
सत्यम आटो कम्पनी से निकाले गये तीन सौ श्रमिकों में बहाली को लेकर फिर उबाल
श्रमिकों ने कम्पनी प्रबंधक को चेताया, बड़ा आंदोलन की दी चेतावनी
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। श्रम विभाग श्रमिकों के हितों की नहीं, बल्कि उधोगपतियों के हितों की रक्षा करते हुए उसकी मिली भगत से सिड़कल कम्पनी में कार्यरत श्रमिकों का उत्पीडन किया जा रहा है। तभी तो सिड़कुल हरिद्वार स्थित फैक्ट्रीयों में लगातार श्रमिकों पर हो रहे अत्याचार व उत्पीड़न से बेखबर श्रम विभाग चैन नींद सो रहा है। जब भी सोये श्रम विभाग को जागने का काम श्रमिकों द्वारा किया गया। तब तब उत्पीड़न की आवाज उठाने वाले श्रमिकों की आवाज को श्रम विभाग की सह पर उधोगपतियों द्वारा दबाने का काम किया जा रहा है। इस बात की जानकारी करीब डेढ साल पूर्व सत्यम आटो कम्पनी से निकाले गये श्रमिक महीपाल सिंह ने कुछ साथियों के साथ आज प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि करीब डेढ साल पूर्व यानि 17 अप्रैल 17 को सत्यम आटो कम्पनी प्रबंधन ने तीन सौ श्रमिकों को बिना नोटिस दिये ही निकाल दिया। श्रमिको का कसूर बस इतना था कि उन्होंने अपनी कुछ मांगों को कम्पनी प्रबंधक के सामने रखी थी जिस में वेतन वृद्धि मांग भी शामिल थी। लेकिन कम्पनी प्रबंधक द्वारा श्रमिकों की मांगों को दर किनार कर श्रम विभाग की मिलीभगत से बिना नोटिस दिये उनको एक झटके में ही नौकरी से निकाल दिया। तभी से तीन सौ श्रमिक अपनी बहाली के लिए सघर्षरत है। उन्होंने बताया कि जबकि निकाले गये सभी श्रमिक स्थायी कर्मचारी थे जिनको दस साल काम करते हुए हो चुके थे। जबकि कम्पनी में 415 श्रमिक कार्यरत थे। तीन सौ श्रमिकों को बाहर का निकाल कर बचे 115 श्रमिकों को अपनी शर्ताे पर काम पर रखा गया, उनमें से भी धीरे-धीरे कई श्रमिकों को भी नौकरी से निकाल दिया है। कम्पनी प्रबंधक द्वारा नौकरी से निकाले गये तीन सौ श्रमिकों के दो श्रमिक तो मानसिक तनाव के चलते मौत के ग्रास भी बन चुके है। जिनमें श्रमिक दिनेश रावत निवासी कोटद्वार और गौरव कुमार बिरला निवासी सहारनपुर है। उन्होंने बताया कि नौकरी से निकाले गये श्रमिकों ने शासन-प्रशासन सहित सरकार से भी बहाली के लिए गुहार लगाने के बाद केवल कोरे अश्वासन के अलावा ओर कुछ नहीं मिला। शासन-प्रशासन और सरकार उनकी कोई सुध् नहीं ले रहा हैं और उनके परिवार को भूखा मरने के लिए छोड दिया है। श्रमिकों ने अपनी बहाली के लिए 6 सितम्बर 19 को भी देहरादून के परेड ग्राउण्ड में एक दिवसीय धरना भी दिया गया। इतना ही नहीं रैली निकाल कर सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से ज्ञापन भी सरकार तक पहुंचाया गया। मगर उसके बावजूद हमको न्याय नहीं मिल रहा है। इतनी बडी तादात में बिना कारण व नोटिस जारी किये गये श्रमिकों को एक झटकें में नौकरी निकालने के मामले के बाद भी सरकार नहीं जागी है। उन्होंने चेतावनी दी हैं कि अगर सत्यम आटो कम्पनी प्रबंधक ने निकाले गये श्रमिकों को बहाल नहीं किया तो श्रमिक फिर एक जुट होकर कम्पनी के खिलाफ बिगूंल बजाते हुए बड़ा आन्दोलन खडा करेगें। उनको अन्य संगठनों का भी पूरा समर्थन भी मिल रहा है। जिसकी जिम्मेदारी कम्पनी प्रबंधक की होगी। प्रेसवार्ता के दौरान सूरज नेगी, चन्द्रेश आदि मौजूद थे।