
आयुष्मान कार्ड पर मरीज को किया भर्ती, बाद में किया इंकार
मृतक के परिजनों ने हॉस्पिटल पर लगाया गुमराह करने का आरोप
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। हॉस्पिटल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की मनमानी के चलते फीस जमा न करने पर एक मरीज की मौत हो गयी। बताया जा रहा हैं कि हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा आयुष्मान कार्ड पर मरीज का इलाज करने से इंकार कर दिया, परिवार की माली हालत कमजोर होने के कारण फीस जमा करने में असमर्थ रहे। इसी बीच मरीज को उपचार न मिलने के कारण मरीज ने दम तोड दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जागरण में माता की भेट गाने वाला गायक मोहन भट्ट निवासी जगजीतपुर कनखल की रविवार की दोपहर को अचानक तबीयत बिगड गयी। जिसको परिजन अनन फनन में उपचार के लिए देशरक्षक तिराहे जगजीतपुर रोड पर स्थित एक हॉस्पिटल ले जाया गया। बताया जा रहा हैं कि परिजनों को आयुष्मान कार्ड की सुविधा मिलने की जानकारी मिलने के बाद मरीज को भर्ती कराया गया। जहां पर मरीज का उपचार शुरू कर दिया गया।
बताया जा रहा हैं कि करीब एक घण्टा बाद हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से पांच हजार रूपये काउंटर पर जमा करने तथा बीस हजार रूपये दवा का बिल जमा करने के लिए कहा। जिसपर मरीज के परिजनों ने हॉस्पिटल के चिकित्सकों से कहा कि उनको तो आयुष्यमान कार्ड की सुविधा मिलने की जानकारी देकर मरीज को भर्ती कराया गया था। लेकिन एन वक्त पर वह 25 हजार की रकम जमा नहीं कर सकते। जिसको लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया, विवाद इतना बढा कि किसी ने मीडिया को मामले की जानकारी दी।
आरोप हैं कि मीडिया कर्मी पहुंचने पर हॉस्पिटल प्रबंधन ने भी बाहर से कुछ युवकों को बुला लिया और उन्होंने मीडिया कर्मियों के साथ जमकर अभद्रता करते हुए उनको बाहर धक्कियाने की कौशिश की गयी। बताया जा रहा हैं कि मामला बढता देख परिजन मरीज को कही ओर ले गये। जहां पर मरीज की देर रात मौत हो गयी। परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबधन पर गुमराह करने तथा मरीज को समय पर उपचार न मिलने के कारण मौत के लिए हॉस्पिटल को जिम्मेदार ठहराया है।
मृतक के बेटे मनीष भट्ट ने आरोप लगाया कि पहले हॉस्पिल में आयुष्यमान कार्ड सुविधा मिलने की जानकारी देकर उसके पिता को भर्ती कर लिया। उपचार शुरू करने के एक घंटे बाद 25 हजार जमा कराने के लिए दबाव डाला गया। हॉस्पिटल प्रबंधन ने उनको गुमराह किया। जिसकारण उनके पिता की मौत हुई है। कनखल प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार लुंठी ने बताया कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई प्रकरण नहीं आया है। ना तो पीडित पक्ष की ओर से कोई शिकायत की गयी हैं और ना ही हॉस्पिटल प्रबध्ंन की ओर से कोई हंगामें की सूचना दी गयी।