
*पीएमएस को पत्र लिखने के बाद अस्पताल समेत विभाग में मचा हड़कम्प
*अनशन के दौरान चिकित्साधिकारी ने अन्न त्यागा, नींबू पानी लेने की बात कही
*अंडर ट्रांसफर चिकित्सक डॉ. विकास दीप को रिलिव करने की प्रक्रिया शुरू
*पिछले एक सप्ताह से चिकित्साधिकारी काली फीती बांधकर कर रहे कार्य
*पूर्व में लिखे पत्र का संज्ञान ना लेने पर अनशन पर जाने को हुए मजबूर
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। जिला अस्पताल के जर्जर हालत को लेकर अस्पताल के एक चिकित्साधिकारी ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए अपने ही विभागीय अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चिकित्साधिकारी ने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखा है। जिसमें जर्जर हो चुकी जिला अस्पताल की इमारत का ध्वस्त कर जब तक नई इमारत नहीं बनाई जाती, तब तक महिला अस्पताल परिसर में 6 मंजिला बनी एमसीएच इमारत में जिला अस्पताल को संचालन के लिए दिये जाने को लेकर अन्न त्याग कर अनशन शुरू कर दिया है।
चिकित्साधिकारी ने पत्र में अनशन के दौरान नींबू पानी सेवन करने की बात कही है। चिकित्साधिकारी के अनशन पर चले जाने के बाद अस्पताल समेत विभाग में हड़कम्प मच गया है। वहीं जिला अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अंडर ट्रांसफर डॉ. विकास दीप को अस्पताल से पौड़ी के लिए रिलिव करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

बताते चले कि जिला अस्पताल में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. विकास दीप ने सोमवार को जिला अस्पताल हरिद्वार के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर जिला अस्पताल को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। चिकित्साधिकारी डॉ. विकास दीप ने पत्र में लिखा हैं कि पूर्व में लिखे गये पत्र का भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। उनकी मांग हैं कि जिला अस्पताल हरिद्वार की जर्जर हो चुकी इमारत को ध्वस्त कर नई इमारत बनाई जाए और जब तक इमारत बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक महिला अस्पताल परिसर में बनकर तैयार 6 मंजिला एमसीएच विंग इमारत में कार्य करने के लिए स्थानान्तरित किया जाए।
चिकित्साधिकारी डॉ. विकास दीप ने आगे लिखा हैं कि वह पिछले एक सप्ताह से अपनी मांग को लेकर विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराने के लिए काली पट्टी बांधकर कार्य कर रहे है। लेकिन उसके बावजूद उनकी मांगों को गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा है। कार्य बहिष्कार से मरीजों को होने वाली परेशानी से बचते हुए विभागीय अधिकारियों को नींद से जगाने के लिए आज से अन्न त्याग कर अनशन करने के लिए उनको मजबूर होना पड़ रहा है। लेकिन अनशन के दौरान नींबू पानी व नींबू वाली चाय का सेवन करेगें। और जब तक मेरा शरीर साथ देगा तब तक अस्पताल एवं मरीजों के प्रति अपना दायित्व निभायेगें। इस पत्र मिलने के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन में हड़कम्प मच गया है। अस्पताल प्रबंधन ने अनशन पर गये अंडर ट्रांसफर चिकित्साधिकारी डॉ. विकास दीप को अब ट्रांसफर स्थल पर रिलिव करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजेयश भारद्वाज ने बताया कि डॉ. विकास दीप का पत्र मिला है। उनके द्वारा जो अनशन शुरू करने की बात कही गयी हैं, वह गलत है। जिला अस्पताल के ध्वस्तीकरण करने और व्यवस्था के तौर पर अस्पताल को शिफ्ट करने का अधिकार शासन और विभागीय उच्च अधिकारियों को है। उनका जो भी आदेश होगा, उनका पालन कराया जाएगा। डॉ. विकास दीप अंडर ट्रांसफर हैं, जिनको रिलिव करने के सम्बंध में उनके पास पत्र आ चुका हैं, अब मिले पत्र के आधार पर डॉ. विकास दीप को ट्रांसफर स्थल पौड़ी के लिए रिलिव करने की प्रक्रिया की जा रही है।