
विरोध प्रदर्शन के लिए पहुंचे नेता व कार्यकर्ता नाराज होेकर लौटे
मुख्यमंत्री से मिलने का मिला प्रतिनिधि मण्डल को समय, प्रदर्शन टला
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। काग्रेंस के विरोध् प्रदर्शन कार्यक्रम की उन्हीं के एक नेता ने हवा निकाल दी। मुख्यमंत्री के हरिद्वार कार्यक्रम के दौरान कुछ मुद्दों को लेकर काग्रेंस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन कर काले झण्डे दिखाने का कार्यक्रम की घोषणा की गयी थी। इस कार्यक्रम की जानकारी सोशल मीडिया सहित मोबाइल पर नेताओं व कार्यकर्ताओं को देते हुए एकजुटता दिखाने का आहवान किया गया था। जिसकी भनक लगते ही पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया और काग्रेंसी नेताओं से सम्पर्क कर कार्यक्रम को रद्द करने का अनुरोध् किया गया। बताया जा रहा हैं कि नेताओं ने पुलिस प्रशासन के अनुरोध् को ठुकरा दिया। नेताओं के अनुरोध पर भारी संख्या में काग्रेंसी नेता व कार्यकर्ता निर्धारित स्थल पर जुटने शुरू हो गये। वहीं पुलिस प्रशासन काग्रेंस के कार्यक्रम को लेकर गम्भीर नजर आयी और उनके पल पल की गतिविधियों पर नजर गढाये रही। इसी बीच पुलिस प्रशासन ने काग्रेंसी नेताओं को विरोध प्रदर्शन के बदले उनके पांच सदस्य प्रतिनिधि मण्डल को मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय तय कराते हुए बाजी मार ली। लेकिन अधिकांश नेता व कार्यकर्ता पुलिस प्रशासन की ओर से दिये गये प्रस्ताव पर सहमत नजर नहीं आये और विरोध् करते हुए काले झण्डे दिखाने का पक्ष देखे गये। लेकिन जब उन्हीं के एक नेता के दबाव में विरोध प्रदर्शन टाय-टाय फिश हो गया। बताया जा रहा हैं कि विरोध् प्रदर्शन समर्थक अपनी नाराजगी दिखाते हुए वहां से चले गये। बताते चले कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का रविवार को चार कार्यक्रम निर्धारित थे। जिसमें एक कार्यक्रम ऋषिकुल में आयोजित था, मुख्यमंत्री के सिड़कुल स्थित कार्यक्रम के पश्चात ऋषिकुल मैदान पहुंचना था, लेकिन काग्रेंसी नेता व कार्यकर्ता रोड धर्मशाला में एकत्रित होेकर वहां से विरोध् प्रदर्शन करते हुए मौके पर पहुंचकर काले झण्डे दिखाने का था। जिसकी तैयारी काग्रेंसियों द्वारा करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से काग्रेंसी नेताओं व कार्यकर्ताओं को भारी संख्या में पहुंचने का आहवान किया गया था। जिसकी भनक एलआईयू के द्वारा पुलिस प्रशासन को लग गयी। जिसके बाद नगर पुलिस अधीक्षक कमलेश उपाध्याय, सीओ सिटी अभय कुमार सिंह आदि अधिकारियों ने विरोध् प्रदर्शन की बागडोर सम्भालने वाले काग्रेंसी नेताओं से सम्पर्क कर कार्यक्रम को रद्द करने की बातचीत को दौर शुरू कर दिया। बताया जा रहा हैं कि विरोध् प्रदर्शन की बागडोर सम्भालने काग्रेंसी नेताओं द्वारा पुलिस प्रशासन के अनुरोध् को ठुकरा दिया और निर्धारित समय पर भारी संख्या में नेता व कार्यकर्ता रोड धर्मशाला में एकत्रित होने लगे। लेकिन पुलिस प्रशासन ने भी काग्रेंसियों के विरोध् प्रदर्शन को नाकाम करने के लिए अपनी पूरी तैयार कर ली थी। वहां पर सुबह से ही पुलिस बल सहित सीआईयू टीम को तैनात कर दिया गया। इसके बावजूद भी पुलिस अधिकारी काग्रेंसी नेताओं के सम्पर्क में रहकर विरोध् प्रदर्शन टालने का अनुरोध् किया जाता रहा। बताया जा रहा हैं कि इसी बीच नगर पुलिस अधीक्षक कमलेश उपाध्याय की ओर से विरोध् प्रदर्शन की बागडोर सम्भालने वाले काग्रेंसी नेताओं को मुख्यमंत्री से पांच सदस्य प्रतिनिधि मण्डल के मिलने तथा अपने बात रखते हुए ज्ञापन देने का समय दिलाने का् प्रस्ताव रखा गया। बताया जा रहा हैं कि रोड धर्मशाला में मौजूद भारी संख्या मे नेता व कार्यकर्ता विरोध् प्रदर्शन के मूड में देखे गये और गिरफ्रतारी देने की भी बात कही गयी। लेकिन ऐन वक्त पर शहर के एक काग्रेंसी नेता ने विरोध् प्रदर्शन के कार्यक्रम कर हवा निकाल दी। जिसने विरोध् प्रदर्शन की बागडोर सम्भाले मेयर पति एवं पूर्व सभासद अशोक शर्मा सहित अन्य नेताओं को स्पष्ट कर दिया कि जब प्रशासन उनको मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पांच सदस्य प्रतिनिधि मण्डल के मिलने का समय दे रहा है, तो विरोध् प्रदर्शन करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता। जिसके बाद पांच सदस्य प्रतिनिधि मण्डल के मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखने और ज्ञापन देने पर सहमति बन गयी। जिसके बाद विरोध् प्रदर्शन के पक्ष के नेता और कार्यकर्ता नाराज होकर वहां से यह कहते हुए जाते देखे गये कि उनको पहले कुछ कहकर बुलाया जाता हैं और अपने आप ही कुछ ओर तय कर लिया जाता है। हमारे पास कुछ काम नहीं हैं जो हम लोगों को बेफकूफ बनाया जाता है।