
रिटायर्ड व निजी क्षेत्र के चिकित्सकों के वेतनमान में भारी अन्तर से हैं रोष
रिटायर्ड चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र में पे माइनस पेंशन किया उल्लेख
वेतन विसंगति को लेकर हरिद्वार में दो चिकित्सकों ने नहीं की ज्वाइनिंग
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. टंडन के सेवाओं से वंचित हुए शहर के लोग
तीन चिकित्सकों ने वेतन विसंगति को लेकर एचएनएम निदेशक को लिखा पत्र
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। उत्तराखण्ड में नेशनल हैल्थ मिशन द्वारा संविदा पर अगस्त 23 माह में यू कोड वी पे योजना के तहत 13 जनपदों में 24 चिकित्सकों की नियुक्ति की गयी थी। लेकिन अगर इस योजना के तहत हरिद्वार की बात करें तो जिला अस्पताल हरिद्वार में फिजिशियन और जनरल सर्जन और मेला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति हुई थी।
लेकिन आज तक जिन चिकित्सकों की अस्पतालों में नियुक्ति की गयी थी, उनमें किसी ने आज दिन तक ज्वाइनिंग नहीं ली है। जिसकी वजह वेतन विसंगति बतलाई जा रही है। बताया जा रहा हैं कि उत्तराखण्ड के सरकारी अस्पतालों में विभाग के नियमों के निर्देशों के तहत ईमानदारी से अपनी सेवाए देकर सेवानिवृत होने वाले चिकित्सकों के साथ यू कोड पी पेंशन योजना पर रखे गये रिटायर्ड चिकित्सकों के वेतनमान में भेदभाव किया जा रहा है। लेकिन चिकित्सकों के पास ज्वाइनिंग के लिए 30 सितम्बर तक का समय है। मगर जिस तरह रिटायर्ड चिकित्सकों में वेतनमान विसंगति को लेकर रोष हैं, उसको देखकर नहीं लगता कि उनके द्वारा ज्वाइनिंग की जाएगी।
जबकि निजी क्षेत्र से इस योजना में रखे गये चिकित्सकों को उनके कोड के आधार पर वेतनमान दिया जा रहा है। वहीं उत्तराखण्ड के सरकारी अस्पतालों से सेवानिवृत हुए चिकित्सकों को ज्वाइनिंग के समय उनको पे माइनस पेंशन से जोड़ दिया गया है। जबकि एक ही अस्पताल में निजी क्षेत्र और सरकारी अस्पताल से रिटायर्ड चिकित्सकों के वेतनमान में बड़ा अन्तर देखा जा रहा है। जिसके चलते जिला अस्पताल व मेला अस्पताल में नियुक्त किये गये वरिष्ठ फिजिशियन और रेडियोलॉजिस्ट ने ज्वाइनिंग नहीं ले पा रहे है।
एक ही राज्य में चिकित्सकों के लिए अलग-अलग नियम तैयार किये जाने को लेकर चिकित्सकों में भारी रोष है। चिकित्सको का आरोप हैं कि नेशनल हैल्थ मिशन के तहत यू कोड वी पेशन योजना के तहत संविदा पर रखे जाने वाले चिकित्सकों की विज्ञप्ति में रिटायर्ड चिकित्सकों को पे माइनस पेशन का कॉलम को छुपा कर रखा गया और रिटायर्ड चिकित्सकों को अंधेरे में रखकर उनसे पूरी औपचारिकता करायी गयी।
बताते चले कि उत्तराखण्ड राज्य में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए नेशनल हैल्थ मिशन के तहत यू कोड वी पेंशन योजना के द्वारा चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए अगस्त 23 माह में राज्य के 13 जनपदों के लिए 24 चिकित्सको के लिए विज्ञप्ति जारी की गयी थी। जिसमें चिकित्सकों को मिलने वाले वेतन की अधिकतम वेतनमान की सीमा 04 लाख रखी गयी थी। एनएचएम के माध्यम से रखे जाने वाले चिकित्सकों के साथ 11 माह का अनुबंध हैं।
