
*एक महिला समेत कई घायल, पुलिस की चिठ्ठी बनी पीडितों के लिए जी का जंजाल
*जीडी हॉस्पिटल के चिकित्सक पर घायलों पर पुलिस चिठ्ठी ना होने पर मेडिकल व उपचार ना करने का आरोप
*आरोपः संगठन के कार्यकर्त्ता ने महिलाओं समेत अनुयायियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
*घटना को लेकर थाना पथरी पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल, पीडितों ने जडे आरोप
*पीडित अनुयायियों ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर की घटना की शिकायत, आरोपियों पर कार्यवाही की मांग
मुकेश वर्मा/सीमा बनौधा
हरिद्वार। संत रामपाल के अनुयायियों पर थाना पथरी क्षेत्र में पुस्तक सेवा के दौरान हिन्दुवादी संगठन के कार्यकर्त्ताओं द्वारा जानलेवा हमला करने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप हैं कि हिन्दुवादी संगठन के कार्यकर्त्ताओं ने तीन महिलाओं समेत छः अनुयायियों को लाठी-डण्डे और बैल्टों से दौड़ा-दौडा कर पीटा गया। हमले में एक महिला समेत कई लोग घायल हुए है। जिनमें महिला की हालत गम्भीर बताई जा रही है। घटना को लेकर थाना पथरी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खडे हो रहे है।

आरोप हैं कि पीडित अनुयायियों के थाना पथरी में लिखित में शिकायत करने पर भी पुलिस ने कोई गम्भीरता नहीं दिखाई। पुलिस से मेडिकल के सम्बंध में चिठ्ठी ना मिलने पर घायल महिला का जिला अस्पताल में ना तो मेडिकल और ना उपचार हो सका। पूरे प्रकरण को लेकर संत रामपाल के अनुयायियों ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर थाना पुलिस और हमलावरों के खिलाफ शिकायत की है।

संत रामपाल के अनुयायी ओमकार ने बताया कि हम 25 जुलाई की सुबह करीब 10-11 बजे थाना पथरी क्षेत्रान्गर्त धारी वाला क्षेत्र में तीन महिलाओं समेत छः अनुयायी पुस्तक सेवा में थे। आरोप हैं कि इसी दौरान अचानक हिन्दुवादी संगठन के कुछ कार्यकर्त्ताओं ने उनपर लाठी-डण्डे और बैल्टों से हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से अनुयायी घबरा गये और अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग पड़े। आरोप हैं कि हिन्दुवादी संगठन के कार्यकर्त्ताओं ने उनको दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। और जान से मारने की धमकी देकर भाग खड़े हुए।

उन्होंने बताया कि हमले में एक महिला समेत तीन लोगों को काफी चोट आई है। जिनमें एक महिला जिसका नाम मौनी हैं, उसको गम्भीर चोट आई है। आरोप हैं कि पीडित अनुयायियों ने थाना पथरी पहुंचकर घटना की लिखित में शिकायत की गई। लेकिन पुुलिस ने शिकायत का कोई संज्ञान नहीं लिया और ना ही घायलों के उपचार सम्बंध में उनकेा कोई चिठ्ठी ही दी गयी। आरोप हैं कि पीडित अनुयायी जब घायलों को लेकर क्षेत्र स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचे तो उनको पुलिस से चिठ्ठी लाने की बात कहते हुए बैंरग लौटा दिया।
उन्होंने बताया कि जब महिला मौनी को उपचार के लिए गम्भीर हालत में रात करीब 10-11 बजे जिला अस्पताल लाया गया। आरोप हैं कि जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने भी पुलिस की बिना चिठ्ठी के घायल महिला का मेडिकल करने से इंकार करते हुए वहां से भेज दिया। इतना ही नहीं इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने घायल का उपचार करना भी मुनासिब नहीं समझा। जिसके बाद वह लोग घायल महिला को निजी हॉस्पिटल ले गये। जहां पर महिला मौनी की हालत गम्भीर देखते हुए उसको हॉयर सेंटर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया।
ओमकार ने बताया कि पूरे प्रकरण को लेकर आज हम लोग थाना पथरी पुलिस की कार्यशैली और अज्ञात हमलावरों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचकर घटना के सम्बंध में तहरीर देकर अपनी पीडा जाहिर करते हुए शिकायत की है।