनों का चक्का जाम करने का ऐलान किया। धरने के दौरान संगठन को यह भी जानकारी प्राप्त हुई कि कोषागार निदेशालय द्वारा राज्य के किसी भी प्रकार के देयकों के भुगतान पर रोक लगा दी गई है। हड़ताली कर्मचारियों ने एक स्वर में हरिद्वार मेयर के उस बयान की भी निंदा की, जिसमें उन्होने आन्दोलन के समर्थन में दिये गये पत्र से पल्ला झाड़ लिया। इस बात को लेकर कर्मचारियों ने तीखे तेवर अपनाते हुए कहा कि मेयर स्वयं जनरल वर्ग का प्रतिनिधित्च करती है ऐसे में उनके द्वारा असमन्जस की स्थिति अपनाना शोभनीय नहीं है। कर्मचारियों ने कहा कि मेयर इस गलत फहमी में न रहें कि उनकी जीत 20 प्रतिशत एससी/एसटी वर्ग के कारण हुई है, उन्होनें कहा कि जनरल ओबीसी के कर्मचारी एवं उनके परिवार हमेशा मेयर के इस बयान का ध्यान रखेंगें कि उन्हें जनरल-ओबीसी वर्ग से कोई लेना देना नहीं है। आज धरना स्थल पर जिलाध्यक्ष दीपक राजपूत एवं जिलामंत्री देवेन्द रावत ने कहा कि सरकार के कुछ नुमाइन्दों द्वारा आन्दोलन को तोड़नें के लिए अनेंक प्रकार के हथकंडे अपनाये जा रहे है, जिसमें पुराने वीडीओ एवं अखबारों के बयानों को सोशल मीडिया पर जानबूझकर भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए फैलाया जा रहा है। उन्होनें कहा कि आन्दोलनरत कर्मचारी किसी भी प्रकार के बहकावें में नहीं आने वाला है और अपनी मांग पूरी होने तक पीछे नहीं हटेगा। सभा को सम्बोध्ति करते हुए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य के प्रान्तीय महामंत्री दिनेश लखेड़ा एवं सिंचाई विभाग के विनोद कान्त भट्ट ने कहा कि प्रदेश में जनरल-ओबीसी का कोई भी कर्मचारी कार्य नहीं कर रहा है। उन्होने कहा कि सरकार असंवेदनशील है किन्तु कर्मचारी संवेदनशील है, जिस कारण प्रदेश में कोरोना के कहर को देखते हुए अतिआवश्यक सेवाओं विशेष कर स्वास्थ्य सेवाओं को हड़ताल से विरक्त रखा गया है, जिसमें मात्र ढाई घन्टे का कार्य बहिष्कार ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। उत्तरांचल मेडिकल एण्ड पब्लिक हैल्थ मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन के संरक्षक नीरज गुप्ता एवं आयुर्वेद विभाग के वैभव दीक्षित ने कोरोना वायरस के सम्बन्ध् में शासन द्वारा जारी एडवाजरी के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुए क्या करें-क्या न करें की जानकारी देते हुए कर्मचारियों से सावधानी बरतने की अपील की। उन्होंने बताया कि कल की धरना सभा में संगठन के स्तर से कर्मचारियों को पफेस मास्क एवं सेनेटाइजर वितरित किये जायेगें। इस मौके पर सतीश कुमार गौड़, यशपाल सिंह नेगी, आशीष्, पंकज गुप्ता, अचिन्त वर्मा, किरन पाल, नीरज त्यागी, प्रमोद चौहान, अमित उपाध्याय, योगेश गुप्ता, धीरेन्द्र सिंह, वी0के0 गुप्ता, आर0के0बागवाड़ी, सीमा पाल, अक्षय ऋषि, विनय चौहान, सुभाष बिजल्वान, उत्तम सिंह, पूनम यादव आदि उपस्थित रहे।