बताया जा रहा है कि एनएचएम के तहत यू कोड वी पेंशन योजना पर अपनी सेवाए देने वाले इक्छुक चिकित्सकों ने आवेदन किया था। जिला अस्पताल में करीब एक साल से खाली पड़े जनरल सर्जन का पद पर नोएड से जनरल सर्जन डॉ. सुरेश वशिष्ठ और जिला अस्पताल से रिटायर्ड हुए वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संदीप टंडन और मेला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट पद पर हरिद्वार के पूर्व सीएमओ डॉ. शंभु कुमार झा को आवेदन के आधार पर नियुक्ति मिली। लेकिन आज दिन तक तीनों चिकित्सकों ने नियुक्ति स्थल पर अपनी ज्वाइनिंग नहीं ली है। जिसके पीछे का कारण वेतन विंसगति बताया जा रहा है।
चिकित्सकों का आरोप हैं कि उन्हांेने जो कोड किया था उनको नियुक्ति पत्र में नई शर्त को जोड़ दिया गया है। नियुक्ति पत्र में उल्लेख किया गया हैं कि उनके कोडे से पे माइनस पेंशन पर वेतनमान दिया जाएगा। इस नियुक्ति पत्र में लिखी गयी शर्त से रिटायर्ड चिकित्सक आवक है। चिकित्सकों का कहना हैं कि नेशनल हैल्थ मिशन द्वारा यू कोड वी पेंशन योजना के तहत जारी की गयी विज्ञप्ति में ऐसा कोई उल्लेख नहीं किया गया था।
नेशनल हैल्थ मिशन द्वारा केवल उत्तराखण्ड के सरकारी अस्पतालों से रिटायर्ड हुए चिकित्सकों के लिए ही लागू की गयी है। जबकि निजी क्षेत्र से आने वाले चिकित्सकों को कोड के मुताबिक वेतनमान दिया जा रहा है। नेशनल हैल्थ मिशन के दोहरे रवैये को लेकर उत्तराखण्ड से रिटायर्ड चिकित्सको में भारी रोष है। रिटायर्ड चिकित्सकों का आरोप हैं कि यू कोड वी पे योजना के तहत रखे जाने तक चिकित्सको को अंधेरे में रखा गया है। जिनको वेतनमान के बारे में पूरी जानकारी से वंचित रखा गया है।
रिटायर्ड चिकित्सकों का आरोप हैं कि उत्तराखण्ड से रिटायर्ड चिकित्सकों को पे माइनस पेशन के बाद वेतनमान करीब एक लाख दिया जाएगा। जबकि निजी क्षेत्र से आने वाले चिकित्सकों को तीन लाख से पौने चार लाख तक दिया जा रहा है, जोकि सरासर गलत हैं। उत्तराखण्ड से रिटायर्ड होने वाले चिकित्सकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जबकि रिटायर्ड चिकित्सकों को कई सालों का अनुभव होने के साथ-साथ राज्य के स्वास्थ्य विभाग के नियमों का ईमानदारी से पालन करते हुए अपनी सेवाए दी है।
बताया जा रहा है कि इससे पूर्व दो बार नेशनल हैल्थ मिशन के द्वारा यू कोड वी पेशन योजना के तहत रखे गये चिकित्सकों की नियुक्ति में ऐसी कोई शर्ते नहीं थी। इस बार यू कोड वी पेेंशन योजना के तहत पे माइनस पेंशन की नई शर्तो को अन्तिम समय में नियुक्ति पत्र में जोड दिया गया है।
नेशनल हैल्थ मिशन के तहत यू कोड वी पे योजना के आधार पर नियुक्त रिटायर्ड चिकित्सकों ने ऐन वक्त पर नियुक्ति पत्र में पे माइनस पेेंशन का उल्लेख से नाराज होकर तीन वरिष्ठ चिकित्सकों ने संयुक्त रूप से नेशनल हैल्थ मिशन के निदेशक को पत्र लिखकर सभी तथ्यों से अवगत कराया गया है। चिकित्सकों ने नेशनल हैल्थ मिशन निदेशक को पत्र लिखकर कहा हैं कि उन्होंने यू कोड वी पे मे विशेषज्ञ चिकित्सक साक्षात्कार में 22 अगस्त 23 को शामिल हुए थे।
जिसमें उनका चयन किया गया था। चयन समिति के समझ मानदेय हेतु जो सहमति हुई थी, लेकिन उनको मिले नियुक्ति पत्र में उसका उल्लेख न होकर पे माइनस पेंशन लिखा गया है। जिसका उल्लेख जारी विज्ञप्ति में नहीं किया गया था और ना ही चयन समिति के समक्ष इस पर चर्चा की गयी थी। नियुक्ति पत्र में उल्लेख किये गये पे माइनस पेंशन में संशोधन करने की बात कही गयी है। लेकिन पत्र को दिये गये दो सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी तीनों चिकित्सकों को कोई सकरात्मक जबाब नहीं मिल पाया है।