सीमा बनौधा
हरिद्वार। गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे कांवडिये भारी संख्या में मां मंशा दंवी और मां चंडी देवी पैदल दर्शानार्थ पहुंच रहे है। जोकि मां भगवती के दर्शन करते हुए अपनी परिवार व शुभचितंकों की कुशलता की कामना के साथ-साथ अपनी मन्नत भी मांग रहे है। मां मंशा देवी और मां चंडी देवी मंदिर में कांवडियों की भारी भीड उमड़ने को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व व्यवस्था को पुख्ता बदोबस्त किये गये है। मन्दिरों में तैनात पुलिस बल कांवडियों व श्रद्धालुओं को लाइन में लगाकर उनको माता के दर्शन करा रहे है।

मनसा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री माना जाता है, और उन्हें नागों की देवी भी कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार मनसा देवी ने भगवान शिव से मिलने और अपने सत्य को जानने के लिए वर्षों तक तपस्या की थी। मनसा देवी मंदिर सिद्ध पीठ माना जाता है, जहाँ भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मनसा देवी को सर्प दोष, प्रजनन क्षमता और समृद्धि के लिए भी पूजा जाता है।

चंडी देवी, देवी भगवती का चंडी रूप हैं, जिन्होंने शुंभ और निशुंभ नामक राक्षसों का वध किया था। चंडी देवी मंदिर नील पर्वत पर स्थित है और इसे 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार चंडी देवी मंदिर का इतिहास देवासुर संग्राम से जुड़ा है, जब देवताओं ने देवी भगवती से राक्षसों से मुक्ति के लिए प्रार्थना की थी।
